Sunday - 21 January 2024 - 2:27 PM

ओपिनियन

1947 से 2020 तक : ये कहाँ आ गए हम ?

डा. चंद्र प्रकाश राय  आज़ादी के बाद आज़ादी की लडाई की सूत्रधार, कर्ताधर्ता कांग्रेस थी जिसने कुर्बानियाँ दिया था और बस एक सपना लेकर चली थी की मुल्क को सैकड़ो साल की गुलामी से आजाद करवाना है और तानाशाही शासन से लडते वक्त कहाँ पता होता है की एक दिन …

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जो बाइडेन भी समझते हैं भारत के साथ मैत्री का महत्व

कृष्णमोहन झा दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति पद की बागडोर अब डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन के हाथों में आती दिख रही है जो मतगणना पूरी होने के पहले ही अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हो चुके हैं। यद्यपि जीत का दावा करने में उन्होंने शुरू से ही …

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कोरोना महामारी, भारत और कुपोषण

प्रीति सिंह पिछले महीने बच्चों से जुड़ी एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसमें कहा गया था कि कोरोना महामारी की वजह से गरीबी और बढ़ेगी और इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ेगा। 20 अक्टूबर को “ग्लोबल एस्टिमेट ऑफ चिल्ड्रन इन मोनिटरी पॉवरिटी: एन अपडेट” ने एक रिपोर्ट जारी किया …

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नतीजे जो भी हों मगर अमेरिकी चुनावों के इन संकेतों को समझिए

डॉ.  उत्कर्ष सिन्हा एक अमेरिकी विश्लेषक ने चुनावी नतीजों के रुझान आने के बाद कहा – “ ऐसा लगता है कि अमेरिका ने अपने पॉकेट को आगे रखा और नैतिकता की बातों को खूंटी पर टांग दिया है।     लंबे समय बाद ऐसा हो रहा है कि अमेरिका का नया …

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सवाल है कि पर्याप्त उपज होने के बावजूद महंगाई इस कदर बेलगाम क्यों हो गई है?

प्रीति सिंह बिहार के चुनावी मैदान में कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यूपीए के शासनकाल में बीजेपी के लिए महंगाई डायन थी और अब उनकी भौजाई बन गई है। तेजस्वी का कहना सही है। यूपीए के शासनकाल में महंगाई को लेकर बीजेपी …

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बड़ा मलहरा जैसे उप-चुनावों के मायने

डा. रवीन्द्र अरजरिया बड़ा  मलहरा (छतरपुर)। देश की राजनैतिक नैतिकता एक बार फिर कटघरे में खडी हो गई है। उसी नैतिकता का महाकुम्भ अंतिम पड़ाव पर है। संविधान के अनुशासन में बंधा आम आदमी मतदान करके अपने प्रतिनिधि का चयन करेगा। प्रतिनिधि का क्षेत्र के प्रति दायित्वबोध कब कहां करवट …

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‘जंगलराज’ बन गया है एनडीए के चुनावी उम्मीद की डोर

कुमार भवेश चंद्र बिहार में मंगलवार को दूसरे दौर के मतदान के साथ प्रदेश के वोटर अपने लिए नई सरकार चुनने की दिशा में एक और मजबूत बढ़ा देंगे। चुनावी बयार तेज है। बेरोजगारी दूर करने के तेजस्वी के 10 लाख वादे को लेकर बिहार में विचार मंथन तेज है। …

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तो क्या ओवेसी के साथ यूपी में दलित-मुस्लिम कार्ड खेलेंगी मायावती !

नवेद शिकोह “यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में ओवेसी के साथ बसपा का गठबंधन दलित-मुस्लिम कार्ड खेलकर चौका सकता हैं। फिलहाल यूपी में भाजपा के साथ मायावती के मधुर रिश्ते हैं और बिहार में वो ओवेसी के साथ गठबंधन धर्म निभा रही हैं। अलग-अलग दिशाओं के इन नये दोस्तों मे …

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आखिर सरकारें कब पूरा करेंगी सुशासन देने का वादा?

प्रीति सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम ही सुशासन बाबू हैं। बिहार की जनता ने उन्हें सत्ता में इसीलिए सौंपा था कि बिहार के जंगलराज को खत्म कर सुशासन स्थापित करेंगे, लेकिन हालात इसके इतर है। बिहार में स्वास्थ्य, शिक्षा, क्राइम, रोजगार जैसी अनगिनत समस्याएं मुंह बाएं खड़ी …

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बिहार चुनाव में क्या कर रहे हैं राहुल गांधी?

प्रीति सिंह बिहार का चुनावी महासंग्राम चरम पर है और चर्चा में सिर्फ तेजस्वी यादव, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार हैं। वैसे तो बिहार की लड़ाई एनडीए बनाम महागठबंधन की थी, पर अब यह तेजस्वी बनाम एनडीए हो गई है। बिहार के चुनावी संग्राम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ताबड़तोड़ …

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