Friday - 5 January 2024 - 5:38 PM

यूपी की 14 सीटों पर किसकी होगी मजबूत दावेदारी

न्‍यूज डेस्‍क

लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में यूपी की 14 सीटों पर मतदान शुरू हो चुका है। इस चरण में देश के सात राज्यों में 51 सीटों पर मतदान जारी हैं।

इसमें चरण में कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी और रायबरेली सीट के अलावा 12 सीटें हैं, जो 2014 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खाते में गई थीं।

पांचवें चरण के मतदान से पहले सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और देश के गृह मंत्री राजनाथ अपना पिछला प्रदर्शन दोहरा पाएंगे या फिर कोई नई कहानी लिखेंगे।

बीजेपी के लिए बेहद अहम इन 12 सीटों में से सात सीटों पर मोदी-शाह की जोड़ी को महागठबंधन कड़ी टक्कर दे रहा है। इस चरण में राहुल-प्रियंका समेत अखिलेश और मायावती की भी अग्नि परीक्षा होगी।

2014 के वोटिंग ट्रेंड को देखते हुए कहा जा सकता है कि अगर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वोटर एक साथ आते हैं तो बहराइच, मोहनलालगंज, सीतापुर, कैसरगंज, कौशांबी, बांदा और धौरहरा- इन सात लोकसभा सीटों पर बीजेपी पीछे रह सकती है।

बहराइच त्रिकोणीय मुकाबला

बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने हाल ही में बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इस बार वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं जबकि सपा ने महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में शब्बीर अहमद बाल्मीकि को दोबारा मैदान में उतारा है।

बहराइच सीट पर 2014 के मुकाबले में बीजेपी प्रत्याशी ने सपा प्रत्याशी को 95,590 वोटों से हराया था। लेकिन सपा और बसपा को मिले कुल वोटों को मिला दें तो मौजूदा बीजेपी प्रत्याशी अक्षयबर लाल मुकाबले से बाहर हो जाएंगे। वहीं,  कांग्रेस की सावित्री बाई फुले की भी उम्‍मीदवार मजबूत है। इसे देखकर कहा जा सकता है कि यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है।

ये भी पढ़े: Lok Sabha election : जानें क्‍या बहराइच लोकसभा सीट का इतिहास

मोहनलालगंज में बीजेपी बनाम बसपा

मोहनलालगंज सीट पर बीजेपी सांसद कौशल किशोर दूसरी बार सत्ता हथियाने के लिए जोर लगा रहे हैं, लेकिन महागठबंधन यहां पर फायदे की ​स्थिति में है। यहां पर कौशल किशोर का मुख्य मु​काबला बसपा के सीएल वर्मा से है।

2014 के चुनाव में कौशल किशोर को 4,55,274, जबकि बसपा के आरके चौधरी को 3,09,858 वोट मिले थे। लेकिन सपा-बसपा गठबंधन के बाद बीजेपी के लिए यह मुकाबला आसान नहीं रह गया है। इस सीट पर कुल 12 उम्मीदवार हैं।

ये भी पढ़े: Lok Sabha election : जानें मोहनलालगंज लोकसभा सीट का इतिहास

कौशांबी बीजेपी बनाम सपा

कौशांबी में बीजेपी का मुकाबला सपा उम्मीदवार से है। यहां पर 2014 में भाजपा के विनोद कुमार सोनकर ने 4.72 फीसदी यानी 42,900 वोटों से जीत हासिल की थी। इस बार विनोद कुमार का मुकाबला सपा के इंद्रजीत सरोज से है। बसपा के लिए पिछली बार जितने वोट पड़े थे, अगर उन्हें सपा के साथ मिला दें तो विनोद सोनकर के लिए वापसी मुश्किल होगी।

ये भी पढ़े: Lok Sabha Election : जानें कौशाम्बी लोकसभा सीट का इतिहास

सीतापुर में त्रिकोणीय मुकाबला

सीतापुर लोकसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। इस सीट पर 12 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं। गठबंधन से बसपा प्रत्याशी नकुल दुबे और बीजेपी के राजेश वर्मा अलावा कांग्रेस की केसरजहां मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं।

ये भी पढ़े: Lok Sabha Election : जानें सीतापुर लोकसभा सीट का इतिहास

बांदा में त्रिकोणीय मुकाबला

बांदा लोकसभा सीट प्रदेश की ऐसी सीट है, जहां कांग्रेस से लेकर बसपा, सपा, बीजेपी और वामपंथी दल भी चुनावी परचम लहरा चुके हैं। सपा ने श्यामा चरण गुप्ता को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने ददुआ के भाई बाल कुमार पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं, सांसद भैरों प्रसाद का टिकट काट कर बीजेपी ने मानिकपुर से पार्टी विधायक और पूर्व मंत्री आरके सिंह पटेल को बतौर उम्मीदवार मैदान में उतारकर बैकवर्ड कार्ड खेला है। बांदा संसदीय सीट पर त्रिकोणात्मक और दिलचस्प मुकाबला देखने को मिन सकता है।

ये भी पढ़े: Lok Sabha Election : जानें बांदा लोकसभा सीट का इतिहास

कैसरगंज बीजेपी बनाम गठबंधन 

कैसरगंज में सियासी जंग जंग रोचक हो गई है। बीजेपी सांसद बृजभूषणशरण सिंह के खिलाफ गठबंधन से बसपा के चंद्रदेव राम यादव और कांग्रेस के विनय कुमार पांडेय बिन्नू मैदान में हैं।

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के बृजभूषण शरण सिंह विजयी हुए थे, जिन्हें 3,81,500 वोट मिले थे। दूसरे नंबर समाजवादी पार्टी के विनोद कुमार थे। विनोद कुमार को 3,03,282 वोट मिले थे। तीसरे नंबर बसपा के कृष्ण कुमार ओझा थे, जिन्हें 1,46,726 वोट मिले थे।

ये भी पढ़े: Lok Sabha Election : जानें कैसरगंज लोकसभा सीट का इतिहास

धौरहरा बीजेपी बनाम कांग्रेस 

धौरहरा संसदीय क्षेत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद की राह आसान नहीं दिखती। सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी अरशद अहमद सिद्दीकी व बीजेपी की रेखा वर्मा से मुकाबले में उलझे कांग्रेस के जितिन प्रसाद को पिछले चुनाव में रेखा वर्मा शिकस्त दे चुकी हैं। मुसलमानों के रुझान पर टिकी धौरहरा की जंग फिलहाल रोचक बनी हुई है।

ये भी पढ़े: Lok Sabha Election : जानें धौरहरा लोकसभा सीट का इतिहास

लखनऊ बीजेपी बनाम गठबंधन 

अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीतिक कर्मभूमि रही लखनऊ को हाई प्रोफाइल सीटों में गिना जाता है। 28 सालों से इस लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। राजधानी लखनऊ की सीट पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह फिर मैदान में हैं। उनको टक्कर देने बीजेपी के बागी और फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा उतरी हैं। पूनम सिन्हा यहां सपा-बसपा गठबंधन उम्मीदवार बनकर सपा के टिकट पर लड़ रही हैं, वहीं कांग्रेस ने बहुचर्चित आचार्य प्रमोद कृष्णम को टिकट दिया है।

ये भी पढ़े: Lok Sabha Election : जानें लखनऊ लोकसभा सीट का इतिहास

फैजाबाद बीजेपी बनाम कांग्रेस 

राम जन्मभूमि के कारण महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली फैजाबाद संसदीय सीट पर बीजेपी ने सांसद लल्लू सिंह को फिर आगे किया है जबकि गठबंधन से सपा के आनंदसेन यादव मैदान में है। कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व सांसद डा.निर्मल खत्री को वर्ष 2009 का इतिहास दोहराने की उम्मीद है। दरअसल, 2009 में कांग्रेस के निर्मल खत्री ने जीत ली लेकिन 2014 की मोदी लहर में बीजेपी काबिज हो गयी थी।

ये भी पढ़े: Lok Sabha Election : जानें फैजाबाद लोकसभा सीट का इतिहास

बाराबंकी त्रिकोणीय मुकाबला

समाजवादियों का गढ़ रहा बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र इस दफा लोकसभा चुनाव में दिलचस्प जंग का गवाह बन गया है। यहां अपने-अपने समीकरण साधने में जुटे प्रत्याशियों की नजर खामोश खड़े मुस्लिम मतदाताओं पर टिक गई है। सुरक्षित श्रेणी की सीट पर सपा-बसपा गठबंधन ने चार बार सांसद रह चुके राम सागर रावत को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया पर दांव लगाया है। वहीं भाजपा की ओर से जैदपुर सीट से मौजूदा विधायक उपेन्द्र रावत हैं।

ये भी पढ़े: Lok Sabha election : जानें बाराबंकी लोकसभा सीट का इतिहास

फतेहपुर चतुष्कोणीय लड़ाई

फतेहपुर लोकसभा सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की मुश्किलें गठबंधन के उम्मीदवार सुखदेव प्रसाद के साथ कांग्रेस के राकेश सचान भी बढ़ा रहे हैं। कौशांबी सीट पर भाजपा के विनोद सोनकर को गठबंधन उम्मीदवार इंद्रजीत सरोज और कांग्रेस के गिरीश पासी के अलावा रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया की पार्टी से प्रत्याशी शैलेंद्र चतुष्कोणीय लड़ाई में फंसाने की कोशिश में हैं।

ये भी पढ़े: Lok Sabha Election : जानें फतेहपुर लोकसभा सीट का इतिहास

रायबरेली कांग्रेस बनाम बीजेपी

कांग्रेस का गढ़ रायबरेली में एक बार फिर सोनिया चुनावी ताल ठोक रही हैं। कांग्रेस ‘इस बार पांच लाख पार’ नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी है, हालांकि पिछले चुनाव में सोनिया को 5.26 लाख वोट मिले थे। सपा-बसपा गठबंधन ने तो यहां गांधी परिवार का सम्मान करते हुए उम्मीदवार ही नहीं उतारा है, लेकिन इस बार कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़ बीजेपी का साथ देने वाले उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह सोनिया के लिए थोड़ी दिक्कत पैदा कर सकते हैं। पांच विधानसभा क्षेत्रों वाले रायबरेली में महज दो सीटें कांग्रेस के पास हैं और बीजेपी के पास भी दो।

ये भी पढ़े: Lok Sabha Election: जानें रायबरेली लोकसभा सीट का इतिहास

अमे​ठी में कांग्रेस बनाम बीजेपी 

अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस और खासकर नेहरू-गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु, उनके पोते संजय गांधी, राजीव गांधी के अलावा सोनिया गांधी यहां का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। तीन बार यहां से सांसद रहे राहुल गांधी ने चौथी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। राहुल इस बार अमेठी और वायनाड सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, पिछली बार की तरह इस बार भी उनका मुकाबला बीजेपी नेत्री स्मृति ईरानी से है।

ये भी पढ़े: Lok Sabha Election : जानें अमेठी लोकसभा सीट का इतिहास

हालांकि, राहुल गांधी ने 2014 में भाजपा की स्मृति ईरानी को 1,07,903 वोट से हराया था, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा और निकाय चुनाव में कांग्रेस का जनाधार खिसक गया। ईरानी इस बार फिर से भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। 2014 में यहां कांग्रेस को 46.71, जबकि भाजपा को 34.38 प्रतिशत वोट मिले थे।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com