Saturday - 6 January 2024 - 9:07 AM

शिवसेना का कांग्रेस पर निशाना साधने के क्या है सियासी मायने ?

जुबिली न्यूज डेस्क

वैसे तो महाराष्ट्र में  शिवसेना की सरकार एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से चल रही है लेकिन पार्टी के बीच रार अक्सर सामने आ जाती है। जब से महाराष्ट्र में  सरकार बनी है तब से ऐसा कई बार हो चुका है कि इन तीनों दलों को एक-दूसरे के खिलाफ बोलते देखा गया है।

एक बार फिर शिवसेना और कांग्रेस आमने-सामने है। जहां मुंबई कांग्रेस के महासचिव विश्वनाथ बंधु राय ने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार पर सवाल उठाए है तो वहीं शिवसेना एनसीपी प्रमुख शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष बनाने की वकालत कर रही है।

कांग्रेस के महासचिव विश्वनाथ बंधु ने अपने पत्र में लिखा है कि एनसीपी-शिवसेना कांग्रेस के खिलाफ साजिश रच रही है। यह गठबंधन आत्मघाती होगा।

कांग्रेस नेता का विरोध यूं ही नहीं है। दरअसल शिवसेना भी बार-बार कांग्रेस पर निशाना साध रही है। शिवसेना महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। इसी रणनीति के तहत वह कांग्रेस पर निशाना साध रही है।

महाराष्ट्र कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक शिवसेना का बार-बार शरद पवार को यूपीए का अध्यक्ष बनाने की वकालत करना सरकार में अपनी जगह को और मजबूत करने की कोशिश है।

शिवसेना जानती है कि एनसीपी उसके साथ है, तो कांग्रेस भी गठबंधन में शामिल रहेगी। साथ ही इससे विकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। विकास अघाड़ी गठबंधन में कांग्रेस सबसे कमजोर स्थिति में है।

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कांग्रेस के शिवसेना के साथ रिश्ते बेहद तल्ख रहे हैं, पर भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस गठबंधन को बरकरार रखना चाहती है।

शिवसेना और एनसीपी भी कांग्रेस की इस मजबूरी को समझ रहे हैं। इसलिए दोनों दल कांग्रेस पर दबाव बनाए रखना चाहते हैं, ताकि मुंबई महानगरपालिका चुनाव में ज्यादा सीट मांगने के बजाए कम सीट पर मान जाए।

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शिवसेना और एनसीपी के इस रुख को देखते हुए कांग्रेस के अंदर मुंबई महानगरपालिका चुनाव का लेकर अलग अलग राय है। पार्टी का एक बड़ा तबका अकेले लड़ने की वकालत कर रहा है।

उनके मुताबिक पार्टी शिवसेना और एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ती है, तो जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ता दूसरी पार्टियों में चला जाएगा। इसका पार्टी संगठन को नुकसान होगा।

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