Wednesday - 10 January 2024 - 8:02 AM

नीता और निरुपमा को मिशन शक्ति पुरस्कार

जुबिली न्यूज़ ब्यूरो

लखनऊ. शनिवार को राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मिशन शक्ति- 3 का शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को आमंत्रित किया गया था. इस कार्यक्रम में प्रदेश की 75 ऐसी महिलाओं को आमंत्रित किया गया जिन्हें मिशन शक्ति के पूर्व के चरणों में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए मिशन शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया जाना है.

मिशन शक्ति के दौरान प्रदेश में अभियान का नेतृत्व करने वाले महिला एवं बाल विकास विभाग से बरेली मंडल की उपनिदेशक नीता अहिरवार और वाराणसी जनपद की संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह को चुना गया है. नीता अहिरवार ने कोविड-19 के दौरान जनपद बरेली मे विभिन्न विभागों के मध्य मिशन शक्ति के नोडल अधिकारी के रूप कार्य किया. नीता द्वारा जनपद स्थित विभागों के साथ-साथ स्वेच्छिक संगठनों तथा विभिन्न उद्यमियों को मिशन के साथ जोड़ने में अहम भूमिका निभाई. साथ ही मिशन के उददेश्यों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इनके द्वारा प्रिंट, इलेक्ट्रिानिक, रेडियो एफ.एम., सोशल मीडिया (फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्वीटर) का विशेष रूप से प्रयोग किया गया.

जनपद ब्लॉक तथा ग्राम स्तर के कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों तथा जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए नीता द्वारा निरंतर प्रयास किये गये. विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक महिलाओं व बच्चों को इनसे जोड़ना इनकी प्राथमिकता रही. परिणामस्वरूप बरेली जनपद में मिशन शक्ति की अवधि के दौरान पति की मृत्युपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना से लगभग 7000 नवीन महिलाओं तथा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में लगभग 8000 नये लाभार्थियों को जोड़ा गया.

इनके नेतृत्व में बरेली में मिशन स्वावलंबन को महत्व देते हुये महिला शरणालय बरेली की महिलाओं के साथ ‘‘हुनर की पाठशाला” कार्यक्रम की शुरुआत की गई जिसके माध्यम से महिलाओं को विभिन्न कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ा जा रहा है. साथ ही विद्यालयों के स्तर पर लगभग 260 मास्टर प्रशिक्षक तैयार कर 25000 से ज्यादा बालिकाओं को ‘‘आत्मरक्षा प्रशिक्षण” दिलाया गया है और यह कार्यक्रम जनपद में सतत् संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया है.

मिशन के दौरान महिलाओं तथा पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के मध्य संवाद/इंटरफेस कार्यक्रमों के आयोजन में इन्होंने अहम भूमिका निभाई व इस दौरान 50 से अधिक महिलाओं द्वारा की गई शिकायतों का निस्तारण करवाया. जनपद में वेबिनॉर, गोष्ठियों आदि के माध्यम से महिलाओं तथा बच्चों से संबंधित विभिन्न कानूनों पर 12000 से अधिक प्रतिभागियों का स्वंय अभिमुखीकरण किया. जनपद में बच्चों विशोषकर बालिकाओं के लिए ‘‘बरेली का हुनर” कार्यक्रम के रूप में नवोन्मेष कार्यक्रम शुरू किया गया जिसके अंतर्गत 1000 से अधिक बच्चों द्वारा प्रतिभाग किया गया.

वहीं निरूपमा सिंह ने भी कोविड के जिला बाल संरक्षण इकाई में कार्यरत होने के साथ-साथ वन स्टॉप सेंटर, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना, उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष आदि के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाई. मिशन शक्ति अभियान के दौरान निरूपमा का फोकस रहा कि ऐसे तंत्र बनाये जायें जो मिशन के बाद भी महिलाओं विशेषकर बालिकाओं को सुरक्षा तथा संरक्षण प्रदान करें.

उन्होंने ग्राम बाल संरक्षण समिति व ब्लॉक बाल संरक्षण समिति की नियमित बैठकें कराईं और बालिकाओं को बाल विवाह व यौन शोषण के मुद्दों पर विशेष रूप से जागरूक किया. समस्त ग्राम बाल संरक्षण समिति के सदस्यों को शामिल करते हुये उन्होंने विकास खंड स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाये जिससे ग्राम स्तर तक वे स्वंय महिलाओं तथा बालिकाओं के मुद्दों को तकनीक के माध्यम से पहुंचा सकें. इसका परिणाम यह रहा कि जन सामान्य के मध्य महिलाओं तथा बालिकाओं से संबंधित मुद्दों को प्रशासन तक पहुंचाने का उन्हें भी एक माध्यम मिला.

निरूपमा ने मिशन के दौरान संपूर्ण वाराणसी में बाल-विवाह के विरूद्ध जन-सामान्य को जागरूक करने के प्रयास किये. कोविड के दौरान ही मिशन के अंतर्गत 18 बाल विवाहों की सूचना प्राप्त होने पर उन्हें रुकवाया गया. इस दौरान कई मौकों पर उन्हें यौन शोषण के प्रकरणों की जानकारियां प्राप्त हुई, जिन पर तत्काल कार्रवाई कराते हुये उनके द्वारा सर्वाइवर को रेस्क्यू किया गया. मिशन के अंतर्गत बाल संरक्षण के मुद्दों पर लगातार बैठक के परिणाम स्वरूप जनपद में 193 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ने के लिए चिन्हित किया गया, जिनमें औपचारिक कार्रवाई प्रचलित है. विभाग की ओर से नेतृत्व करते हुये उनके द्वारा महिलाओं व बच्चों के साथ-साथ अध्यापकों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, को भी महिलाओं के प्रति हिंसा के मुददों पर प्रशिक्षित किया गया.

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महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विगत तीन सप्ताह में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत रेकॉर्ड एक लाख 55 हज़ार नयी पात्र बालिकाओं को जोड़ा गया है, जिनके खाते में देय लाभ की धनराशि मिशन शक्ति-3 के लांच कार्यक्रम के दौरान प्रेषित की जाएगी.

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