Saturday - 6 January 2024 - 3:56 PM

रिकॉर्ड पुरुष सचिन को किसने बताया स्वार्थी क्रिकेटर

जुबिली स्पेशल डेस्क

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सचिन तेंदुलकर बड़ा नाम है। सचिन की बल्लेबाजी की धमक पूरे विश्व क्रिकेट में देखने को मिल चुकी है। उनकी शानदार बल्लेबाजी के आगे दुनिया के बड़े गेंदबाज भी सहम जाते थे।

मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर के दौरान कई रिकॉर्ड बनाये हैं। उनकी बल्लेबाजी की दुनिया भी कायल रही है। सचिन ने अपने करियर में बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में शानदार रिकॉर्ड बनाये हैं लेकिन कप्तानी के मामले में सचिन बेहद कमजोर कप्तान साबित हुए है। सचिन की कप्तानी में भारत ने कोई खास करिश्मा नहीं किया है। उनकी कप्तानी को लेकर कई मौको पर आलोचना हो चुकी है। इसी के तहत भारतीय टीम के पूर्व मुख्य चयनकर्ता चंदू बोर्डे ने सचिन को लेकर बड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा एक बातचीत में बताया कि आखिर क्यों सचिन ने कप्तानी से किनारा किया था। इतना ही नहीं चंदू बोर्डे ने इस इंटरव्यू में सचिन को स्वार्थी क्रिकेट तक बता डाला है। उन्होंने कहा कि सचिन तेंदुलकर खुद ही चयनकर्ताओं के पास पहुंचे थे और साफ किया था कि वह अब और अपनी कप्तानी को जारी नहीं रख सकते।

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उन्होंने आगे कहा कि अगर आपको याद हो तो हमने उन्हें कप्तान के तौर पर ऑस्ट्रेलिया भेजा गया था। उस दौरे पर सचिन ने कप्तानी तो की लेकिन जब वो वहां से लौटे तो टीम की कमान नहीं संभालना चाहते थे। सचिन ने कहा था कि वो अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहते हैं। इसके बाद मैंने उनसे कहा था कि आप कुछ लंबे समय के लिए कप्तानी करें क्योंकि हमें नए कप्तान को ढूंढऩा होगा।

 

चंदू बोर्डे ने आगे कहा कि सचिन तेंदुलकर उस वक्त कप्तानी करने के चलते अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे और इसीलिये वह कप्तानी छोडऩा चाहते थे। बोर्डे ने यही भी बताया कि जैसे ही फिक्सिंग स्कैंडल में भारतीय खिलाडयि़ों पर गाज गिरी वैसे ही सचिन तेंदुलकर ने कप्तानी छोडऩे का फैसला कर लिया।

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बतौर कप्तान सचिन का रिकॉर्ड

  • सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में 73 वनडे में भारत ने 23 मैच जीते हैं
  • जबकि 25 टेस्ट मैचों में कप्तानी की और केवल चार में भारत जीत सका है

बता दें कि इससे पहले भी सचिन की कप्तानी को लेकर पूर्व कोच मदनलाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने भी कहा था कि सचिन खुद के प्रदर्शन को लेकर ज्यादा सजग थे और इसी वजह से वह सफल कप्तान नहीं बन पाये थे।

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बता दें कि 90 के दशक में अजहर और सचिन कप्तानी के तगड़े दावेदार थे। हालांकि अजहर ने भारत के लिए लम्बे समय तक कप्तानी की थी लेकिन सचिन को कप्तानी रास नहीं आई है और वो बहुत जल्द कप्तानी छोडऩे का फैसला किया। आगे चलकर सौरभ गांगुली को भारतीय टीम की कमान सौंप दी गई थी।

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