Sunday - 7 January 2024 - 1:28 PM

क्या हटाया जाएगा लॉकडाउन?

न्‍यूज डेस्‍क

देश को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉकडाउन लगा रखा है। अब जब लॉकडाउन अंतिम पड़ाव पर आ चुका है तो सभी के मन सवाल उठ रहा है कि क्‍या 21 दिनों के बाद लॉकडाउन हटा दिया जाएगा। देशवासियों के साथ ही इन तमाम सवालों पर सरकारों में भी मंथन चल रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस मसले पर चर्चा कर चुके हैं। मुख्यमंत्रियों से बैठक में ये भी कहा गया था कि जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर लॉकडाउन पर प्लान भेजा जाए। लेकिन जिस तरह देश के सभी राज्‍यों में कोरोना वायरस संक्रमितों मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। इस बात से चिंतित चार राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों ने पीएम मोदी से लॉकडाउन को बढ़ाने की मांग की है।

दूसरी ओर केंद्र सरकार इस मंथन में जुट गई है कि आखिर इससे बाहर आने का रास्ता कैसे बने। सूत्रों की माने तो सरकार जिस प्लान पर काम कर रही है उसके तहत सभी राज्यों को चार कैटेगरी में बांटा जाएगा और उसी हिसाब से अलग-अलग राज्यों या फिर जिलों में लॉकडाउन हटाने और सेवा शुरू करने के बारे में सोचा जा रहा है।

इनमें ज्यादा एक्टिव कोरोना वाले इलाकों में लॉकडाउन से छूट नहीं दी जाएगी। लेकिन जिन राज्यों में पिछले सात दिन से कोरोना का कोई भी मामला सामने नहीं आया हो, वहां राहत मिल सकती है। नए केस आने की स्थिति में नए सिरे से प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं। बता दें कि 24 मार्च की मध्यरात्रि से पूरे देश में तीन हफ्ते के लिए लागू लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल को समाप्त हो रही है।

ऐसे तय होंगी कैटेगरी

चौथी कैटेगरी: कोरोना के मौजूदा 50 से अधिक केस वाले राज्यों को चौथी कैटेगरी में रखा गया है, यानी गंभीर। यहां लॉकडाउन पहले की तरह लागू रहेगा और जरूरी सामान के अलावा सारी गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी। प्रति 10 लाख की आबादी पर दो से अधिक कोरोना केस या फिर 40 फीसद से अधिक जिले कोरोना प्रभावित रहने वाले राज्य को भी इसी कैटेगरी में रखा जाएगा।

तीसरी कैटेगरी: वहीं, 20 से अधिक केस, 30 प्रतिशत जिलों के प्रभावित होने और प्रति 10 लाख आबादी में एक से दो कोरोना मरीज वाले राज्यों को तीसरी कैटेगरी में रखा गया है। यहां भी चौथी कैटेगरी की तरह लॉकडाउन जारी रहेगा, लेकिन जरूरी गतिविधियों के अलावा कुछ अन्य छूट भी दी जा सकती हैं।

दूसरी कैटेगरी: इस कैटेगरी में उन राज्यों को रखा जाएगा जिनमें एक से अधिक जिले तो कोरोना प्रभावित होंगे, लेकिन ऐसे जिले कुल जिलों के 30 फीसद से कम होंगे। इसके साथ ही यहां 20 से कम कोरोना के मौजूदा मरीज होंगे और प्रति 10 लाख आबादी में उनकी संख्या एक से कम होगी।

पहली कैटेगरी: इस कैटेगरी में उन राज्यों को रखा जाएगा जिनमें एक से अधिक जिले प्रभावित नहीं होंगे और मरीजों की संख्या पांच से कम होगी। इस कैटेगरी में यह भी देखा जाएगा कि पिछले सात दिनों में एक भी कोरोना का नया मरीज सामने नहीं आया हो।

अलग-अलग कैटेगरी में ये होंगी छूट

मेगा प्लान के अनुसार तीसरी कैटेगरी के राज्यों में रेल, बस और हवाई सेवाओं में प्रतिबंधों के साथ कुछ ढील दी सकती है। लेकिन यह छूट केवल राज्य के भीतर ही सीमित रहेगी और दूसरे राज्यों से लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध जारी रहेगा। यहां भी कोरोना के केस वाले जिलों को अन्य जिलों से आइसोलेट रखा जाएगा और वहां किसी को जाने की अनुमति नहीं होगी। यहां कुछ शर्तें के साथ घरेलू विमान और रेल सेवाओं की अनुमति दी जा सकती है। लेकिन जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी आर्थिक गतिविधियां, शैक्षणिक व अन्य सेवाएं स्थगित रहेंगी।

वहीं, दूसरी श्रेणी के राज्यों में प्रशासन की अनुमति से आर्थिक, शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत मिल जाएगी। यहां रेल, हवाई और जलमार्ग से यातायात की सेवाएं बहाल तो होंगी, लेकिन कोरोना से प्रभावित जिले या कैटेगरी तीन व चार वाले राज्यों में इससे आने-जाने की अनुमति नहीं होगी। रेलगाड़ी में लोग यहां चढ़ और उतर तो सकते हैं, लेकिन किसी को भी कोरोना प्रभावित राज्य या जिले में चढ़ने या उतरने की अनुमति नहीं होगी। पहली कैटेगरी के राज्यों में किसी भी तरह की गतिविधि पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।

Radio_Prabhat
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