Saturday - 6 January 2024 - 10:12 PM

मिशन चंद्रयान -3 के लिए आज का दिन अहम…

जुबिली न्यूज डेस्क-

चंद्रयान -3 अंतरिक्ष में लगातार गति करते हुए धीरे धीरे चाँद की चौखट के करीब पहुंच गया है. चंद्रयान -3 के लिए आज दिन काफी अहम माना जा रहा है, दरससल, यह एक बड़े ऑपरेशन से गुजरेगा, इसरो ने इसको लेजर सभी तैयारियां पूरी कर ली है। चाँद की सतह से चंद्रयान -3 की दूरी 100 किमी तक कम करने के लिए मन्यूवर करेगा।

चंद्रयान अब चाँद के और करीब पहुंच गया है. चंद्रयान गोलाकार कक्षा में दाखिल हो गया है. इसको लेकर इसरो ने ट्वीट कर इसके बाजरे में जानकारी दी है. 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में स्थापित हुआ है. ट्वीट में इसरो ने कहा है की अब तैयारियों का समय आ गया है. प्रोपल्शन मॉड्यूल-लैंडर मॉड्यूल अलग होने की तैयारी में है जो अपनी अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हो रहे हैं.कल लैंडर को प्रोपल्शन से अलग करने की योजना है.

अंतरिक्ष यान अब चंद्रमा की 153 Km X 163 Km की करीब-करीब गोलाकार कक्षा में आ गया है. इसके लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने सुबह करीब 08:30 बजे यान के थ्रस्टर कुछ देर के लिए फायर किए. बता दें कि इससे पहले चंद्रयान 150 Km x 177 Km की ऑर्बिट में था.

17 अगस्त चंद्रयान-3 के लिए काफी अहम

ISRO ने एक ट्वीट में बताया कि 17 अगस्त चंद्रयान-3 के लिए काफी अहम दिन होने वाला है. इस दिन चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर से अलग किया जाएगा. इसके बाद फिर इसे चांद की सतह पर लैंड किया जाएगा. चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं. लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक रिसर्च करेंगे.

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इसरो ने अपने ट्वीट में कहा, ‘आज की सफल फायरिंग, जो थोड़े समय के लिए आवश्यक थी, चंद्रयान-3 को अपनी मंशा के अनुरूप 153 Km X 163 Km किमी की कक्षा में स्थापित कर दिया है. इसके साथ ही चंद्रयान युद्धाभ्यास पूरा हो गया है. अब तैयारियों का समय आ गया है क्योंकि प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अपनी अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हो रहे हैं. लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग करने की योजना 17 अगस्त, 2023 को बनाई गई है.

धरती से आने वाले रेडिएशंस का अध्ययन करेगा

गौरतलब है कि प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशंस का अध्ययन करेगा. लैंडर और रोवर चांद पर पानी की खोज करेंगे. बता दें कि 22 दिन तक पृथ्वी का चक्कर लगाने के बाद चंद्रयान-3 5 अगस्त को शाम करीब 7:15 बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था. इसके बाद 6, 9 और 14 अगस्त को इसके ऑर्बिट को घटाया गया था. चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर लैंड करते ही भारत लैंडर उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा.

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