Wednesday - 10 January 2024 - 8:09 AM

कोरोना वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की क्या है तैयारी

न्यूज डेस्क

पूरी दुनिया कोरोना वायरस से डरी हुई है। चीन की सीमा पार कर कोरोना वायरस दुनिया के अधिकांश देशों में पहुंच चुका है। भारत भी उनमें एक है। भारत में भी कोरोना का डर लोगों में दिखने लगा है।

भारत में मंगलवार को दिल्ली में कोरोना का मरीज पाये जाने से हड़कंप मच गया। इसकी वजह से नोएडा में हालांकि नोएडा में दो प्राइवेट स्कूलों को अगले कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। स्कूल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने एहतियात के तौर पर ये कदम उठाया है।

कोरोना वायरस से अब तक दुनिया में तीन हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों की संख्या में लोग इससे संक्रमित हैं। ऐसे में भारत में भी इसे लेकर लोगों में डर है।

भारत में केरल में पहली बार कोरोना का मरीज सामने आया था। शुरुआत में केरल में तीन लोगों के संक्रमित होने का पता चला था। उनके टेस्ट-परिणाम पॉज़िटिव पाए गए थे, लेकिन उन तीनों को पूरे इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।

इसके बाद से तीन और मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि छह लोगों को निगरानी में रखा गया है। इन लोगों की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इन सभी को आइसोलेशन सेंटर में रखा गया है।

जिनका रिपोर्ट पॉजिटिव आया है उनमें से एक मामला दिल्ली का है और दूसरा तेलंगाना का है। तीसरा मामला जयपुर में इतावली नागरिक के जांच नमूने के पॉजिटिव पाए जाने का है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने क्या कहा

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन बार-बार कह रहे हैं कि उनका मंत्रालय कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसलिए किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।

डॉ. हर्षवर्धन ने देशवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार पहले ही दिन से मुस्तैद है ताकि भारत में वायरस का संक्रमण ना फैले। साथ ही अगर कुछ मामले सामने आते भी हैं तो उनका पूरा इलाज किया जा सके, ऐसी व्यवस्था है।

कोरोना से निपटने की तैयारियों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि “सरकार हर फ्रंट पर तैनात है। वो चाहे एयरपोर्ट हो, आइसोलेशन सेंटर हों या फिर अस्पताल…हमारी पूरी तैयारी है और नियमित तौर पर इसकी जांच की जा रही है। ”

साथ में उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की टीमें लगातार दौरा कर रही हैं। उन्होंने इस बात से साफ इनकार किया कि इसकी रोकथाम संभव नहीं।

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डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “यह सोच गलत है कि कोरोना का इलाज संभव नहीं। आप अगर आंकड़े देखिए तो 645 भारतीयों को वुहान से लाया जा चुका है, 124 लोगों को जापान से और सबको एहतियात के तौर पर आइसोलेशन सेंटर में रखा गया था। ऐसे में किसी को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।”

स्वास्थ्य मंत्रालय कैसे निगरानी कर रहा है इस पर उन्होंने कहा कि 12 देशों जैसे चीन, सिंगापुर, थाईलैंड, हॉन्ग कॉन्ग, जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, मलेशिया, नेपाल, इंडोनेशिया, ईरान और इटली से आने वाली सभी उड़ानों के यात्रियों की जांच की जा रही है। यात्रियों की 21 हवाई अड्डों, 12 प्रमुख बंदरगाहों और 65 छोटे बंदरगाहों और स्थल मार्गों विशेष रूप से नेपाल की सीमा पर भी जांच की जा रही है।

अब तक 5,57,431 यात्रियों की हवाई अड्डों पर और 12,431 यात्रियों की बंदरगाहों पर जांच की गई है। यात्रियों को दैनिक आधार पर आईडीएसपी नेटवर्क के माध्यम से सामुदायिक निगरानी के तहत भी निगरानी की जा रही है। इसके अलावा 25,738 यात्री आईडीएसपी नेटवर्क के सामुदायिक निगरानी में हैं।

उन्होंने बताया कि 15 लैब हैं और 19 को जल्द ही शुरू किया जाएगा। कुल 3245 नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया है, जिनमें से 3217 निगेटिव और पांच नमूने पॉजिटिव पाए गए। उन्होंने भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि अगर बहुत जरूरी ना हो तो सिंगापुर, कोरिया, ईरान और इटली की यात्रा से बचें।

10 फरवरी 2020 से दक्षिण कोरिया, ईरान और इटली से आने वाले लोगों को 14 दिनों के लिए अलग रखा जा रहा है। इसके अलावा नेपाल सीमा पर अब तक 10,24,922 लोगों की जांच की जा चुकी है।

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भारत ने एक ट्रैवल अडवाइजऱी जारी की है। चीन और ईरान के लिए जारी सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि भारतीय दूतावास यात्रा से जुड़े नियमों को लेकर लगातार अन्य देशों के संपर्क में है। सरकार ईरान और इटली की सरकारों के साथ मिलकर अपने नागरिकों को निकालने की योजना बना रही है। इसके साथ ही कोरोना वायरस से जुड़ी शिकायत और सुझाव के लिए एक कॉल सेंटर शुरू किया गया है. इसका नंबर है- 01123978046. ये 24 घंटे काम करता है।

वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्वीट कर कहा था, “कोरोना वायरस को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। हमें साथ मिलकर कर काम करने की जरूरत है। ”

पीएम ने अपने ट्वीट के साथ कोरोना से बचाव कैसे करें, उसके बारे में जानकारी साझा की और लिखा है कि हमें छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए। ”

कोरोना वायरस के लक्षण

कोरोना वायरस (कोवाइड-19) में पहले बुखार होता है। इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है।

हालांकि, इन लक्षणों का मतलब ये कतई नहीं है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है। ऐसे लक्षण कुछ और वायरस में भी पाया जाता है।

कैसे बचाए खुद को संक्रमण से

अभी तक ये पूरी तरह से पता नहीं चल सका है कि कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है। हालांकि, इससे मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के जरिए फैलते हैं।

एनएचएस की सलाह के मुताबिक, अपना हाथ अच्छी तरह धोएं। खांसते या छींकते वक्त अपना मुंह ढक लें और हाथ साफ न हों तो आंखों, नाक और मुंह को छूने बचें।

कोरोना वायरस का फिलहाल अभी तक कोई इलाज नहीं है। कोरोना के इलाज के लिए वैक्सीन विकसित करने पर काम चल रहा है। उम्मीद है कि साल के अंत तक इंसानों पर इसका परीक्षण कर लिया जाएगा।

कुछ अस्पताल एंटी-वायरल दवाओं का भी परीक्षण कर रहे हैं। लेकिन जब तक आप ठीक न हो जाएं, तब तक आपको दूसरों से अलग रहना होगा।

अगर आप संक्रमित इलाके से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जा सकती है। आप ऑफिस, स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर न जाएं। सार्वजनिक वाहन जैसे बस, ट्रेन, ऑटो या टैक्सी से यात्रा न करें। घर में मेहमानों को न बुलाएं। कोशिश करें कि घर का सामान किसी और से मंगाएं।

अगर आप और भी लोगों के साथ रह रहे हैं तो ज़्यादा सतर्कता बरतें। अलग कमरे में रहें और साझा रसोई व बाथरूम को लगातार साफ़ करें। 14 दिनों तक ऐसा करते रहें ताकि संक्रमण का खतरा कम हो सके।

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