Sunday - 7 January 2024 - 1:56 AM

योगी के गढ़ में बीजेपी को लगा जोर का झटका !

मल्लिका दूबे

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ समझे जाने वाले उनके गृहक्षेत्र गोरखपुर में बीजेपी को ऐन चुनावी बेला में तगड़ा झटका लगने जा रहा है। लोकसभा टिकट की आस में सपा छोड़ भाजपा में आये पूर्व मंत्री जमुना निषाद के पुत्र अमरेंद्र निषाद घर वापसी की तैयारी में हैं। इसके साथ ही गोरखपुर का सियासी तापमान भी तेजी से बढ़ता जा रहा है।

अमरेंद्र की घर वापसी को लेकर स्थानीय प्रमुख सपा नेताओं ने बृहस्पतिवार को आजमगढ़ गए सपा प्रमुख अखिलेश यादव की सहमति ले ली है। चर्चा है कि शुक्रवार सुबह ही अमरेंद्र सपा के कुछ नेताओं के साथ लखनऊ के लिए रवाना हो चुके हैं और शाम तक मैनपुरी से अखिलेश यादव के लौटने पर उनकी सपा में दोबारा शामिल हो जाएंगे।

भाजपा के लिए मुसीबत बनेगी निषादों की एकजुटता

उप चुनाव में निषादों की एकजुटता से योगी की परंपरागत सीट गंवाने वाली बीजेपी के लिए निषादों की एकजुटता फिर चुनौती बन सकती है। बीच के दिनों में पूर्व मंत्री जमुना निषाद की पत्नी पूर्व विधायक राजमति निषाद और बेटे अमरेंद्र निषाद के बीजेपी में शामिल होने को योगी का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा था।

जमुना निषाद के परिवार की एक विधानसभा क्षेत्र पिपराइच में खासी पकड़ मानी जाती है। बीजेपी में शामिल होने पर ऐसी चर्चा थी कि अमरेंद्र निषाद पिपराइच क्षेत्र के सजातीय वोटरों का झुकाव बीजेपी की तरफ कराएंगे। पर, अब अमरेंद्र की घर वापसी यानी दोबारा सपा में जाने की प्रबल संभावना से बीजेपी के लिए निषाद वोट बैंक में सेंधमारी कर पाना आसान नहीं होगा।

टिकट की आस में बीजेपी में गये थे अमरेंद्र

अपने पिता पूर्व मंत्री स्व. जमुना निषाद की बनायी सियासी जमीन पर आगे बढ़ने की ललक के साथ अमरेंद्र निषाद लोकसभा टिकट की आस में बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि पार्टी का सिम्बल उन्हें ही मिलेगा। वास्तव में सपा से अमरेंद्र की नाराजगी उस समय तक पार्टी में निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद और उनके तत्समय तक सपा सांसद पुत्र प्रवीण निषाद के बढ़ते प्रभाव से था। अमरेंद्र को तब यह पता था कि सपा का टिकट प्रवीण निषाद को ही मिलेगा। ऐसे में सपा से उनकी दावेदारी कहीं ठहर नहीं रही थी।

इस बीच जब निषाद पार्टी ने सपा-बसपा गठबंधन से किनारा कर लिया और सांसद प्रवीण निषाद भाजपा में शामिल हो गये तो अमरेंद्र को अपनी जल्दबाजी पर सोचने की जरूरत पड़ गयी। अमरेंद्र को यह लगा कि बीजेपी प्रवीण को प्रत्याशी बना सकती है, हालांकि खुद को लेकर भी उनकी उम्मीदें कहीं धड़क रही थीं। इस बीच जब भारतीय जनता पार्टी ने सभी नामों को दरकिनार कर फिल्मी दुनिया के रवि किशन को प्रत्याशी बना दिया तो अमरेंद्र घर वापसी की उम्मीदों पर काम करने लगे।

घर वापसी को सपाइयों ने सजायी फिल्डिंग

अमरेंद्र निषाद की बीजेपी में नाराजगी की बात पता चलते ही गोरखपुर के प्रमुख सपा नेताओं ने तत्काल सियासत की फिल्डिंग सजा दी। अमरेंद्र से संपर्क किया गया। अमरेंद्र की तरफ से शर्त थी कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के समक्ष ही ज्वायनिंग होगी। पहले अमरेंद्र की सपा से नाराजगी की एक बड़ी वजह सपा प्रमुख से कई बार मुलाकात का प्रयास करने के बाद भी सफलता न मिल पाना था।

गोरखपुर के सपा नेताओं ने बृहस्पतिवार को आजमगढ़ में नामांकन करने पहुंचे अखिलेश यादव से गोरखपुर से एक गुड न्यूज की बात बतायी। अखिलेश की तरफ से सहमति का संकेत मिलते ही शुक्रवार को सपा के कुछ प्रमुख नेता सुबह ही अमरेंद्र निषाद को लेकर लखनऊ रवाना हो गये। शुक्रवार शाम तक अखिलेश यादव के मैनपुरी से लौट आने के बाद अमरेंद्र की घर वापसी पर मुहर लग सकती है।

निषादों के वोटों पर बीजेपी की नजर अब संजय निषाद पर

अमरेंद्र निषाद के किनारा कस लेने पर निषाद वोटों में हिस्सेदारी के लिए बीजेपी की उम्मीद निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय निषाद पर केंद्रित रहेगी। हालांकि संजय निषाद अपने बेटे प्रवीण निषाद के लिए संतकबीरनगर में व्यस्त हैं। संतकबीरनगर का मतदान 12 मई को है जबकि गोरखपुर में 19 मई को। पार्टी संतकबीरनगर से खाली होने के बाद संजय निषाद को पूरी ताकत से गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में लगाएगी।

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