Sunday - 21 January 2024 - 8:39 PM

ओपिनियन

370 हटने के बाद भी अब निराश क्यों होने लगे हैं कश्मीरी पंडित ?

उत्कर्ष सिन्हा बीते 5 अगस्त को जब देश की संसद में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने की घोषणा हुई थी , तो देश के दूसरे हिस्सों में विस्थापन का दर्द सह रहे कश्मीरी पंडितों के चेहरे पर मुस्कान थी । उन्हे लग रहा था कि सरकार के इस …

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नेताओं को युवाओं की नहीं राजनीति की ज्यादा चिंता

राजीव ओझा भारत में व्यावसाइक कालेजों में शिक्षा का गिरता स्तर लगातार गिर रहा है। कॉलेज तो खुलते जा रहे लेकिन छात्र नहीं मिल रहे। इन कॉलेजों से जो छात्र डिग्री लेकर निकल रहे वो अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय मानकों पर खरे नहीं उतरते और बेरोजगार रह जाते। भारत में उच्च …

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उत्‍तर प्रदेश में भी निकलेगा नागरिकता का जिन्‍न

सुरेंद्र दुबे  उत्‍तर प्रदेश में भी अब नागरिकता का जिन्‍न बाहर निकल सकता है। अभी तक उत्‍तर प्रदेश में रहने वालों को विभिन्‍न प्रकार की नौकरियों में सिर्फ ये सिद्ध करना होता था कि वे उत्‍तर प्रदेश में ही पैदा हुए हैं इसलिए उत्‍तर प्रदेश के नागरिक हैं। परंतु उत्‍तर …

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सीएम योगी की नजर अब धार्मिक सुधार पर

केपी सिंह राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक सुधारों के साथ धार्मिक सुधार की भी देश में बड़ी आवश्यकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यभार संभालते ही धार्मिक कुरीतियों की प्रतिक्रिया में एक कार्यक्रम में कुछ जगह पंडों द्वारा की जा रही अराजकता को लेकर कह दिया था कि ऐसा करने वाले …

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सफलता हेतु कथनी और करनी में समानता आवश्‍यक

डा. रवीन्‍द्र अरजरिया समाज में सुव्‍यवस्‍था कायम रखने के लिए अनुशासनात्‍मक तंत्र की महती आवश्‍यकता होती है। ऐसी व्‍यवस्‍था के लिए सभ्‍यता के बाद से प्रयास किए जा रहे। कभी कबीलों के कायदे, तो कभी रियासतों के कानून। कभी राज्‍यों के संविधान तो कभी गणराज्‍य के स्‍वरूप की परिकल्‍पना का …

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एक ही फील्ड पर खेल रहे हैं भारत-पाकिस्तान

सुरेंद्र दुबे  भारत और पाकिस्‍तान दो ऐसे मुल्‍क हैं जो हमेशा एक-दूसरे की बुराई करते रहते हैं। एक-दूसरे को धकियाते व लतियाते हैं। पर दोनों अंदर से मिले-मिले हैं। दोनों का एजेण्‍डा एक ही है। अपने घर में झांकने के बजाए पड़ोसी के घर में झांकना और फिर इतनी झांव-झांव …

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आरक्षण पर संघ की लाइन से भारतीय समाज के सुनहरे समायोजन की उम्मीदें जागी

के.पी सिंह आरक्षण पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के 19 अगस्त को नई दिल्ली में ज्ञान महोत्सव के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए दिये गये भाषण में व्यक्त विचारों पर माहौल गरमा गया था। सामाजिक न्याय के समर्थकों ने जहां इसे आरएसएस में समता की व्यवस्था को लेकर संचित …

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गाय अम्मा के कंधों पर अर्थव्यवस्था का बोझ

सुरेन्द्र दुबे पिछले दिनों हमने एक अथश्री भैंस कथा लिखी थी। इसका काफी विरोध भी हुआ था। गायें भी इसकों लेकर इनफीरियारटी कांप्लेक्स से पीड़ित हो गई थीं। उनका कहना था कि हमारे नाम पर केन्द्र से लेकर राज्यों में सरकार बन गई और आज भी हम वोट दिलाने का …

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ऊपर वाले को ही कर्ता मानने वाली सरकार अब खुद कुछ करने को तैयार

के पी सिंह करने वाला तो ईश्वर है, जो वह करेगा वही होगा। रोजमर्रा में इस सूक्ति वाक्य को दोहराने वाली सरकार अब खुद कुछ करने की सोच रही है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। लखनऊ के भारतीय प्रबंधन संस्थान में रविवार और सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने …

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ऐसे तो लोग हँसते रहेंगे, मरते रहेंगे

राजीव ओझा चाहे घुसपैठियों का मामला हो या आम जनता से से जुड़ा कोई गंभीर मुद्दा, समस्या का समाधान हो इसके पहले ही राजनीति शुरू हो जाती है। भारत में पूरब और पश्चिम से घुसपैठ गंभीर राजनीतिक समस्या है। लेकिन बंगाल में ममता बनर्जी और कश्मीर में तथाकथित सेक्युलर नेता …

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