Sunday - 7 January 2024 - 9:15 AM

ओवैसी के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए राजद का क्या है प्लान

न्यूज डेस्क

बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। अभी चुनाव में भले ही कुछ महीने हो लेकिन चुनावी फतह के लिए सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस लिया है।राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने तो नए साल के मौके पर एक नारा भी दे दिया था।

दरअसल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लिए यह चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण है। अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए राजद हर तरफ नजर बनाए हुए हैं। हालांकि इस समय राजद ओवैसी की पार्टी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए चिंतित है। बिहार के सीमांचल में All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen (AIMIM) का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।

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सीमांचल में पडऩे वाले जिले किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार मु्स्लिम बहुल माने जाते हैं। लिहाजा अब इन सारे जिलों में मतदाताओं तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए राजद नेता व लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने खास प्लान तैयार किया है। इस योजना के तहत तेजस्वी यादव जल्दी ही कोसी और सीमांचल क्षेत्र का दौरा करेंगे। राजद नेता का यह दौरा 14 जनवरी के बाद शुरू होगा।

मालूम हो हाल ही में किशनगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था और इस सीट पर पहली बार एआईएमआईएम ने जीत हासिल की। ये एआईएमआईएम की टिकट पर यहां से कमरुल होदा ने चुनाव लड़ते हुए बीजेपी प्रत्याशी स्वीटी सिंह को 10 हजार से ज्यादा मतों से हराया था।

हालांकि यह सीट कांग्रेस की मानी जाती है, लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। इसके अलावा लोकसभा चुनाव में भी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने यहां बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 2.9 लाख वोट भी हासिल किये थे। इसलिए क्षेत्रीय दलों की चिंता बढऩा वाजिब है।

अल्पसंख्यक बहुल इन इलाकों में All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen (AIMIM) के बढ़ते प्रभाव पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि ‘हम AIMIM को एक चुनौती के तौर पर नहीं ले रहे हैं। हमारी प्रतिद्वंदी एनडीए है। यह चुनाव का साल है इसीलिए हम अपनी योजनाओं पर फोकस कर रहे हैं। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सीमांचल औऱ कोसी के इलाकों का दौरा करेंगे। इस साल महागठबंधन की ताकत दिखेगी।

इधर AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष आदिल हसन आजाद ने कहा कि ‘2015 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही इन इलाकों में हमारी पार्टी का प्रभाव दिखने लगा है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जीती थी लेकिन किशनगंज में हमारे उम्मीदवार और जीते हुए प्रत्याशी के बीच वोटों का अंतर महज 35,000 था। आजाद ने कहा कि हम चुनाव में किसी भी धर्म या जाति के आधार पर नहीं बल्कि सीमांचल में स्वास्थ्य, शिक्षा के विकास तथा सीमांचल के लिए स्पेशल पैकेज के मुद्दे को लेकर मजबूती से लड़ेंगे।

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