Monday - 27 March 2023 - 5:08 PM

रूस के इस शर्त की वजह से तेल की कीमतों में लगी आग

जुबिली न्यूज डेस्क

यूक्रेन और रूस युद्ध का असर दिखना शुरु हो गया है। साल 2008 के बाद तेल कीमतें सबसे ऊपर चली गई हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक बाजार में ईरान के तेल की संभावित वापसी में देरी के साथ अमेरिका और यूरोपियन यूनियन की ओर से रूसी तेल के आयात पर पाबंदी के विचार के कारण कीमतें आसमान छू रही हैं।

ईरान के साथ साल 2015 के परमाणु समझौते को बहाल करने की कोशिश की जा रही है लेकिन अनिश्चितता और बढ़ गई है।

दरअसल रूस ने ये शर्त रखी है कि यूक्रेन पर हमले को लेकर लगाई गई पाबंदी के कारण ईरान के साथ उसके कारोबार प्रभावित नहीं होने चाहिए।

न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि चीन ने भी नई शर्त रखी है। रूस की नई मांग पर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को कहा कि यूक्रेन पर हमले कारण रूस पर लगी पाबंदी को ईरान के साथ परमाणु समझौते से जोडऩे का कोई मतलब नहीं है।

वहीं दूसरी ओर अमेरिका और यूरोप के सहयोगी देश रूस से तेल आयात करने पर पाबंदी के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री ने भी कहा है कि व्हाइट हाउस कांग्रेसनल कमिटी से रूस के तेल पर पाबंदी के लिए बात करेगा।

यह भी पढ़ें : पुलिस कमिश्नर बनकर वो कर रहा है युवती को ब्लैकमेल

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने कहा सरकार सही, राष्ट्र हित के सामने जाति या व्यक्ति हित अहम नहीं

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्रेंट क्रूड की कीमत 7 मार्च को 129.78 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई है। वहीं यूएस टेक्सस इंटरमीडिएट (WIT) क्रूड की क़ीमत भी 10.83 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 126.51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है। इससे पहले 2008 में ब्रेंट 139.13 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा था।

इस मामले में थिंक टैंक एनर्जी आस्पेक्ट की सह-संस्थापक अमृता सेन कहती हैं, ”ईरान एक मात्र कारक था, जिससे तेल की कीमतों को काबू में किया जा सकता था लेकिन परमाणु समझौते में देरी हो रही है। अगर रूस का तेल भी बाजार से बाहर रहा तो स्थिति और बिगड़ सकती है.”

विश्लेषकों का कहना है कि इस सप्ताह कच्चे तेल की कीमत 185 डॉलर प्रति बैरल पहुंच सकता है।

यह भी पढ़ें : मध्य प्रदेश में बनेगा देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा

यह भी पढ़ें : उद्यमिता विकास संस्थान के निदेशक के घर से मिले चार करोड़ नगद और…

यह भी पढ़ें : यूरोप के मानक पर रीडिजाइन होंगी दिल्ली की चार सड़कें

यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : बम घरों पर गिरें कि सरहद पर, रूह-ए-तामीर ज़ख़्म खाती है

दरअसल रूस करीब 70 लाख बैरल तेल प्रति दिन निर्यात करता है। तेल की वैश्विक आपूर्त में रूस का हिस्सा सात फीसदी है। रूसी पोर्ट से कजाख़स्तान का तेल भी निर्यात होता है और यह भी तनाव के कारण प्रभावित हुआ है।

वहीं बैंक ऑफ अमेरिका के विश्लेषकों का कहना है कि रूस के तेल का अधिकतर निर्यात थम गया है और इसमें हर दिन 50 लाख बैरल की गिरावट आ सकती है। इसका मतलब है कि कच्चे तेल की कीमत 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है।

English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com