Thursday - 11 January 2024 - 2:52 AM

शिवपाल ने फिर सजा दिया अटकलों का बाज़ार

जुबिली न्यूज़ ब्यूरो

लखनऊ. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव के दिमाग में कौन सी सियासी खिचड़ी पक रही है, इसकी वह किसी को भनक भी नहीं लगने दे रहे हैं. समाजवादी पार्टी विधायक दल की बैठक में न बुलाये जाने से बेहद नाराज़ शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी को रोजाना एक नया झटका देने की योजना तैयार करते रहते हैं. हर दिन वह कुछ ऐसा करते हैं जिससे उनके बारे में तरह-तरह की अटकलें शुरू हो जाती हैं. शुक्रवार को उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय और प्रादेशिक कमिटियों को भंग कर एक बार फिर अटकलों का बाज़ार सजा दिया है.

मज़े की बात यह है कि शिवपाल सिंह यादव की पोजीशन इस समय बिल्कुल वैसी ही है कि साफ़ छुपते भी नहीं और नज़र आते भी नहीं. उनसे कोई उनके अगले कदम के बारे में पूछता है तो मुस्कुरा कर कह देते हैं कि सब पता चल जाएगा. वह कह देते हैं कि उचित समय का इंतज़ार करिए. कुछ भी छुपा नहीं रहेगा.

शुक्रवार को शिवपाल सिंह यादव के बेटे और पार्टी महासचिव आदित्य यादव के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के निर्देश पर पार्टी की राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है. प्रवक्ता मंडल को भी भंग किया गया है.

अखिलेश और शिवपाल के बीच पांच साल की कडवाहट के बाद 2022 के चुनाव में रिश्ते सुधरे थे. अखिलेश की पहल पर शिवपाल आगे बढ़कर चुनाव के काम में लगे थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर जसवंतनगर सीट से चुनाव भी जीता. समाजवादी पार्टी की सीटों में ढाई गुना का इजाफा भी हुआ लेकिन समाजवादी पार्टी की विधायक दल की बैठक में न बुलाये जाने से शिवपाल फिर नाराज़ हो गए. एक बार फिर चचा-भतीजे में 36 का रिश्ता बन गया.

शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी विधायक दल की बैठक में न बुलाये जाने की मुलायम सिंह यादव से शिकायत की. इसके बाद वह दिल्ली से लखनऊ लौटे और विधायक की शपथ लेने के फ़ौरन बाद मुख्यमंत्री आवास चले गए जहां उन्होंने 20 मिनट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात की.

मुख्यमंत्री से मुलाक़ात के बाद यह अटकलें लगाईं जाने लगीं कि क्या शिवपाल बीजेपी में जा रहे हैं. इसके बाद तो बहुत सी बातें सुनने को मिलीं. कहा गया कि बीजेपी उन्हें राज्यसभा भेजेगी. उनकी जसवंतनगर सीट से उनके बेटे आदित्य को लड़ाएगी. फिर कहा गया कि शिवपाल को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाकर अखिलेश के बगल में बिठाएगी. अटकलों का बाज़ार गर्म है. शिवपाल सारी अटकलों का मज़ा ले रहे हैं. पार्टी की राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर शिवपाल ने सियासी घमासान वाली नदी में एक कंकड़ और फेंक दिया है.

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