रिपु सूदन सिंह इस वैश्विक संकट मे पृथ्वी अवसाद, आशंका और दुख से भर गयी है। मानो काल-अंतराल की गति रुक गयी है। कोरोना वाइरस ने आधुनिक सभ्यता को ही चुनौती दे डाला है। ऐसे हालात मे कुछ लोग धर्म धारण करने को कह रहे है। वैसे विगत दो दशकों …
Read More »ओपिनियन
नकारात्मक अंधरे में सकारात्मक उजाले
लॉकडाउन के चलते अपराध और प्रदूषण में काफी कमी कोरोना ने बदल दी लोगों की सोच, लौट रहे पारिवारिक मूल्यों की ओर वायरस के खिलाफ विलपावर और केमिकल हथियार हैं कारगर राजीव ओझा तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ गया है। यह पहले और दूसरे विश्वयुद्ध से बिलकुल भिन्न है। तीसरे विश्वयुद्ध में …
Read More »#coronavirus : अभी भी लोग नहीं जानते हैं सोशल डिस्टेंसिंग जैसे शब्दों के मायने
ओम दत्त कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी को कोविड-19 इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह वायरस साल 2019 में शुरू हुआ था इसीलिए इसमें 19 जोड़ा गया। देश में कोरोनावायरस महामारी के चलते 21 दिनों का लॉकडाउन हो चुका है। विशेषज्ञ मानते हैं कि 130 करोड़ की आबादी वाले …
Read More »आंगनबाड़ी तो बंद, लेकिन नहीं है टीएचआर की व्यवस्था
भोजन के अधिकार अभियान ने सरकार को भेजी रैपिड रिपोर् भूखे पेट कोविड 19 से लड़ना होगा कठिन, रूबी सरकार कोविड का संकट घना है। इसके लिए सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है। प्रदेश में ऐहतियातन आंगनबाड़ी केन्द्र और स्कूलों को बंद कर दिया गया है और यहां …
Read More »CoronaDiaries : अपने अपने संकट, अपनी अपनी चाल
अभिषेक श्रीवास्तव एक राज्य के फलाने के माध्यम से दूसरे राज्य से ढेकाने का फोन आया: “भाई साहब, बड़ी मेहरबानी होगी आपकी, मुझे किसी तरह यहां से निकालो। फंसा हुआ हूं, पहुंचना ज़रूरी है। मेरे लोग परेशान हैं।” अकेले निकालना होता तो मैं सोचता। साथ में एक झंडी लगी बड़ी …
Read More »Corona Diaries : लोग हांफना शुरू कर चुके हैं
अभिषेक श्रीवास्तव आज बहुत लोगों से फोन पर बात हुई। चौथा दिन है बंदी का, लग रहा है कि लोग हांफना शुरू कर चुके हैं। अचानक मिली छुट्टी वाला शुरुआती उत्साह छीज रहा है। चेहरे पर हवा उड़ने लगी है। कितना नेटफ्लिक्स देखें, कितना फेसबुक करें, कितना फोन पर एक …
Read More »कोई भी ऐसी स्थिति के लिए कभी तैयार नहीं होता
रतन मणि लाल देश क्या, दुनिया में कोई भी ऐसी अप्रत्याशित स्थिति के लिए कभी तैयार नहीं रह सकता जिसमे पूरा देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के अधिकतर देश अधिकारिक रूप से ‘बंद’ हो जाएं। देशों के बीच सभी तरह का आवागमन बंद हो, सीमाएं बंद हो जाएँ, देश …
Read More »अगर आज जिंदा होते डॉ. लोहिया…
केपी सिंह “वे व्यक्तिगत रूप से अम्बेडकर जी और मोरे के बारे में नहीं जानते लेकिन कभी-कभी अफसोस होता है कि ऐसे लोग सार्वजनिक और सार्वभौमिक बनने की कोशिश नहीं करते।” दलित नेतृत्व की इस दुर्बलता को लेकर डॉ. लोहिया बहुत परेशान रहते थे। मुम्बई के एक साथी नन्दकिशोर ने …
Read More »शिवराज के सामने राजकाज की शैली बदलने की चुनौती
कृष्णमोहन झा मध्यप्रदेश में एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाल ली है। 13 साल तक लगातार तीन बार मुख्यमंत्री पद के दायित्व का निर्वहन कर चुके शिवराज सिंह चौहान भारतीय जनता पार्टी के इतिहास के पहले ऐसे व्यक्ति हैं ,जो चौथी बार भारतीय जनता …
Read More »जरूरी बात : बिना जागरूकता नहीं रुकेगा ये संक्रमण
धर्मेन्द्र मलिक कोरोना वायरस छूत की महामारी है। सरकार के सामने नागरिकों की जागरूकता के बिना संक्रमण को रोक पाना चुनौती ही नहीं असंभव कार्य है। आज समाज ही नहीं अपितु पूरे मानव सृष्टि एक ऐसी आपदा से जूझ रही है जिसका अभी चिकित्सा विज्ञान में न तो कोई ईलाज …
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