Monday - 22 January 2024 - 6:46 PM

हथियारों के कारोबार पर अमेरिका और चीन का दबदबा

जुबिली न्यूज डेस्क

हथियारों के सौदागर के रूप में सबसे आगे चलने वाला अमेरिका ने एक बार फिर हथियारों के कारोबार में अपनी बादशाहत कायम रखी है तो वहीं दूसरे स्थान पर रहने वाले चीन का भी दबदबा बरकार है।

दुनिया के प्रमुख हथियार वॉचडॉग स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (सिपरी) की तरफ से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 में अमेरिका और चीन का वैश्विक हथियारों के बाजार पर दबदबा रहा। तो वहीं पहली बार मध्य पूर्व ने शीर्ष 25 हथियार निर्माताओं की सूची में जगह बनाई है।

स्वीडन के शोध संस्थान द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में अमेरिकी कंपनियां शीर्ष के पांच पदों पर रहीं, जिनमें लॉकहीड मार्टिन, बोइंग, नॉर्थोरूप ग्रुमैन, रेथियोन और जनरल डायनामिक्स शामिल हैं।

इन कंपनियों ने एक साल में कुल 166 अरब डॉलर के हथियार बेचे। शीर्ष 25 हथियार निर्माताओं में से 12 कंपनियां अमेरिकी हैं। इन कंपनियों ने शीर्ष 25 कंपनियों द्वारा बेचे गए कुल हथियारों का 61 प्रतिशत हिस्सा बेचा।

चीन का उदय

हथियारों के कारोबार में चीन की वर्चस्व बढ़ रहा है। पिछले साल 16 प्रतिशत हथियारों की बिक्री के साथ चीन दूसरे पायदान पर रहा।

शीर्ष 25 रैंकिंग में चीन की चार हथियार बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं। इन चारों कंपनियों ने साल 2019 में 56.7 अरब डॉलर के हथियार बेचे।

टॉप 25 कंपनियों में जगह बनाने वाली चीनी कंपनियों के नाम हैं- एविएशन इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना, चीन इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी ग्रुप कॉर्पोरेशन, चीन नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप कॉरपोरेशन और चीन साउथ इंडस्ट्रीज ग्रुप कॉर्पोरेशन।

सिपरी के वरिष्ठ शोधकर्ता नान तियान ने अपने एक बयान में कहा, “चीन की हथियार कंपनियां पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के आधुनिकीकरण कार्यक्रमों से लाभ उठा रही हैं।”

सिपरी के मुताबिक शीर्ष 25 कंपनियों की सूची में और अधिक चीनी कंपनियों को शामिल किया जा सकता था, लेकिन “संतोषजनक और सटीक डाटा” की कमी के कारण उन्हें शामिल करना संभव नहीं था।

ये भी पढ़े: बुरी खबर : अब इस बड़ी एक्ट्रेस ने छोड़ी दुनिया

ये भी पढ़े: क्यों हो रही है इस ‘डायमंड रिंग’ की चर्चा जिसने गिनीज बुक में बनायीं जगह

ये भी पढ़े:  किसानों के ‘भारत बंद’ को मिला 18 राजनीतिक दलों का समर्थन

सूची में शामिल हुआ मध्य पूर्व

पहली बार शीर्ष 25 कंपनियों में एक मध्य पूर्वी हथियार कंपनी भी जगह बनाने में कामयाब रही है। संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी ऐज सूची में 22वें स्थान पर है।

शीर्ष 25 हथियार कंपनियों की कुल हथियारों की बिक्री में इसका हिस्सा 1.3 प्रतिशत है। भारत को राफाल लड़ाकू विमान बेचने वाली फ्रांस की कंपनी दासों एविएशन ग्रुप ने पहली बार शीर्ष 25 हथियार कंपनियों की सूची में जगह बनाई है।

दासों की वार्षिक हथियारों की बिक्री भी 105 प्रतिशत बढ़ी है। सिपरी के मुताबिक दासों की रैंकिंग में सुधार इसके राफेल लड़ाकू जेट के निर्यात में वृद्धि के कारण है।

ये भी पढ़े: भारतीय किसानों के समर्थन में लंदन में भारी विरोध-प्रदर्शन

ये भी पढ़े: डंके की चोट पर : 28 बरस हो गए राम को बेघर हुए

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com