Sunday - 7 January 2024 - 6:18 AM

आर्थिक सुस्ती के बीच IMF ने भारत को फिर चेताया

न्‍यूज डेस्‍क

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कुछ दिन पहले कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय सुस्ती के चंगुल में फंसी है और इसमें बेचैनी और अस्वस्थता के गहरे संकेत दिखायी दे रहे हैं। इसे फिर से पटरी पर लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत को जल्द से जल्द बड़े कदम उठाने के लिए कहा है।

आईएमएफ का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था, ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ाने वाली अर्थव्यवस्था में से एक है, इसीलिए भारत को तेजी से कदम उठाने होंगे। आईएमएफ ने अपनी सालाना समीक्षा में बताया कि खपत और निवेश में गिरावट, टैक्स राजस्व में कमी से भारत की आर्थिक ग्रोथ को झटका लगा है।

आईएमएफ की एशिया और प्रशांत की हेड रानिल सालगाडो का कहना है कि लाखों को गरीबी से बाहर लाने के बाद भारत अब आर्थिक सुस्ती के बीच है। मौजूदा स्लोडाउन को दूर करने और फिर से आर्थिक ग्रोथ की पटरी पर लौटने के लिए भारत को तुरंत नीतिगत उपायों की आवश्यकता है। हालांकि सरकार के पास डेवल्पमेंट पर खर्च के जरिए बढ़ावा देने के लिए सीमित विकल्प हैं।

आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 की दिसंबर और मार्च तिमाही में भी आर्थिक ग्रोथ कमजोर बनी रहेगी। गोपीनाथ ने कहा कि पहले हमें मौजूदा वित्त वर्ष की बाकी दो तिमाहियों में तेजी की उम्मीद थी। लेकिन अब रिकवरी मुश्किल नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए हमें पुराने अनुमान बदलने पड़े हैं। आईएमएफ 20 जनवरी 2020 को भारत के आर्थिक ग्रोथ के आउटलुक पर एक रिपोर्ट जारी करेगा।

गीता गोपीनाथ का मानना है कि कुछ मुश्किलें आसानी से दूर नहीं हो सकती हैं। इनमें बैंकिंग सेक्टर की समस्याएं हैं जो सिर्फ इंडिया नहीं बल्कि दुनिया भर की हैं। उन्होंने कहा, भारत के मामले में कुछ मसले ऐसे हैं जिन्हें इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड कोड के जरिए ठीक किया जा सकता है।

बैंकिंग सेक्टर के आसपास कई तरह की अनिश्चितताएं हैं जिनकी वजह से बैंकों की रिस्क लेने की क्षमता घटी हैं और इसका असर क्रेडिट ग्रोथ पर भी नजर आ रहा है। ग्रामीण इलाकों में आमदनी और पैदावार घटने की वजह से उपभोग भी घटा है।

गोपीनाथ ने कहा कि रिजर्व बैंक ने इस साल रेपो रेट में कुल 1.35 फीसदी की कटौती की है। उन्होंने कहा कि सिस्टम की रफ्तार बढ़ाने के लिए बहुत है। गोपीनाथ ने यह भी कहा है कि इस फिस्कल ईयर में नहीं लेकिन अगले फिस्कल ईयर में रिवाइवल की उम्मीद हैं।

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