Thursday - 18 December 2025 - 4:41 AM

ओपिनियन

समाजवादी समागम के अध्यक्ष होंगे अरूण श्रीवास्तव

डा. सुनीलम उनसे मेरा परिचय युवा जनता के जमाने का है। जब अरुण जी की संगठन के भीतर तूती बोला करती थी। मुझे हर समय अरुण जी दौरा करते हुए दिखा करते थे । कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक प्रमुख कार्यकर्ताओं से उनका जीवन्त संपर्क रहता था। वें तमाम नेताओं …

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सरकारी स्कूलों के विलय से उपजी चिंताएं

अशोक कुमार वर्तमान में देश के विभिन्न राज्यों में स्कूलों को बंद करने और विलय करने की प्रक्रिया चल रही है। यह एक राष्ट्रीय स्तर का रुझान बन गया है, जिसके पीछे कई कारण और तर्क दिए जा रहे हैं, लेकिन इसके प्रभाव को लेकर गंभीर चिंताएं भी हैं। मुख्य …

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ओली के हवा हवाई दावे से भारत का बेफिक्र रहना ही अच्छा

यशोदा श्रीवास्तव नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की छवि भारत विरोधी की है,यह बात छिपी नहीं है लेकिन वे खुल्लम खुल्ला भारत को चुनौती देने की अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे,यह हैरान करने वाली बात है। वे कभी भारत के खिलाफ तीसरे देश के हाथ की …

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उच्च शिक्षा संस्थानों, विशेषकर विश्वविद्यालयों में, शिक्षकों की नियुक्ति और पदोन्नति में देरी क्यों ?

अशोक कुमार उच्च शिक्षा संस्थानों, विशेषकर विश्वविद्यालयों में, शिक्षकों की नियुक्ति और पदोन्नति में देरी एक गंभीर और बहुआयामी समस्या है। इसमें कई बार कुलपतियों (Vice-Chancellors – VCs) द्वारा जानबूझकर की जाने वाली देरी की भी भूमिका होती है। यह सिर्फ प्रशासनिक अक्षमता का मामला नहीं है, बल्कि इसके पीछे …

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भ्रष्टाचार मुक्त मेडिकल शिक्षा: एक अनिवार्यता

अशोक कुमार भारत में मेडिकल शिक्षा में प्रवेश पाना वाकई एक बड़ी चुनौती है, और इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार इस चुनौती को और भी गंभीर बना देता है, जिससे छात्रों के साथ घोर अन्याय होता है। भारत में मेडिकल कॉलेजों की संख्या सीमित है, जबकि हर साल लाखों छात्र NEET (राष्ट्रीय …

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एक कमल खिला गई लाखों लाखों कमल

लक्ष्मी बाई केलकर जयंतीपर विशेष आलेख डा. पूजा श्रीवास्तव  भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व में सबसे महान एवं विश्व की सभ्यता में सबसे पुरानी संस्कृति मानी जाती है भारतीय संस्कारों की वैज्ञानिकता पर तो आज अमेरिका सहित अन्य कई विकसित देशों को आश्चर्य हो रहा है की किस प्रकार आज …

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सार्वजनिक क्षेत्र के मुद्दों पर राजनीतिकरण

अशोक कुमार सार्वजनिक क्षेत्र में, बिना राजनीतिकरण के विभिन्न मुद्दों पर विचार ही नहीं किया जाता या हो पाता है। यह एक गहरी जड़ें जमा चुकी प्रवृत्ति है जिसके कई कारण और परिणाम हैं। राजनीतिकरण के कारण सत्ता और प्रभाव की होड़: राजनीति का मूल ही सत्ता प्राप्त करना और …

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क्या शिक्षकों के चेहरे बदल गए हैं ?

अशोक कुमार वर्तमान में शिक्षकों की भूमिका और उनका प्रशासन के प्रति रवैया एक जटिल विषय है, जिस पर अलग-अलग राय हो सकती है। यह कहना कि “शिक्षकों के चेहरे बदल गए हैं” और वे “केवल प्रशासन के गुणगान गाते रहते हैं” एक सामान्यीकरण हो सकता है, क्योंकि शिक्षकों के …

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उपचुनावों के नतीजों से नहीं बदलेंगे राजनीतिक समीकरण

कृष्णमोहन झा गुजरात की दो, केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल की एक एक विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं जिनमें से दो सीटें आम आदमी पार्टी, एक सीट भाजपा , एक सीट तृणमूल कांग्रेस और एक सीट कांग्रेस ने जीती है। जिन चार राज्यों …

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शिक्षा का बदलता चेहरा: पारंपरिक बनाम दूरस्थ शिक्षा

अशोक कुमार औपचारिक शिक्षा विषयों के कारण महाविद्यालयों में विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले कर दूरस्थ शिक्षा केन्द्र में प्रवेश ल रहे हैं ! महाविद्यालय बंद हो रहे हैं या बंद होने की कगार पर हैं ! यह समकालीन शिक्षा प्रणाली की एक महत्वपूर्ण प्रवृत्ति को दर्शाता है: छात्रों का पारंपरिक …

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