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WHO भी कोरोना वायरस से डरा, क्रूज पर फंसे लोगों ने लगाई PM मोदी से गुहार

न्‍यूज डेस्‍क

कोरोनावायरस की वजह से पूरी दुनिया में अब तक 43,098 लोग संक्रमित हो चुके हैं। जबकि, 1,018 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल बीमार लोगों में से 40,171 संक्रमित लोग सिर्फ चीन में है।

चीन में ही अब तक कुल 908 लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे लेकर बेहद चिंतित है। WHO के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेड्रोस घेब्रेइसस ने कहा है कि यह एक बड़ी भयावह महमारी की शुरुआत है।

WHO के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेड्रोस घेब्रेइसस ने कहा कि यह तो मात्र एक शुरुआत है। क्योंकि अभी हमें इस भयानक महामारी का खतरनाक रूप देखना बाकी है। पूरी दुनिया को इसके लिए सतर्क रहने की जरूरत हैं। साथ ही अपनी तैयारी पूरी रखनी चाहिए। क्योंकि हमें नहीं पता कि इसे कैसे रोकेंगे?

WHO के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि जितनी गति से यह कोरोनावायरस फैल रहा है, उसे संभाल पाना मुश्किल हो रहा है। क्योंकि अब कई देशों में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों के छोटे-छोटे मामले आ रहे हैं। अब इन्हीं छोटे-छोटे मामलों से ज्यादा लोग संक्रमित हो जाएंगे। हालांकि, अभी इसकी गति धीमी है लेकिन यह कभी भी बढ़ सकता है।

WHO के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेड्रोस घेब्रेइसस की चिंता की सबसे बड़ी वजह है यूके के इलाकों में कम संख्या में ही सही लेकिन कोरोनावायरस के मामले सामने आए हैं। यूके के ब्रिटन में 5 मामले, लंदन में 1 मामला, यॉर्क में 2 मामले और ऑक्सफोर्ड में 1 केस। जबकि, मर्सीसाइड में 93 और मिल्टन कींस में 105 लोगों को क्वारंटीन किया गया है।

सबसे बड़ी चिंता ये है कि अब कोरोनावायरस चीन से नहीं फैल रहा है। जो लोग इससे संक्रमित होकर दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जा चुके हैं। उनकी वजह से कोरोनावायरस ने खुद को फैला लिया है। लोगों को यात्रा करने से रोकना बेहद मुश्किल है।

डॉ. टेड्रोस घेब्रेइसस ने कहा कि ऐसे कम संख्या वाले मामलों को पकड़ पाना मुश्किल होगा। इनसे वायरस के फैलने का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। कई देशों में तो अभी इसकी जांच के लिए पर्याप्त मेडिकल किट्स भी नहीं हैं।

दुनिया भर के वायरस विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के वुहान में अकेले कोरोनावायरस से संक्रमित करीब 3.50 लाख लोग होंगे। लेकिन चीन की सरकार इस बात का खुलासा नहीं कर रही है। अगर इसी तरह किसी भी सरकार ने कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या छिपाने की कोशिश की तो दुनिया महामारी की चपेट में आ जाएगी।

दूसरी ओर जापान में कोरोना वायरस के चलते अपतटीय क्षेत्र में अलग-थलग खड़े किए गए क्रूज़ पोत में सवार लगभग तीन हजार लोगों में भारतीय भी शामिल हैं। लेकिन उनकी सही संख्या का पता नहीं चल पाया है।

भारतीय दूतावास ने सोमवार को यह जानकारी दी। क्रूज़ पोत डाइमंड प्रिसेंज़ 3,711 लोगों को लेकर पिछले हफ्ते जापान के तट पर पहुंचा था। पिछले महीने हांगकांग में उतरा यात्री कोरोना वायरस से पीड़ित पाया गया। इसके बाद पोत को अलग कर दिया गया था।

पोत सवार करीब 65 लोगों के सोमवार को वायरस से पीड़ित होने की पुष्टि हुई है। इसी के साथ पोत सवार संक्रमित यात्रियों की संख्या बढ़कर 135 हो गई है। जब पोत जापान के तट पर पहुंचा था तब अधिकारियों ने शुरू में तकरीबन 300 लोगों का परीक्षण किया था।

भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर दी जानकारी

तोक्यो में भारतीय दूतावास ने सोमवार को ट्वीट कर पोत पर भारतीयों के होने की जानकारी दी। दूतावास ने कहा, “क्रूज़ डाइमंड प्रिंसेज पर चालक दल के सदस्यों में कई भारतीय हैं और पोत पर कुछ भारतीय यात्री भी सवार हैं। इसे जापान के अपतटीय क्षेत्र में कोरोना वायरस की वजह से अलग कर दिया गया है।”

Today more 66 are inflected with Corona virus…. Now total 137 are posetive Corona virus…… Day by day are increasing this virus if are Infected people will be separated from Dimond princess cruise they may be alive. Request to India government total 160indian crew rescue from ship (Japan)….. Plzzzz share this Vdo…. Plzzzzz….. Plzzzz

Gepostet von Binay Kumar Sarkar am Sonntag, 9. Februar 2020

दूतावास ने पोत पर सवार भारतीयों की सटीक संख्या नहीं बताई। उसने कहा, “इस संबंध में किसी भी जानकारी के लिए तोक्यो में भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (काउंसलर) से संपर्क करें।” हालांकि पोत सवार चालक दल के भारतीय सदस्य बिनय कुमार सरकार ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर बताया कि पोत पर चालक दल के सदस्यों में 160 भारतीय हैं और आठ भारतीय मुसाफिर हैं।

वीडियो में लगाई सरकार से गुहार

बिनय कुमार सरकार ने पोत पर से वीडियो रिकॉर्ड करके भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र से भारतीयों को तत्काल अलग करने की अपील की. बंगाल के रहने वाले और खानसामा का काम करने वाले सरकार ने कहा, “उनमें से किसी की भी (कोरोना वायरस) जांच नहीं की गई है।

भारत सरकार से की मदद की अपील

सरकार के साथ उनके पांच भारतीय सहकर्मी खड़े हैं जो मास्क पहने हुए हैं. उन्होंने कहा, “कृपया जल्द से जल्द हमें किसी तरह से बचा लें। अगर (हमें) कुछ हो गया तो क्या होगा… मैं भारत सरकार और प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी जी से आग्रह करता हूं कि कृपया हमें अलग कराएं और वापस सुरक्षित घर ले जाएं।”

समाचार एजेंसी एएफपी की खबर के मुताबिक पोत में सवार लोगों को अलग करने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, खासकर वे जो पोत के अंदर उन कक्षों में हैं, जहां खिड़की नहीं है और वे लोग परेशान हैं जिन्हें पुरानी बीमारी की वजह से इलाज की जरूरत है। जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि पोत सवार करीब 600 लोगों को फौरन इलाज की जरूरत है।

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