Wednesday - 10 January 2024 - 8:36 AM

Tag Archives: Rajeev Ojha

फंतासी जो 40 साल बाद सच हो रही

1981 में लिखे गए उपन्यास “द आईज ऑफ़ डार्कनेस” में आश्चर्यजनक ढंग से 2020 में वायरस फैलने की बात कही गई है उपन्यास की कहानी और वुहान में कोरोना वायरस फैलने की घटना में अद्भुत समानता राजीव ओझा इस समय पूरी दुनिया में चर्चा सिर्फ कोरोना की हो रही है। …

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नफरत की इस आग में साबुत बचा न कोय

दो महीनों में दिखे समाज के तीन रूप राजीव ओझा संसद का काम है कानून बनाना सो उसने संविधान सम्मत प्रक्रिया अपना कर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) बनाया। कुछ को यह पक्षपातपूर्ण लगा। लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। कानून में खामी है या नहीं, इसका फैसला अदालत करती उसके …

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लकीर का फ़कीर नहीं, फ्रैंक कैप्रियो बनना होगा

देश की अदालतों में में लगातार बढ़ रही है मुकदमों की संख्या इनमें बड़ी संख्या छोटे मुकदमों और याचिकाओं की जस्टिस डिलेड जस्टिस डिनाइड की स्थिति से बाहर निकलना होगा राजीव ओझा भारतीय अदालतों की काबिलियत और निष्पक्षता संदेह से परे है। इसके बावजूद भारत की सर्वोच्च अदालत में करीब …

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जिसे आप सबसे साफ़ समझते हैं वो होती सबसे गन्दी चीज

राजीव ओझा सफाई के प्रति भारतीय थोड़े जागरूक जरूर हुए हैं लेकिन अभी भी सफाई के प्रति जितनी संवेदनशीलता होनी चाहिए उसमें बहुत पीछे हैं। खान-पान हो या रहन-सहन, अभी भी भारतीय सफाई पर बहुत ध्यान नहीं देते हैं। आजकल हर जगह चीन के कोरोना वायरस के संक्रमण की चर्चा …

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सावधान, अफ्रीका महाद्वीप दो टुकड़ों में बंट रहा

राजीव ओझा पृथ्वी पर जन्म ले रहा है एक और महाद्वीप। सब जानते हैं कि हमारी पृथ्वी हर पल बदल रही है। जैसी पहले थी वैसी अब नहीं और जैसी अब है वैसी आगे नहीं होगी पृथ्वी। कहा जाता है कि ब्रह्मांड में पृथ्वी करीब पांच अरब साल पहले वजूद …

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वर्चस्व की लड़ाई और ‘ठेकेदारी’ है जेएनयू फसाद की जड़

राजीव ओझा जेएनयू में पहले जोरदार पढ़ाई होती थी, अब लड़ाई होती है। जेएनयू जो पहले बहस, संवाद और वैचारिक वाद-विवाद के लिए जाना जाता था अब बलवा, हिंसा और फेक वीडियो के लिए जाना जाता है। जेएनयू में शुरू से ही वामपंथियों का बोलबाला था लेकिन कैम्पस में हिंसा …

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“चिल्ला” “चिल्ला” क्यों चिल्लाते, जस्ट ‘चिल’ मार

राजीव ओझा लंदन से ठंडा लखनऊ। लंदन में जब तापमान 10 डिग्री था उस समय लखनऊ में 9 और दिल्ली में 8 डिग्री सेल्सियस था। लखनऊ, दिल्ली तो जैसे शिमला हुआ जा रहा है। लद्दाख के द्रास के आगे साइबेरिया फेल है। ठण्ड में आइसक्रीम खाते हुए गंजिंग के साथ …

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उत्पीड़न, अनदेखी और अपमान किसका ?

राजीव ओझा विधानसभा की कार्यवाही के दौरान अक्सर हंगामा होता है, सदन में धरना भी होता है और इसके चलते कार्यवाही स्थगित करनी पड़ती है। यदाकद सत्तारूढ़ दल के विधायक अपनी सरकार के खिलाफ आवाज या असंतोष व्यक्त करते हैं। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। लेकिन मंगलवार को पहली बार …

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आखिर क्यों यह जर्मन गोसेविका भारत छोड़ने को थी तैयार

राजीव ओझा यह खबर उत्तर प्रदेश वासियों के लिए प्रेरक भी है और सबक लेने वाली भी। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने जब से प्रदश में सत्ता सम्भाली है, गो संरक्षण और गोसेवा उनकी प्रमुखता सूची में है। योगी सरकार गोरक्षा के लिए प्रति गोवंश प्रतिदिन 30 …

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बेटियों के सपनों का गला कौन घोंट रहा!

  राजीव ओझा पहले मैनपुरी उसके बाद इटावा का सैफई मेडिकल कॉलेज। बेटियों और महिला से जुड़ी ताबड़तोड़ तीन वारदातों ने समाज को झकझोर दिया। ख़ास बात ये कि ये बेटियाँ मेधावी थीं और अपने बूते कुछ बनने का सपना संजोये हुए थीं। लेकिन ऐसा हो न सका। मैनपुरी के …

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