Tuesday - 16 January 2024 - 6:32 PM

आजम खान पर लटक रही है गिरफ्तारी की तलवार

सुरेंद्र दुबे 

अपनी घटिया जुबान और विवादास्पद बयानों से चर्चा में रहने वाले सपा के कद्दावर नेता आजम खान इन दिनों मुकदमों के अंबार के नीचे दब से गए हैं। या यूं कहे कि उन्‍हें मुकदमों के नागपाश ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। पिछले लगभग दो माह से शायद ही ऐसा कोई दिन जाता हो जब आजम खान अखबार न छपे हो और उनपर कोई न कोई मुकदमा न दर्ज किया गया हो। आजम खान को मनमाने ढंग से भूमि हथियाने के आरोप में भू-माफिया भी घोषित किया जा चुका है और उनपर रासुका भी लगा दिया गया है। आजम खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

मामले की गंभीरता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि आजम खान की जोहर यूनिवर्सिटी के मुख्‍य सुरक्षा अधिकारी आले हसन खान के विरूद्ध लुक आउट नोटिस जारी कर दिया गया है। आले हसन इस समय फरार चल रहे हैं। आले हसन पूरे प्रकरण में सहअभियुक्‍त हैं और उनके विरूद्ध  प्रशासन की सख्‍ती इस बात का स्‍पष्‍ट संदेश है कि आजम खान और आले हसन दोनों को पुलिस आसानी से छोड़ने वाली नहीं है।

आपको बता कि इस तरह के लुक आउट नोटिस विजय माल्‍या,  नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे धनकुबेरों के विरूद्ध जारी किए जाते हैं, जिनके अरबों-खरबों की संपत्ति लेकर विदेश भाग जाने की आशंका होती है।

आप लोगों को याद होगा कि लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खान उस समय सुर्खियों में आए थे, जब उन्‍होंने प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्‍याशी जया प्रधा पर अर्मयादित व भद्दी टिप्‍पणी कर दी थी। उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था और अब इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। अब मामला कोर्ट में है इसलिए कभी-भी उनके खिलाफ वारंट जारी हो सकता है।

सपा सरकार में आजम खान का इतना जलवा था कि उनके द्वारा स्‍थापित जोहर यूनिवर्सिटी की ओर प्रशासन आंख दिखाने की हिम्‍मत नहीं कर पाता था। सारे नियम कायदों को तोड़कर यूनिवर्सिटी के आजीवन चांसलर आजम खान के हर हुक्‍म को अफसर मानते थे। बड़े पैमाने पर नियमों को तोड़ा मरोड़ा गया। पर किसी भी अफसर की चूं करने की हिम्‍मत नहीं हुई।

अब भाजपा सरकार में आजम खान पर विद्युत गति से मुकदमें दर्ज हो रहें हैं। सरकार सीधे उनकी गिरफ्तारी कर आलोचना से बचना चाहती है। इतने मुकदमें हो गए हैं कि किसी न किसी मुकदमें से गिरफ्तारी की शुरूआत की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

चलिए देखते हैं आजम खान के मुकदमों के नागपाश में फंसने की राम कहानी। 13 जुलाई को आजम खान और उनके करीबी पूर्व सीओ सिटी आले हसन खां के खिलाफ पहली बार जमीन हड़पने के आरोप में रामपुर के किसानों द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया। किसानों की शिकायत की जांच कराने के बाद राजस्व निरीक्षक मनोज कुमार ने रामपुर के थाना अजीम नगर में धारा 342, 447, 506 और 384 में मुकदमा दर्ज कराया।

डीएम आंजनेय कुमार सिंह के अनुसार, 26 किसानों ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उनकी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने के खिलाफ एसडीएम से कार्रवाई करने को कहा गया था। किसानों की शिकायत के बाद जमीन की खतौनी के आधार पर जांच की गई। जांच में स्पष्ट हुआ कि जमीन तो उन्हीं के नाम है, लेकिन जमीन की लोकेशन जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर है। जौहर यूनिवर्सिटी में चारों तरफ वॉल बनाकर उस जमीन को हड़प लिया गया।

इस खुलासे के बाद योगी सरकार हरकत में आई और एसआईटी से इस मामले की जांच के आदेश दिए, जिसमें यूनिवर्सिटी के अंदर 13.842 हेक्टेयर शत्रु सम्प्पति का मामला सामने आया। इसके बाद जिलाधिकारी सदर के न्यायालय ने आजम खान के मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर जा रहे सार्वजनिक मार्ग से अनधिकृत कब्जा हटाने के आदेश दिए। साथ ही उप जिलाधिकारी सदर रामपुर प्रेम प्रकाश तिवारी ने क्षतिपूर्ति के रूप में आजम खान पर 3 करोड़ 27 लाख 60 हज़ार रुपये का जुर्माना भी ठोंका।

आजम खान के खिलाफ जमीन कब्जाने के एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज होने के बाद उनका नाम उत्तर प्रदेश एंटी भू माफिया पोर्टल पर दर्ज कर दिया गया है। आजम खान के खिलाफ भूमाफिया घोषित किये जाने के बाद से अब तक 27 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। उन पर किसानों की जमीन हड़पने का आरोप है। रामपुर के ही किसानों ने आजम खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई हैं।

इसके अलावा मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी से संबंधित 140 बीघा जमीन की लीज को भी रद्द कर दी है। यह जमीन समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान उन्हें 30 साल की लीज पर मिली थी। साथ ही ये बात भी सामने आई थी कि इस जमीन को जब लीज पर दिया गया था उस वक्त भी कई नियमों और कानूनों को ताक पर रख दिया गया था।

सरकार द्वारा गठित एसआईटी अभी-भी आजम खान व आले हसन के विरूद्ध दर्ज कराई गई कई शिकायतों की जांच कर रही है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि इन दोनों पर और कितने मुकदमें दर्ज हो सकते हैं। आजम खान कि ओर से अपने बचाव में अभी तक किसी कानूनी दावपेंच की खबर नहीं है।

(लेखक वरिष्‍ठ पत्रकार हैं, लेख उनके निजी विचार हैं)

ये भी पढ़े: ये तकिया बड़े काम की चीज है 

ये भी पढ़े: अब चीन की भी मध्यस्थ बनने के लिए लार टपकी

ये भी पढ़े: कर्नाटक में स्‍पीकर के मास्‍टर स्‍ट्रोक से भाजपा सकते में

ये भी पढ़े: बच्चे बुजुर्गों की लाठी कब बनेंगे!

ये भी पढ़े: ये तो सीधे-सीधे मोदी पर तंज है

ये भी पढ़े: राज्‍यपाल बनने का रास्‍ता भी यूपी से होकर गुजरता है

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com