Thursday - 11 January 2024 - 6:03 PM

जलवायु क्षति के लिए कैलिफ़ोर्निया स्टेट करेगा बिग ऑयल कंपनियां पर मुक़दमा

 

डा. सीमा जावेद

कैलिफ़ोर्निया स्टेट ने हाल में घोषणा की है कि वह जलवायु क्षति के लिए बिग ऑयल कंपनियां जिसमें दुनिया की 6-7 सबसे बड़ी सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियां शामिल हैं और जिन्हें सुपरमेजर के रूप में भी जाना जाता है, पर जलवायु संकट पैदा करने के लिए मुकदमा कर रहा है।

यह मुकदमा जीवाश्म ईंधन के खतरों की जवाबदेही को लेकर है। दरअसल जीवाश ईंधन का लगातार इस्तेमाल वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों के उस्तर्जन को बढ़ा रहा है। जिसके चलते क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन हो रहा है और दुनिया ग्लोबल वार्मिंग का दंश झेल रही है।

बीते सवा लाख सालों में इस साल की जुलाई सबसे अधिक गर्म रही और दुनिया के अनेक हिस्सों में जान लेवा गर्मी से इंसान और जीव जंतु सब परेशान व बेहाल रहे। एक लाख 20 हजार वर्षों में इस साल जुलाई का महीना सबसे गर्म इसलिये है क्यों कि कोयला, तेल और गैस को जलाने वाली अन्यव इंसानी गतिविधियों के कारण दुनिया का औसत तापमान( इंडस्ट्रियल युग से पहले यानी 1750-1850 तक के सौ सालों के औसत तापमान) के मुकाबले करीब डेढ़ डिग्री सेल्सियस ज्याटदा गर्म हो गयी।

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इसके चलते भारत में मानसून के मौसम पर जलवायु परिवर्तन की छाप रही और – कहीं बेतहाशा बारिश और बाढ़ लैंडस्लाइड तो कहीं सूखा रहा। चक्रवात बिपरजॉय 2023 में अरब सागर के ऊपर पहला चक्रवाती तूफान था। इसकी शुरुआत भारतीय क्षेत्र में मॉनसून के साथ हुई। और हाल ही में चक्रवात डैनियल ने लीबिया में भारी तबाही मचायी।

उत्ततरी गोलार्द्ध में गर्मी के दौरान पहली बार दुनिया जुलाई में डेढ़ डिग्री सेल्सियस ज्याादा गर्म हुई और इस महीने तापमान में हुई वृद्धि सहमत अधिकतम दीर्घकालिक स्तर पर है। यह इस तथ्य को जाहिर करता है कि एमिशन में कटौती की कार्रवाई अब भी नाकाफी है और दुनिया पैरिस समझौते के लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम होने की तरफ बढ़ रही है

ऐसे में जब सारी दुनिया जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हैं यह सभी बिग ऑयल कंपनियों जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ाने और उनके प्रभावों पर पर्दा ढाँकने में लगी हैं। कैलिफ़ोर्निया जलवायु क्षति और (क्षति प्रभावों से) इनकार के लिए बिग ऑयल पर मुकदमा कर रहा है। कैलिफोर्निया के करदाताओं को जलवायु आपदाओं के बाद अपने समुदायों के पुनर्निर्माण के लिए अरबों का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

यह ऐसी जिम्मेदारी ही नहीं है जिसे आम लोगों को उठाना चाहिए जब दरअसल ग़लती बिग ऑयल की है। इसलिए कैलिफोर्निया कार्रवाई कर रहा है। बिग ऑयल कंपनियों को दशकों से इस बात की जानकारी है कि जीवाश्म ईंधन यानी तेल गैस के दहन से होने वाला प्रदूषण मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है और भयानक जलवायु परिवर्तन का कारण बन रहा है। जनता को चेतावनी देने के बजाय, उन्होंने जलवायु परिवर्तन को नकारने और संकट से निपटने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए दुष्प्रचार फैलाने पर अरबों डॉलर खर्च किए।

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