Sunday - 7 January 2024 - 6:25 AM

क्या शिंदे को कमजोर करने के लिए BJP ने कर दिया बड़ा सियासी खेल?

दीपक जोशी 

मुंबई। लोकसभा चुनाव 2024 में होना है। इस वजह से राजनीतिक दलों के मौजूदा साल काफी अहम है। दरअसल इस साल कई राज्यों में विधान सभा चुनाव होना है।

इसके आलावा विधान सभा के साथ-साथ राजनीतिक दल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गए है।

बीजेपी को उम्मीद है कि वो लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक फिर लगायी और मोदी तीसरी बार पीएम बनेंगे। हालांकि हाल के दिनों में बीजेपी के हाथ से हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक उनके हाथ से निकल गया है। इतना ही नहीं बिहार में उसके हाथ से सत्ता जा चुकी है। इस वजह से बीजेपी अब धीरे-धीरे अपना कदम बढ़ा रही है।

दरअसल बीजेपी लोकसभा चुनाव को देखते हुए हर राज्यों पर अपना फोकस कर रही है। बिहार में उसने माझी से हाथ मिलाया तो दूसरी ओर महाराष्ट्र में उसने बड़ा खेल कर दिया है।

बीजेपी ने एनसीपी यानी शरद पवार की पार्टी में सेंध लगा दी है। जिस तरह से शिवसेना टूटी थी ठीक वैसे ही एनसीपी पूरी तरह से टूट गई। अजित पवार ने अलग रास्ता चुन लिया और शिंदे की सरकार में शामिल होकर उन्होंनेशरद पवार को सख्य संदेश दे दिया है।

अब देखना होगा कि एनसीपी किसकी होती है-शरद पवार की या फिर अजित पवार की। ये तो आने वाला वक्त बतायेंगा लेकिन इतना तो तय है कि दोनों असली एनसीपी होने का दावा जरूर करेंगे। इस सब के बीच बीजेपी जो चाहती उसे वहीं मिलता हुआ नजर आ रहा है।

दरअसल लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी अब पहले से ज्यादा मजबूत हो गई है। राजनीतिक के जानकारों की माने तो शिंदे को कमजोर करने के लिए बीजेपी ने महाराष्ट्र में बड़ा खेल कर दिया है। इसको समझना है तो ऐसे समझिये कि महाराष्ट्र में बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साधे है। लोकसभा चुनाव में उसे अजित पवर के रूप में उसे नया सहयोगी भी मिल गया है जो उसे महाराष्ट्र जीत दिला सकता है।

इतना ही नहीं विधान सभा चुनाव में उसको फायदा जरूर मिलेगा। अजित पवार से हाथ मिलाने से शिंदे पर अब ज्यादा दबाव होगा।

इसके आलावा शिंदे भले ही इस वक्त सीएम हो लेकिन संख्या बल के मामले में वो अब कमजोर पड़ गए है क्योंकि बीजेपी के पास अब अजित पवार के रूप में एनसीपी भी आ गई है।

मौजूदा सरकार के पास कुल 166 विधायकों का समर्थन है। अगर शिंदे कैंप के 40 विधायक जाते हैं तो ये संख्या 126 हो जाएगी। अगर अजित पवार खेमे के 30 विधायकों को भी जोड़ लें, तो भी सरकार के पास 156 विधायकों का समर्थन होगा, जो बहुमत से 11 ज्यादा होगा।

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