Monday - 15 January 2024 - 10:37 AM

24 घंटे में नौ श्रमिकों के लिए रेल यात्रा बनी अंतिम यात्रा

न्‍यूज डेस्‍क

कोरोना संकट के बीच घर लौट रहे मजबूर मजदूर सड़क हादसों में, रेल पटरियों पर और अब लोग ट्रेनों में दम तोड़ने लगे हैं। प्रवासियों को उनके जिलों तक छोड़ने के लिए रेलवे की श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का कोई माई-बाप नहीं है। ट्रेनें रास्ता भटक जा रही हैं। कहीं की कहीं पहुंच जा रही हैं।

रेलवे में लाखों का संख्या में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी लगातार जारी है। लेकिन इस बीच रेलवे का ये सफर मौत का सफर बनता जा रहा है। श्रमिक स्पेशल में 24 घंटे में नौ लोगों की मौत होने की बात सामने आई है। यूपी से लेकर बिहार तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में मौत का सिलसिला लगातार जारी है। यात्रियों के परिजनों से रेलवे की कुव्यवस्थाओं को इसका जिम्मेवार ठहराया है।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी तथा बलिया में पिछले 24 घंटे के दौरान श्रमिक स्पेशल में यात्रा कर रहे चार प्रवासियों की मौत हो गई। वहीं, बिहार में भी स्पेशल ट्रेन में अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है। झारखंड में भी एक प्रवासी श्रमिक की ट्रेन यात्रा के दौरान मौत हुई है। मृतकों के परिजनों ने इसके लिए अव्यवस्थाओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

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श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की लेटलतीफी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बुधवार को सीवान से समस्तीपुर आने में ही एक स्पेशल ट्रेन को 16 घंटे लग गए। जबकि यह रास्ता 4-5 घंटे का है।

मंडुआडीह स्टेशन पर बुधवार को मुंबई से चलकर पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 2 लोगों के अलग-अलग बोगियों मृत मिलने से हड़कंप मच गया। मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन नंबर 01770 बुधवार की सुबह लगभग 8 बजे मंडुवाडीह स्टेशन पहुंची। इसी दौरान एक मृत व्यक्ति के परिजन रोने लगे। मृत व्यक्ति के शरीर को छूने को कोई भी व्यक्ति तैयार नही था। उसकी शिनाख्त दशरथ प्रजापति 30 वर्ष दिव्यांग के रूप में हुई है। इसी ट्रेन में पीछे की बोगी में एक और व्यक्ति का शव मिला जिसके मुंह से झाग निकल रहा था और नाक से खून निकला था। मृत व्यक्ति के शरीर पर क्रीम कलर का हाफ पैंट, चेकदार शर्ट व बगल में मोबाइल रखी हुई थी।

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भीषण गर्मी और भूख से बेहाल होकर बिहार के मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर एक महिला ने दम तोड़ दिया और उसका छोटा सा बच्चा अपने मां के ऊपर ओढ़ाए गए कफ़न को हटाकर जगाने की कोशिश करता रहा। इस घटना की हिला देने वाला वीडियो सामने आया है। सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला जमीन पर पड़ी हुई है और उसे एक कपड़े से ढंका गया है लेकिन उसका बच्चा उसके ‘कफन’ से खेल रहा है और उसे हटाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जाहिर तौर पर मां उसकी बात नहीं सुन रही। जानकारी के मुताबिक महिला की भीषण गर्मी, भूख और डिहाइड्रेशन के चलते मौत हो गई थी। महिला श्रमिक ट्रेन के जरिए मुजफ्फरपुर पहुंची थी।

चेन्नई से मधुबनी पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बुधवार को लाश मिलने से हड़कंप मच गया। उसकी पहचान झंझारपुर के नवानी गांव के सहदेव 53 वर्ष के रूप में की गई है। सहदेव के साथ बोगी में सफर कर रहे यात्रियों के अनुसार उड़ीसा के समीप 25 मई की शाम करीब चार बजे उसे अचानक कै व दस्त होने लगा। जिसके बाद तत्काल उसकी मौत हो गई। मौत की सूचना मिलते ही उस बोगी के सभी यात्री भागकर दूसरे बोगी में चले गये। मधुबनी स्टेशन पर रात करीब 2.10 बजे ट्रेन रूकते ही रेल यात्री अपने-अपने प्रखंडों की ओर बस से रवाना हो गये। लाश उसी बोगी में सुबह करीब 10 बजे तक पड़ी थी।

कहां-कहां हुई मौत

  • पश्चिम चंपारण जिला के चनपटिया थाना के तुलाराम घाट निवासी मोहम्मद पिंटू शनिवार को दिल्ली से पटना के लिए चले। सोमवार सुबह दानापुर से मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचे। मुजफ्फरपुर में बेतिया की ट्रेन में चढ़ने के दौरान इरशाद की मौत हो गई। पिंटू ने बताया कि उमस भरी गर्मी और पेट में अन्न का दाना नहीं होने के कारण उन लोगों ने अपने लाड़ले को खो दिया।
  • महाराष्ट्र से आ रहे मजदूर को आरा में लोगों ने जब उठाना चाहा तो पाया कि उसकी मौत हो चुकी है। उसकी पहचान नबी हसन के बेटे निसार खान के रूप में हुई। वह गया का रहने वाला था।
  • महाराष्ट्र के बांद्रा टर्मिनल से 21 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से घर लौट रहे कटिहार के 55 साल के मोहम्मद अनवर की सोमवार शाम बरौनी जंक्शन पर मौत हो गई। अनवर बरौनी ने 10 रुपये का सत्तू खरीद कर खाया और कर्मनाशा से कटिहार जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन पर सवार होने से पहले वह पानी लेने उतरा था, इसी बीच उसकी मौत हो गई।
  • सूरत से श्रमिक स्पेशल से दोपहर 1 बजे सासाराम पहुंची महिला ने पति से कहा भूख लगी है। स्टेशन पर ही पति के सामने नाश्ता किया और उसके बाद कांपने लगी। पति की गोद में ही उसने दम तोड़ दिया। वह ओबरा प्रखंड के गौरी गांव की रहने वाली थी। महिला की मौत होते ही सासाराम स्टेशन पर कई लोग इधर-उधर भागने लगे। पति ने कहा मैं असहाय, क्या करता?
  • महाराष्ट्र से आ रहे एक श्रमिक की ट्रेन में हालत खराब होने के बाद उसकी मौत हो गई। वह मोतिहारी जिले के कुंडवा-चैनपुर का निवासी बताया जा रहा है। दरअसल, उसकी तबियत खराब होने के बाद उसे ट्रेन से उतारकर जहानाबाद सदर अस्पताल लाया गया। वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
  • राजकोट-भागलपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से गया में सोमवार को 8 माह के बच्चे के शव को उतारा गया। परिवार मुंबई से सीतामढ़ी जा रहा था। आगरा में बच्चे का इलाज हुआ। कानपुर के पास मौत हो गई। दंपती देवेश पंडित सीतामढ़ी के खजूरी सैदपुर थाना क्षेत्र के सोनपुर गांव का रहने वाले हैं।
  • अहमदाबाद से जंक्शन मुजफ्फरपुर पहुंची स्पेशल ट्रेन में कटिहार की रहने वाली 23 साल की अलविना खातून मौत हो गई। वह अपने जीजा इस्लाम खान के साथ अहमदाबाद से घर लौट रही थी। अलविना विक्षिप्त थी। उसका इलाज चल रहा था।
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