नवेद शिकोह माता-पिता नहीं चाहते कि उसकी संतानों के बीच ज़रा भी मनमुटाव हो, तो परमात्मा को कितना बुरा लगता होगा जब उसके बंदे धर्म,जाति, त्योहार,मंदिर या मस्जिद को लेकर आपस में लड़ते हैं। मानवता का तकाजा है सामाजिक सौहार्द, और यही परमात्मा की सबसे बड़ी इबादत है। ऐसी इबादत …
Read More »ओपिनियन
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: जनजातीय महिलाओं की शक्ति को नई उड़ान दे रही सरकार
संपत्तियां उइके अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस केवल उत्सव का अवसर नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में हुई प्रगति का मूल्यांकन करने और भविष्य की रणनीति तय करने का दिन भी है। भारत में महिला सशक्तिकरण की बात हो और जनजातीय महिलाओं की अनदेखी हो, यह संभव नहीं। जनजातीय महिलाएँ अपनी …
Read More »सवाल तो ये है कि आखिर हम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कब तक मनाएंगे?
सोनल कुमार संसार में आने से पहले जब भगवान लाटरी बांट रहे थे, मेरी आत्मा एक ही चीख पुकार रही थी की इस बार जो भी रूप मिले उसमें सम्मान मिले। भगवान ने भी लीला दिखाई, लॉटरी में मेने स्त्री शक्ति पाई। स्त्री के इस रूप में सम्मान तो होली …
Read More »अमेरिका की हरकत से माओवादी केंद्र में उबाल, ओली से की संज्ञान लेने की अपील
यशोदा श्रीवास्तव काठमांडू।भारतीय नागरिकों की ही तरह अमेरिका ने नेपाल के नागरिकों हथकड़ी और बेड़ियों के साथ नेपाल वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नेपाल की ओली सरकार तो अमेरिका के इस हरकत पर खामोश है लेकिन प्रमुख विपक्षी दल माओवादी केंद्र ने इस पर नाराजगी जताई है …
Read More »कैसे बचेगी NAAC ग्रेडिंग की प्रतिष्ठा !
प्रो. अशोक कुमार राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) प्रमाणन देश भर में उच्च संस्थानों में प्रदान की जाने वाली शिक्षा के मानक का मूल्यांकन करने का एक उपाय है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग , यूजीसी , ने साल 1994 में एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि प्रत्येक विश्वविद्यालय …
Read More »मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास के स्वर्ण युग का सुप्रभात
संपत्तिया उइके मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित ऐतिहासिक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट मुख्यमंत्री मोहन यादव के मुख्यमंत्री मोहन यादव के उस शुभ संकल्प का सुखद प्रतिफल है जो आज से सवा साल पहले पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने …
Read More »संस्कृति एवं साहित्य में बेहद प्रगाढ़ता है काशी और द्रविड़ की
शशिकांत मिश्र भारत की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत में काशी और द्रविड़ क्षेत्र की गहरी जड़ें हैं। काशी, जिसे वाराणसी के नाम से भी जाना जाता है, प्राचीन भारत की सांस्कृतिक राजधानी मानी जाती है। यह न केवल सनातन धर्म और आध्यात्मिक चिंतन का केंद्र रही है, बल्कि साहित्य, संगीत, …
Read More »इमोशंस की रात है शब-ए-बारात
शबाहत हुसैन विजेता शब-ए-बारात, गुनाहों से माफ़ी की रात। रूहों की आज़ादी की रात। अपने पुरखों और अज़ीज़ों के लिए अल्लाह से दुआ की रात। उर्दू महीने शाबान की 14 तारीख को होती है शब-ए-बारात। दुनिया भर के कब्रिस्तानों में सिर्फ यही एक रात होती है जब सबसे ज़्यादा रौनक …
Read More »प्रयागराज में ज़मज़म और अमृत का संगम
नवेद शिकोह मज़हबी बहस मैंने की ही नहीं, फ़ालतू अक़्ल मुझ में थी ही नहीं। धर्म क्या है मजहब किसे कहते, हमें ज़्यादा समझ तो थी ही नहीं। अकबर इलाहाबादी का शहर जिसे अब प्रयागराज नाम से जाना जाता है, यहां की बहुत सारी ख़ूबियां बेमिसाल हैं। सबसे मशहूर है …
Read More »Shaheed Diwas 2025 : महात्मा गांधी को जवाब चाहिये
डॉ सीपी राय बहुत आश्चर्यचकित है हिंदुस्तान आज उन ताकतों के द्वारा महात्मा गांधी की माला जपने से जिनके आदर्शो ने आज से 77 वर्ष पूर्व महात्मा गांधी की महज शारीरिक हत्या कर दी थी ,लेकिन बापू मरे नही. अपने विचारों और आदर्शो के साथ वो आज भी जिन्दा है …
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