डॉ. उत्कर्ष सिन्हा एक अमेरिकी विश्लेषक ने चुनावी नतीजों के रुझान आने के बाद कहा – “ ऐसा लगता है कि अमेरिका ने अपने पॉकेट को आगे रखा और नैतिकता की बातों को खूंटी पर टांग दिया है। लंबे समय बाद ऐसा हो रहा है कि अमेरिका का नया …
Read More »ओपिनियन
सवाल है कि पर्याप्त उपज होने के बावजूद महंगाई इस कदर बेलगाम क्यों हो गई है?
प्रीति सिंह बिहार के चुनावी मैदान में कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यूपीए के शासनकाल में बीजेपी के लिए महंगाई डायन थी और अब उनकी भौजाई बन गई है। तेजस्वी का कहना सही है। यूपीए के शासनकाल में महंगाई को लेकर बीजेपी …
Read More »बड़ा मलहरा जैसे उप-चुनावों के मायने
डा. रवीन्द्र अरजरिया बड़ा मलहरा (छतरपुर)। देश की राजनैतिक नैतिकता एक बार फिर कटघरे में खडी हो गई है। उसी नैतिकता का महाकुम्भ अंतिम पड़ाव पर है। संविधान के अनुशासन में बंधा आम आदमी मतदान करके अपने प्रतिनिधि का चयन करेगा। प्रतिनिधि का क्षेत्र के प्रति दायित्वबोध कब कहां करवट …
Read More »‘जंगलराज’ बन गया है एनडीए के चुनावी उम्मीद की डोर
कुमार भवेश चंद्र बिहार में मंगलवार को दूसरे दौर के मतदान के साथ प्रदेश के वोटर अपने लिए नई सरकार चुनने की दिशा में एक और मजबूत बढ़ा देंगे। चुनावी बयार तेज है। बेरोजगारी दूर करने के तेजस्वी के 10 लाख वादे को लेकर बिहार में विचार मंथन तेज है। …
Read More »तो क्या ओवेसी के साथ यूपी में दलित-मुस्लिम कार्ड खेलेंगी मायावती !
नवेद शिकोह “यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में ओवेसी के साथ बसपा का गठबंधन दलित-मुस्लिम कार्ड खेलकर चौका सकता हैं। फिलहाल यूपी में भाजपा के साथ मायावती के मधुर रिश्ते हैं और बिहार में वो ओवेसी के साथ गठबंधन धर्म निभा रही हैं। अलग-अलग दिशाओं के इन नये दोस्तों मे …
Read More »आखिर सरकारें कब पूरा करेंगी सुशासन देने का वादा?
प्रीति सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम ही सुशासन बाबू हैं। बिहार की जनता ने उन्हें सत्ता में इसीलिए सौंपा था कि बिहार के जंगलराज को खत्म कर सुशासन स्थापित करेंगे, लेकिन हालात इसके इतर है। बिहार में स्वास्थ्य, शिक्षा, क्राइम, रोजगार जैसी अनगिनत समस्याएं मुंह बाएं खड़ी …
Read More »बिहार चुनाव में क्या कर रहे हैं राहुल गांधी?
प्रीति सिंह बिहार का चुनावी महासंग्राम चरम पर है और चर्चा में सिर्फ तेजस्वी यादव, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार हैं। वैसे तो बिहार की लड़ाई एनडीए बनाम महागठबंधन की थी, पर अब यह तेजस्वी बनाम एनडीए हो गई है। बिहार के चुनावी संग्राम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ताबड़तोड़ …
Read More »घाटी के नेताओं की चुनौती पर क्यों उदासीन है केंद्र
केपी सिंह कश्मीर घाटी में प्रमुख नेताओं को रिहा किये जाने से उथल-पुथल शुरू हो गई है। ये नेता दिग्भ्रिमित हैं और अपने राजनैतिक पुनर्जीवन की बाट जोह रहे हैं। अंधेरी सुरंग में फस जाने के एहसास से उनकी हालत खराब है और मुंह से अनर्गल बयानबाजी निकल रही है। …
Read More »शांत रहने वाला यूरोप फिलहाल चिंता से भरा क्यों दिखाई दे रहा है ?
डॉ. उत्कर्ष सिन्हा दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षित और निश्चिंत माने जाने वाले यूरोप में इस वक्त नई हलचल मची हुई है। कुछ घटनाओं ने ये साफ संकेत देने शुरू कर दिए हैं कि यूरोप के भीतर मुस्लिम कट्टरपंथियों का एक ऐसा नया गुट पनप रहा है जिसे अपने …
Read More »दलित प्रधानमंत्री की उम्मीद का दिया बुझा
केपी सिंह रामविलास पासवान के निधन से एक संभावनाशील राजनीतिज्ञ का अवसान हो गया है। उनकी राजनीति की शुरूआत जिस धमाकेदार ढंग से हुई उससे उनके बहुत दूर तक पहुंचने की उम्मीदें जताई जाती थी। हालांकि सफल राजनीतिज्ञ होते हुए भी वे अपनी मंजिल की पूर्णता का हासिल नहीं कर …
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