वरुण चौधरी मिटते हैं सरजमीं पर वह शख्स अमर हो जाते हैं। नाम की भूख नहीं वह हर जुबां की खबर हो जाते हैं। जिन्दा है ज़मीं की धड़कनें जिनके कदमों की ताल से। गूंजते हैं जयघोष जिनके आकाश और पाताल से। वतन के रखवाले वतन पर बलिदान हो जाते …
Read More »लिट्फेस्ट
विकल्प हैं इसीलिए कलाकारों को करनी होगी दुगनी मेहनत: अनुराग सिन्हा
मौजूदा सदी में विजुअल कल्चर और कम्यूनिकेशन को लेकर तरह तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। जिनमें दर्शकों के सामने नए तरह के वीडियो कंटेन्ट को परोसा जा रहा है। सिनेमा हॉल से निकल चुका दर्शक अब मोबाइल में टकटकी लगाए हुए हैं। उसे नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, वूट, जी …
Read More »कोरोना काल की कहानी: जनता कर्फ़्यू-3
डॉ. मनीष पाण्डेय ……चाय के साथ पारले बिस्किट (गोल्ड वाला क्योंकि नॉर्मल का स्वाद अब चावल की भूंसी जैसा हो गया है) भिगाकर खाते हुए आशीष के मोबाइल पर रिंग आती है, जिसे वह सेकंड के दसवें भाग में ही रिसीव कर लेते हैं, क्योंकि उंगलियां तो हमेशा स्क्रीन पर …
Read More »अखबार और रंगमंच के सेतु विजय तिवारी नहीं रहे
लखनऊ के रंगकर्म का हास्य रंग चला गया नवेद शिकोह लखनऊ रंगकर्म को अखबारी कवरेज के रंगों से ग्लैमरस करने वाले हरफनमौला रंगकर्मी विजय तिवारी पर मृत्यु ने विजय प्राप्त कर ली। दर्जनों मीडियाकर्मियों और सम्पूर्ण रंगजगत के चहेते ज़िन्दादिल विजय तिवारी को तीन दिन पहले ब्रेनहेमरेज के बाद लखनऊ …
Read More »आदमी अपने हर सही-ग़लत के पक्ष में दार्शनिक तर्क गढ़ लेता है : संजीव पालीवाल
ऐसा बहुत कम देखा गया है कि किसी राइटर की पहली ही रचना धूम मचा दे, इतनी चर्चा बटोरे कि यक़ीन करना मुश्किल हो कि राइटर ने इससे पहले, पढ़ा तो ख़ूब पर लिखने के नाम पर उसके ख़ाते में कुछ ख़ास दर्ज़ नहीं। वरिष्ठ टीवी पत्रकार संजीव पालीवाल की …
Read More »कहानी : जनता कर्फ़्यू 2
डॉ. मनीष पांडेय लॉकडाउन में प्रत्येक व्यक्ति अपनी अलग-अलग तरह की समस्याओं से जूझ और आतंकित हो रहा था! अचानक सोशल मीडिया एक ख़बर से धधक उठता है.. “सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने डीडी नेशनल पर रामायण सीरियल वापसी की घोषणा ट्विट की!” रामनवमी के निकट आ रहे क्षणों में …
Read More »सफ़र में फंसा हुआ घर जाने को बेकरार हूँ
डॉ. अभिनन्दन सिंह मैं अपने मालिकों की संवेदना का टूटा हुआ तार हूँ। मैं शहर और सरकारों के सपनों का शिल्पकार हूँ।। मैं सफ़र में फंसा हुआ घर जाने को बेकरार हूँ। मैं भी बचाना चाहता हूँ अपने बच्चों का लाचार जीवन। हाँ, साहब मैं ही मजदूर हूँ और गाँव …
Read More »कविता : लॉक डाउन
कुमार अंशुमन पेशे से पत्रकार कुमार अंशुमन का सहज संवेदनशील मन कोरोना संकट के दौर में अपने अंदर झांक रहा है । एक आम मध्यवर्गीय व्यक्ति की मनःस्थिति इस कविता में बखूबी व्यक्त की गई है । जुबिली पोस्ट के पाठकों के लिए प्रस्तुत है :- एक सिगरेट सुलगा कर, …
Read More »छोटी सी कथा एक दिन की…. ‘जनता कर्फ़्यू !’
मनीष पांडेय एक ऐसी जगह का घर, जो अब न गाँव है न शहर! अतीत से दूर है, नए को पाने में डूब-उतरा रहा! दोपहरी में ओठन्गने के समय बगल गाँव से घर मे काम करने आने वाली महिला मुन्नर के माई हरहराते हुए आती है, बम्मई से दमदा के …
Read More »अखिल भारतीय वाहन चालक महासंघ के क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन
स्पेशल डेस्क लखनऊ। अखिल भारतीय वाहन चालक महासंघ के क्षेत्रीय कार्यालय फरीदी नगर इंदिरा नगर में राष्ट्रीय अध्यक्ष डीडी जोशी के साथ-साथ क्षेत्रीय पार्षद रामकुमार वर्मा के द्वारा फीता काटकर उद्घाटन किया गया। इससे संपूर्ण भारत के असंगठित वाहन चालकों को रोजगार की व्यवस्था तथा उनकी संपूर्ण सुरक्षा वह आर्थिक …
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