जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। 1980 के मुरादाबाद दंगों को कौन भूल सकता है। इस दंगे कम से कम 83 लोग मौत की नींद सो गए थे जबकि 112 अन्य घायल हो गए थे। आज भी लोग इस दंगे को याद कर सहम जाते हैं।
अब मुरादाबाद दंगों की जांच रिपोर्ट सामने आई है। दरअसल प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंगलवार को यूपी विधानसभा में औपचारिक रूप से दंगे की रिपोर्ट पेश की।

जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दंगे का कौन दोषी था। इस रिपोर्ट में गौर करे तो इसमें मुस्लिम लीग नेताओं और कांग्रेस सीएम वीपी सिंह को दोषी ठहराया गया था।
यूपी विधानसभा सत्र का दूसरा दिन,सदन में मुरादाबाद दंगे की रिपोर्ट पेश। pic.twitter.com/8gKbN4JerN
— News18 Uttar Pradesh (@News18UP) August 8, 2023
हालांकि सरकार अभी इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे रही है लेकिन सरकारी सूत्र बता रहे हैं कि जो रिपोर्ट पेश की गई उसमें मुस्लिम लीग के दो नेताओं ने अगस्त और नवंबर 1980 के बीच मुरादाबाद में हुई उथल-पुथल को अंजाम दिया था।
इसमें कहा गया है कि अपराधियों के एक समूह द्वारा समर्थित इस नरसंहार के लिए मुस्लिम लीग के नेता जिम्मेदार थे। बता दें कि 496 पन्नों की यह रिपोर्ट नवंबर 1983 में घटना और इसके पीछे के कारणों की जांच के लिए नियुक्त किए गए।
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एमपी सक्सेना के एक सदस्यीय आयोग द्वारा प्रस्तुत की गई थी लेकिन जांच रिपोर्ट में क्या निकला था उसे बाहर आने नहीं दिया जा रहा था लेकिन राज्य में योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद इसको बाहर लाया गया है।
यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मीडिया के सामने इस मामले को संबोधित किया और बताया कि रिपोर्ट को अब तक दबा कर रखा गया था और वर्तमान भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे राज्य विधानसभा के समक्ष पेश किया।
उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा में रिपोर्ट पेश करने में देरी के लिए पिछले 15 मुख्यमंत्रियों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
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