Wednesday - 10 January 2024 - 3:24 PM

हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी ने दुनिया को कहा अलविदा

  • हिंदी की प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी का निधन
  • ‘आपका बंटी’ और ‘महाभोज’ से मिली थी पहचान

जुबिली स्पेशल डेस्क

हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी अब हमारे बीच नहीं रहीं। दरअसल सोमवार को उनका निधन हो गया है। मन्नू भंडारी ने 90 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा है।

उनके निधन की खबर से पूरा हिंदी साहित्य जगत शोक में डूब गया है। उनका जन्म 3 अप्रैल, 1939 मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के भानपुरा गांव में हुआ था।

उनको ‘महाभोज’ और ‘आपका बंटी’ जैसी कालजयी रचनाओं के लिए सबसे ज्यादा सुर्खिया मिली थीं। मन्नू भंडारी की निधन की खबर सुनकर सोशल मीडिया पर लोग उनको श्रद्धांजलि देने मेंं जुट गए है।

बताया जा रहा है कि करीब 10 दिनों से बीमार थीं और सोमवार को हरियाणा के गुरुग्राम स्थित एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी रचना यादव ने दी है और मीडिया को बताया है कि वह करीब 10 दिनों से बीमार थीं. उनका हरियाणा के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां सोमवार दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली।

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बताया जाता है उनका बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था लेकिन बाद में उन्होंने इसे बदलकर मन्नू भंडारी कर लिया था।

मन्नू भंडारी ने कई शानदार कहानियां और उपन्यास लिखे हैं। लोग उनके द्वारा लिखी गई कहानियां और उपन्यास को खूब पसंद करते थे और उनकी कई किताबों पर फिल्म भी बनी हैं। ‘यही सच है’ पर 1974 में ‘रजनीगंधा’ फिल्म का निर्माण किया गया था।

मन्नू भंडारी पुरुषवादी मानसिकता के खिलाफ मुखर लेखन के लिए जाना जाता था। उन्होंने ‘त्रिशंकु’ में अपने परिवार के लोगों पर कटाक्ष किया है।

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मन्नू भंडारी ने कहानियां और उपन्यास लिखे थे लेकिन उनको असली पहचान आपका बंटी से खूब मिली। यह प्यार, शादी, तलाक और वैवाहिक रिश्ते के टूटने-बिखरने की कहानी पर अधारित बतायी जाती है।

बाद में इस पर  ‘समय की धारा’ नामक फिल्म भी बनी है। इतना ही नहीं बाद में इस किताब बांग्ला, अंग्रेजी और फ्रेंच में अनुवाद किया गया है।

कई कहानियां लिखीं

  • ‘मैं हार गई’
  • ‘तीन निगाहों की एक तस्वीर
  • ‘एक प्लेट सैलाब
  • आंखों देखा झूठ
  • ‘त्रिशंकु जैसी कई कहानियां लिखीं…
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