कुमार अशोक पांडेय स्वतंत्र भारत में पंचायती राज व्यवस्था महात्मा गांधी की देन है। वे स्वतंत्रता आंदोलन के समय से ही ब्रिटिश सरकार पर पंचायतों का पूरा अधिकार देने का दबाव बना रहे थे। आजादी के बाद 2 अक्टूबर 1952 को जब सामुदायिक विकास कार्यक्रम प्रारंभ किया गया तो सरकार …
Read More »ओपिनियन
दो भूखे लोगों की कहानी
सुरेंद्र दुबे आइये आज हम आपको एक ऐसी कहानी सुनाते हैं जिसे आप जानते हुए भी नहीं जानते। आप स्वयं इस कहानी के किरदार है पर आपको खबर ही नहीं क्योंकि आप अपने को पहचानते ही नहीं। कहानी युगों युगों से से चली आ रही है। पर किस्सा गोई भी …
Read More »अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल का खेल : भारत के लिए चुनौतियों के बीच अवसर भी हैं
योगेश बंधु अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है। 1991 को पहला खाड़ी युद्ध शुरू होने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में यह सबसे बड़ी गिरावट है। दुनियाभर में कोरोना वायरस के चलते कच्चे तेल की कीमतों में हो रही लगातार गिरावट को थामने के …
Read More »#CoronaDiaries : बैक इज द न्यू फ्रंट
अभिषेक श्रीवास्तव गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है या नहीं, पक्का नहीं कह सकता। आदमी की मौत आती है तो वो जंगल की ओर ज़रूर भागता है। स्मृतियों का जंगल! आदमी जब मौत के करीब होता है तो उसकी स्मृतियां कोलाज की तरह आंखों …
Read More »तुम्हीं ने दर्द दिया है तुम्हीं दवा देना
सुरेन्द्र दूबे हमे आज सुबह से एक गाने की बड़ी याद आ रही है। ये गाना है-गरीब जान के हमको न तुम सता देना, तुम्हीं ने दर्द दिया है तुम्हीं दवा देना। यह गाना वर्ष 1956 में आई छूमंतर फिल्म का है, जिसे मोहम्मद रफी ने गया था। नई पीढ़ी …
Read More »अनुशासन के कारण ही कोरोना से बची हुई है सेना
‘ऑपरेशन नमस्ते है कोरोना के खिलाफ कारगर हथियार सैन्य परिवार के सदस्य भी कंधे से कंधा मिला लड़ रहे जंग राजीव ओझा कुछ दिन पहले एक खबर आई थी कि इंडियन आर्मी में केवल आठ लोग अब तक COVID-19 से संक्रमित पाए गए हैं। इसी तरह मुम्बई में भारतीय नौसेना …
Read More »एसिम्प्टोमैटिक कोरोना कितना खतरनाक ?
डॉ. चक्रपाणि पाडेंय एसिम्प्टोमैटिक कोरोना मतलब बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज। मतलब ये वो मरीज हैं जिनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं होता फिर भी ये कोरोना पॉजिटिव होते हैं। अब ये मामले डॉक्टरों के लिए नया सिरदर्द बन गए हैं। ऐसे मामले देश के कई राज्यों से सामने आ …
Read More »क्या एक व्यापक लॉकडाउन का कोई उचित विकल्प है!
योगेश बंधु प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सीमित क्षेत्रों में सीमित छूट के साथ लाकड़ाउन 2.0 की घोषणा एक ईअंतराष्ट्रीय नीति प्रबंधको के शोध परक अनुमानों पर आधारित है। भारत द्वारा उठाए गए क़दम को तार्किक रूप से विश्व के सभी देशों में आज़माया जा रहा है। न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में फ़ैकल्टी ऑफ …
Read More »आम व ख़ास का सरकारी फर्क और तेजस्वी का ट्वीट
शबाहत हुसैन विजेता कोटा में फंसे विद्यार्थियों के मुद्दे पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मजदूरों के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने लॉक डाउन के नियमों का हवाला देते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से …
Read More »केरल के कान क्यों उमेठे
सुरेंद्र दुबे आज क से करोना ,क से केरल और क से कर्नाटक की बात करते हैं। कोरोना संकट से निपटने में सबसे ज्यादा तारीफ केरल राज्य की होती है क्योंकि वहां न केवल शुरुवाती दौर में ही कोरोना पर काबू पा लिया गया बल्कि कारगर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के …
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