Saturday - 13 January 2024 - 9:52 AM

अतग्गा, बारहा, एक्जाई का होता है संगम तो बनता है अमिताभ बच्चन

राजीव ओझा

देर आए दुरुस्त आये, 77 साल के अमिताभ बच्चन को फिल्म जगत का सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के अवार्ड दिया जायेगा। आपको पता ही कि अमिताभ बच्चन यूपी में प्रयागराज मतलब इलाहाबाद के हैं। फिल्म जगत का सर्वोच्च सम्मान दिया जाना पूरे उत्तर प्रदेश और खासकर इलाहाबाद के लिए गर्व की बात है। लेकिन अमिताभ तो फिल्म जगत ही नहीं, टीवी, सोशल मीडिया और पूरे इन्टरनेट जगत के शहंशाह हैं। इलाहाबाद के पानी और माटी में ही कुछ बात है जहां से अमिताभ जैसा महानायक निकलता है। वैसे हर इलाहाबादी अपने आप में बेताज बादशाह होता है।

क्या है अतग्गा, बारहा, एक्जाई?

कहा जाता है गंगा जमुना और सरस्वती के संगम पर बसे प्रयागराज यानी इलाहाबाद के पानी और माटी में कुछ है। आजादी की लड़ाई हो, पढाई हो, साहित्य हो या फिर सियासत, हर इलाहाबादी की अपनी अलग है रियासत और उसका वह बादशाह है। यही है इलाहाबादीपन। खांटी इलाहाबादियों की नजर इलाहबाद की माटी में पले बढे लोगों में तीन ख़ास तत्व पाए जाते हैं। ये हैं- अतग्गा, बारहा, एक्जाई।

अतग्गा मतलब रंगबाज। इलाहाबादी कैसा भी हो, सींकिया पहलवान हो, छोटा हो, बड़ा हो लेकिन उसकी बॉडीलैंग्वेज से रंगबाजी झलकती है। बारहा मतलब वो शख्स जिसमें बारह हाथ वाले व्यक्ति जैसा काम करने की चमत्कारिक शक्ति हो, वह थकता नहीं और कुछ भी कर सकता है। और एक्जाई मतलब अद्भुत प्रतिभा का धनी यानी एक्स्ट्राऑर्डिनरी आवाज और व्यक्तित्व का मालिक। इत्तफाक से इलाहाबादी पानी और माटी के ये तीनों गुण अमिताभ बच्चन में हैं।

कहा जाता इलाहाबादी कायस्थ बहुत होशियार होते हैं। तभी तो अमिताभ पहले कांग्रेसी थे, फिर सपाई हुए। बीजेपी से उनकी करीबी नहीं रही लेकिन गुजरात के ब्रांड अम्बेसडर बन गए। कभी अमर सिंह से बहुत दोस्ताना था लेकिन अब बोलचाल बंद है पर दुश्मनी नही है।

अमिताभ ने बाराबंकी में खेत खरीदा था लेकिन विवाद होने पर उससे दूरी बना ली। अब यूपी के किसान भी हैं अमिताभ। लखनऊ के काकोरी में करीब दस बीघा खेत का काश्तकार हैं। वैसे इटावा में उनके नाम पर एक सरकारी इंटर कॉलेज भी है लेकिन उसको लेकर अमिताभ बहुत सक्रिय या उत्साह नहीं दिखाते।

अभिनय, आवाज और इलाहाबादी अन्दाज का संगम

फिल्म हो या मनोरंजन जगत, अमिताभ बच्चन जैसा बनना सबका सपना होता। लेकिन अमिताभ रातोंरात न तो स्टार बने, न महानायक। उन्होंने भी बहुत धक्के खाए, बहुत संघर्ष किया, मृत्यु से भी संघर्ष किया। अभिनय, आवाज और इलाहाबादी अन्दाज का जब संगम होता है तब जाकर बनता है अमिताभ बच्चन। वही अमिताभ जो …खईके पान बनारस वाला… गाता है तो उसके अभिनय में भी इलाहाबादी नजर आता है।…..

क्या में… होई गवा… अब मुंह का ताक रहे हो, अमिताभ एतना बड़ा ईनाम पाइन हैं कुछ पान वान खिअइबो….!

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