Thursday - 11 January 2024 - 7:16 PM

महाराष्ट्र सरकार पर बीजेपी ने बोला हमला, शरद पवार हुए एक्टिव

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

मुंबई के अंटीलिया प्रकरण की जांच के बीच मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने अपने एक लेटर से महाराष्ट्र की राजनीति को सुलगा दिया है। सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी गई परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद सियासत तेज हो गई है।

चिट्ठी में एनसीपी नेता और गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सचिन वाझे से वसूली करवाने का आरोप है। इन आरोपों के बाद अनिल देशमुख पर इस्तीफे का दबाव बन गया है। इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी सक्रिय हो गए हैं।

इस एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। परमबीर की चिट्ठी पर किसी का हस्ताक्षर नहीं है। पत्र में कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है कि पैसा किसके पास गया।

शरद पवार दिल्ली में हैं, और उन्होंने एनसीपी के दो बड़े नेताओंं को यहीं तलब किया है। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल शामिल होंगे। वो महाराष्ट्र से दिल्ली आएंगे।

दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अब इस मामले को लेकर शिवसेना और एनसीपी पर हमला बोला है। पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि आखिर सचिन वाझे को किसके दबाव में लाया गया और यह उगाही किसके लिए हो रही थी। उन्होंने कहा कि इस मसले पर शरद पवार की खामोशी बहुत गंभीर सवाल खड़े करती है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सचिन वाझे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई? ये शिवसेना का दबाव था, मुख्यमंत्री मंत्री का दबाव था या शरद पवार का भी दबाव था? सचिन वाझे को बचाने की क्या मजबूरी थी, सचिन वाझे के पेट में और क्या-क्या सीक्रेट हैं?

उन्होंने कहा कि सचिन वाझे वर्षों तक सस्पेंड था, वर्षों के बाद उसको कोरोना काल में अप्वाइंट कराया गया और कहा गया कि कोरोना में पुलिस वाले बीमार पड़ रहे हैं इसलिए इनको लिया जा रहा है। भाजपा की तरफ से पहला सवाल ये है कि सचिन वाझे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई?

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रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने एक चिट्टी लिखी है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री और राज्यपाल जी को, जिसमें उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री ने सचिन वाजे से कहा कि हमें 100 करोड़ रुपये महीना बंदोबस्त करके दो। भारतीय जनता पार्टी इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करती है। साथ ही उद्धव सरकार हमें ये बताए कि उगाही को लेकर पूरे महाराष्ट्र का टारगेट कितना था।

उन्होंने महाराष्ट्र विकास अघाड़ी को लेकर तंज कसा और कहा कि महाराष्ट्र में महाअघाड़ी शासन के लिए नहीं है, बल्कि लूट के लिए है। इस तरह के भ्रष्टाचार का मॉडल बहुत चौंकाने वाला है। मीडिया को इसे बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और इसके पीछे की सच्चाई को उजागर करना चाहिए। प्रसाद ने कहा कि एक गंभीर सवाल यह भी है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख पर उगाही के आरोप हैं। 100 करोड़ रुपये कलेक्ट करने की बात कहने का आरोप है तो ऐसे में सवाल उठता है कि देशमुख ये वसूली अपने लिए कर रहे थे या एनसीपी के लिए या सरकार के लिए कर रहे थे?

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रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पूर्व कमिश्नर परमवीर ने कहा है कि मैं शरद पवार को भी ब्रीफ करता था। शरद पवार वहां सरकार का अंग नहीं है, तो एक पुलिस कमिश्नर उनको ब्रीफ क्यों कर रहा था और उसने ये भी बताया कि पैसे मांगे जा रहे हैं। तो शरद पवार ने क्या कार्यवाही की?

उन्होंने कहा कि इस प्रकरण से एक और बहुत बड़ा गंभीर सवाल उठता है- 100 करोड़ रुपये का टार्गेट था मुंबई से तो कृपया करके उद्धव ठाकरे और शरद पवार जी बताएं कि पूरे महाराष्ट्र का टार्गेट क्या था? अगर एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ था तो बाकी मंत्रियों का टार्गेट क्या था? ये भ्रष्टाचार नहीं है इसे कहते हैं- ऑपरेशन लूट। सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करो और जनता के पैसे लूटो ये उसका टेक्स्ट बुक केस है।

गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धल ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करने के लिए कहा था। सीएम ठाकरे को लिखी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने आरोप लगाए हैं कि अनिल देशमुख ने सचिन वाझे से प्रत्येक महीने बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों से 100 करोड़ रुपए की उगाही करने के लिए कहा था।

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