Thursday - 11 January 2024 - 7:54 PM

ओपिनियन

प्राकृतिक अजूबों को भी नष्ट कर सकता है जलवायु परिवर्तन 

डॉ.  सीमा जावेद यदि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि जारी रहती है तो दुनिया के सबसे आश्चर्यजनक प्राकृतिक स्थानों के अद्वितीय जानवर और पौधे विलुप्त हो सकते हैं।  जर्नल बायोलॉजिकल कंज़र्वेशन  में प्रकाशित एक नए वैज्ञानिक अध्ययन में यह चेतावनी सामने आई है। हालाँकि पेरिस समझौते के जलवायु लक्ष्यों के भीतर …

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क्या उत्तराखंड की बढ़ती गर्मी बनी जंगलों में लगी आग का सबब?

डॉ सीमा जावेद जंगलों में लगने वाली आग अब तक हमें अमेरिका और ब्राज़ील की याद दिलाती हैं। लेकिन अब, आग लगने की ख़बर हमारे अपने उत्तराखंड के जंगलों से फ़िलहाल आ रही है। अटपटा सिर्फ यही नहीं कि भारत के जंगलों में आग लगी है। जंगलों में आग लगना …

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कोरोना काल में विदेशी सरकारों की अग्निपरीक्षा

कृष्णमोहन झा जानलेवा कोरोना वायरस के बारे में यह कहा जाता है कि 2019 के अंत में चीन की एक प्रयोगशाला से निकल कर उसने सारी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था वह इतना लंबा अंतराल बीत जाने के बाद भी दुनिया के अनेकानेक देशों के लिए गंभीर …

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भूमध्यरेखा पर ग्लोबल वार्मिंग का असर, समुद्री जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

डॉ. सीमा जावेद  एक नए अध्ययन से पहली बार यह पता चला है कि जलवायु परिवर्तन के चलते समुद्री जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। यहाँ तक की भूमध्यरेखा और ट्रॉपिक्स पर पानी में गर्मी इस कदर बढ़ चुकी है कि वहां से तमाम समुद्री जीवन की प्रजातियाँ दूर जा …

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समस्याओं के निदान के लिए त्यागना होगा नकल संस्कृति

डा. रवीन्द्र अरजरिया जीवन की आपाधापी में लोगों ने समस्याओं का अम्बार लगा लिया है। शारीरिक सुख और थोथे सम्मान की चाहत में भौतिक वस्तुओं की भीड़ में निवास स्थान एक अजायबघर बनकर रह गया है। यही अजायबघर विभिन्न समस्याओं का कारक बनता जा रहा है। कभी एसी खराब तो …

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उपभोक्तावादी दैत्य की नकेल कसने के लिए सामने आ रहा है सनातनी धर्म

के पी सिंह इस्लामी उसूलों की आधुनिक आतंकवादी परिणितियां अमेरिका की देन हैं। सोवियत कम्युनिष्ट प्रभाव को छिन्न भिन्न करने के लिए सीआइए ने इस्लामी सिद्धांतों की व्याख्याओं को तोड़ा मरोड़ा और यह शैतानी साजिश जब विकराल हो गई तो इसका कहर अमेरिका और उसके हमदम तमाम देशों पर ही …

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लाकडाउन नहीं अब टीकाकरण जरूरी

कृष्णमोहन झा कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश के अनेक  राज्यों में होली का रंग फीका कर दिया। सर्वाधिक कोरोना प्रभावित राज्यों की सरकारों ने इस बार होलिका दहन  की परंपरा का प्रतीकात्मक रूप से निर्वहन किए जाने के आदेश पहले ही जारी कर दिए थे। धुलेंडी का त्योहार …

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कोरोनाकाल में भारत की एकात्म दृष्टि को मिली वैश्विक सराहना

कृष्णमोहन झा देश के अनेक राज्य सालभर के अंदर दूसरी बार  कोरोना के प्रकोप का सामना कर रहे हैं और अब लोगों को   वही संयम और सावधानी बरतने के लिए जागरूक करने की आवश्यकता है जिसके बल पर गत वर्ष हमने  भयावह कोरोना संकट पर विजय हासिल की थी।  राष्ट्रीय …

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हाथी के दांतों की तरह का सरकारी व्यवहार

डा. रवीन्द्र अरजरिया कोरोना महामारी की दूसरी बार दस्तक होते ही सरकारों ने एक बार फिर स्वस्थ अमले पर चाबुक चलाना शुरू कर दिया है। पहले चरण की जी तोड मेहनत करने वाले धरातली कर्मचारियों पर कडाई बरतने का क्रम शुरू होते ही उनमें असंतोष की लहर दौडने लगी है। …

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चार्वाकवादी पैटर्न पर चल रही सरकार की नीतियों का अजीबो गरीब लब्बोलुआब

के पी सिंह ऋषियों की लीक से हटकर भी एक परंपरा रही है। इस परंपरा के प्रतिनिधि ऋषियों की समूह वाचक संज्ञा लोकायत कही गई है। इस परंपरा के एक प्रख्यात ऋषि हुए हैं- चार्वाक। उनका चर्चित सूत्रवाक्य रहा है जब तक जिओ सुख से जिओ और उधार लेकर घी …

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