Wednesday - 10 January 2024 - 6:09 AM

सीटों के बंटवारे के बाद उठे सवाल, NDA में बड़ा भाई कौन

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए NDA में सीटों का बंटवारा हो गया है। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में जेडीयू को 122 सीटें मिली है, इसमें से जेडीयू अपने कोटे से जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा को 7 सीटें देंगी, इस तरह से जेडीयू 115 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

भारतीय जनता पार्टी  को 121 सीटें मिली है। बीजेपी अपने कोटे से मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी को कुछ सीटें देंगी। उधर, लोजपा ने बिहार चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है।

Something wrong in Nitish's political DNA: Modi at Muzaffarpur rally - india - Hindustan Times

जानकारों की माने तो लोजपा के इस फैसले का विधानसभा चुनाव पर बड़ा असर पड़ सकता है। जेडीयू के खाते में हम पार्टी को सीटें देने के बाद 115 सीटें आईं हैं। वहीं, बीजेपी के खाते में 121 सीटें आ रहीं। अगर बीजेपी मुकेश सहानी की पार्टी को पांच सीटें भी देती है तो उसके पास 116 सीटें होंगी। इन आंकड़ों को देखा जाए तो एनडीए गठबंधन में बीजेपी के बड़े भाई के भूमिका में आने के संकेत मिल रहे हैं।

वहीं, अगर चुनावी समीकरण की बात की जाए तो कई सीटों पर लोजपा के मैदान में उतरने से कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। माना जा रहा है कि चिराग के इस फैसले से जदयू और सीएम नीतीश कुमार को नुकसान उठाना पड़ सकता है, वहीं विपक्षी पार्टियां इससे फायदे में रह सकती हैं।

कई सीटों पर सीधे-सीधे जेडीयू का नुकसान होता भी दिख रहा है। ऐसे में चुनाव के बाद बीजेपी की जेडीयू से ज्‍यादा सीटें हुई तो बीजेपी बिहार में अपना मुख्‍यमंत्री बनाने का सपना पुरा कर सकती है। दरअसल, लोजपा के एनडीए से जाने से दलित वोटबैंक पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। राजद पहले ही दलितों के मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरने में जुटी हैं।

Fact check: 2015 photo of Narendra Modi, Nitish Kumar shared with misleading claims

हालांकि, जदयू ने हम को गठबंधन में शामिल कर इसकी भरपाई की कोशिश की है लेकिन हम का अभी उतना जनाधार नहीं है, ऐसे में दलित मुद्दे पर नीतीश को घेरने की विपक्ष की रणनीति को चिराग के अलग चुनाव लड़ने के फैसले से फायदा मिल सकता है।

नीतीश की पार्टी जदयू से दलित वोट खिसके और लोजपा इन्हें अपने पक्ष में लामबंद नहीं कर पायी तो ये वोट विपक्ष के खाते में भी जा सकते हैं। वहीं कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है, जिसका विपक्ष को फायदा भी मिल सकता है।

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आज पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीटों के बंटवारे की घोषणा की। इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए अपने काम के दम पर राज्य में चुनाव लड़ेगी। वहीं डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि अगर आज रामविलास पासवान जी स्वस्थ रहते, तो ये परिस्थिति पैदा नहीं होती।

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उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ेगी तो हम चुनाव आयोग को लिखकर देंगे, कि एनडीए से जुड़े सिर्फ चार दल ही प्रधानमंत्री के चित्र का इस्तेमाल कर सकते हैं, अन्य किसी को प्रधानमंत्री का चित्र इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं होगा।

इस दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बीजेपी चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाएगी, इसमें किसी प्रकार के शक की गुंजाइश नहीं है।

संजय जायसवाल ने कहा कि एनडीए के नेता चाहते हैं कि रामविलास पासवान जल्द स्वस्थ हो जाएं, लेकिन बिहार में बीजेपी नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। इस बारे में पूरी स्पष्टता है।

इससे पहले सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर बिहार कोर कमेटी की बैठक हुई. बीजेपी बिहार कोर कमेटी की बैठक में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और राज्य प्रभारी भूपेंद्र सिंह यादव हिस्सा लिए थे।

2010 में साथ लड़े थे चुनाव

इससे पहले बीजेपी और जेडीयू ने 2010 का विधानसभा चुनाव साथ लड़ा था। तब जेडीयू 141 और बीजेपी 102 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारी थी। इस चुनाव में जेडीयू ने 115 तो बीजेपी ने 91 सीटों पर जीत हासिल की थी।

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गौरतलब है कि राज्य में 28 अक्टूबर से शुरू होने वाले चुनाव में NDA का मुकाबला तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाले महागठबंधन से है। महागठबंधन की बात करें तो आरजेडी 144, कांग्रेस 70 और लेफ्ट पार्टियां 29 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई(माले), सीपीआई, सीपीएम महागठबंधन का हिस्सा हैं।

LJP अकेले लड़ेगी चुनाव

चुनाव से पहले तक NDA का हिस्सा रही LJP ने अकेले लड़ने का फैसला लिया है। वो जेडीयू के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारेगी। एनडीए में मनचाही संख्या में सीट न मिलने के चलते चिराग पासवान ने 143 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। एलजेपी का बीजेपी के प्रत्याशियों को समर्थन रहेगा।

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बता दें कि बिहार में तीन चरण में विधानसभा के चुनाव होंगे। पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होगा, दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर और तीसरे चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा। चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को घोषित होंगे।

2015 में क्या थे नतीजे

2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को भारी जीत मिली थी। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में महागठबंधन 178 सीटों पर जीती थी। नीतीश कुमार बिहार के नए मुख्यमंत्री चुने गए थे। हालांकि, चुनाव के दो साल बाद जेडीयू महागठबंधन से अलग हो गई थी और बीजेपी से हाथ मिला लिया था। इस चुनाव में RJD को 80, JDU को 71, बीजेपी को 53 और कांग्रेस को 27 सीटों पर जीत मिली थी।

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