Saturday - 6 January 2024 - 11:21 PM

चीन से अमरीकी कंपनियों की घर बुलाने की कोशिश शुरु

  • चीन से अमरीकी कंपनियों को वापिस बुलाने के लिए एक प्रस्ताव पेश
  •  सासंद मार्क ग्रीन ने ‘द ब्रिंग अमरीकन कंपनीज होम ऐक्ट’ नाम का पेश किया प्रस्ताव

न्यूज डेस्क

अमेरिका और चीन के बीच वार बढ़ता जा रहा है। अमेरिका लगातार चीन को निशाने को निशाने पर लिए हुए हैं। पिछले दिनों अमेरिकी सीनेट में चीन के मुसलमानों को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया गया था और अब अमरीका के एक जानेमाने नेता ने संसद में चीन से अमरीकी कंपनियों को वापिस बुलाने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है।

सांसद द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि जो कंपनियां चीन में अपना मैनुफैक्चरिंग युनिट बंद कर अमरीका आना चाहती हैं उनके लिए खास आर्थिक मदद देने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

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दरअसल अमेरिका कोरोना महामारी के लिए चीन के जिम्मेदार मानता है। कोरोना महामारी की वजह से अमेरिका को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है। अमेरिका में अब तक कोरोना संक्रमण के कारण 90 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 15.08 लाख है।

अमेरिकी सासंद मार्क ग्रीन ने ‘द ब्रिंग अमरीकन कंपनीज होम ऐक्ट’ नाम का एक प्रस्ताव संसद में पेश किया है। इसमें कंपनी के चीन से वापिस लौटने का पूरा खर्च कवर करने की बात की गई है। उनका सुझाव है कि चीन से आयात होने वाले सामान पर आयात कर लगा कर जो पैसे मिलें उससे ये खर्च पूरा किया जा सकता है।

मार्क ग्रीन कहते हैं, “अमरीकी अर्थव्यवस्था अपने पैरों पर खड़ी हो सके इसके लिए में देश में निवेश बेहद जरूरी है, लेकिन अमरीकी कंपनियों के देश लौटने में सबसे बड़ी समस्या इसमें होने वाला खर्च है। एक वक्त जब पूरा विश्व आर्थिक परेशानी से गुजर रहा है ऐसे में अमरीकी कंपनियों के लिए ये कदम खर्च बढ़ाने वाला और जोखिम लेने वाला हो सकता है।”

सांसद ने चीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “चीन ने ये स्पष्ट कर दिया है कि वो एक भरोसेमंद मित्र नहीं है। अमरीका को फिर से आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि अमरीका चीन पर अपनी निर्भरता खत्म करे। हमारे लिए ये नए रास्ते खोलने का मौका है। हम आर्थिक मदद के जरिए देश में निवेश बढ़ा सकते हैं। “

इसके साथ ही कोरोना महामारी के बीच चीन अमरीकी निवेशकों का फायदा न उठा सकें और अमरीकी नेशनल सिक्योरिटी के लिए रणनीतिक तौर पर अहम किसी तरह का महत्वपूर्ण निवेश न कर सके इसके लिए अलग से “सिक्योर आवर सिस्टम्स अगेन्स्ट चाइनाज टैक्टिक्स ऐक्ट” भी पेश किया है।

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इसके अलावा नेता रॉन राइट और मार्क वीजी ने एक एयरपोर्ट इफ्रास्ट्रक्चर रीसोर्सेस सिक्योरिटी ऐक्ट पेश किया है। उनका कहना है कि ये ऐक्ट चीनी साइबर हमलों से अमरीका के क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बचाने के लिए है।

इसके पहले राष्टï्रपति ट्रंप ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि अमेरिका चीन से सारे रिश्ते खत्म करने की धमकी दी थी। 14 मई को ट्रंप फॉक्स बिजनेस को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “हम बहुत कुछ कर सकते हैं। हम सारे संबंध खत्म कर सकते हैं।”

ट्रंप ने फिर ख़ुद ही पूछा, “अगर ऐसा हुआ, तो क्या होगा?” और जवाब दिया, “आप 500 अरब डॉलर बचा लेंगे अगर आपने सारे संबंध तोड़ लिए तो।”

दरअसल ट्रंप का इशारा चीन के साथ द्विपक्षीय व्यापार में अमेरिका के विशाल घाटे की ओर था। अमेरिका पिछले कुछ समय से चीन पर वायरस को लेकर मुआवजा देने के लिए दबाव बना रहा है। वो उस पर महामारी की शुरुआती जानकारी छिपाने का आरोप लगाता है, पर चीन लगातार इससे इनकार करता रहा है।

दरअसल ट्रंप के चीन-विरोधी बयानों को कई लोग नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति के तौर पर भी देख रहे हैं।

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