Friday - 12 January 2024 - 6:42 PM

गांधी परिवार के कंट्रोल वाले AJL पर चला ED का हंटर

न्‍यूज डेस्‍क

कोरोना संकट काल में लगातार मोदी सरकार पर हावी कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के सामने नई मुसीबत आ गई है। नैशनल हेराल्‍ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पार्टी की प्रकाशन संस्था असोसिएटेड जर्नल्‍स लिमिटेड (AJL) और सोनिया के बेहद करीबी नेताओं में शुमार मोतीलाल वोरा की संपत्ति कुर्क कर ली है।

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प्रवर्तन दिनेशालय (ED) की ओर से शनिवार को जारी प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में यह ऐक्‍शन लिया गया है। कुर्क की गई 16.38 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी में मुंबई की 15 हजार स्‍क्‍वायर फ‍िट में फैली एक नौ मंजिला इमारत शामिल है। ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) ऐक्‍ट के तहत यह अटैचमेंट ऑर्डर जारी किया।

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ED ने पिछले साल मोतीलाल वोरा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। पंचकूला के सेक्टर छह में प्‍लॉट नंबर सी-17 की खरीद, कब्जे से जुड़ी प्रक्रिया में प्रत्यक्ष तौर पर शामिल होने के कारण इनके नाम चार्जशीट में हैं। जांच में पता चला कि प्‍लॉट को AJL को साल 1982 में आवंटित किया गया। एस्टेट अधिकारी HUDA ने 30 अक्टूबर 1992 को वापस ले लिया क्योंकि AJL ने ऑफर लेटर की शर्तें पूरी नहीं की थीं।

1996 में पुनर्विचार याचिका के खारिज करने के बाद पुर्नग्रहण आदेश दिया गया। हुड्डा पर आरोप है कि उन्‍होंने अपनी पावर का इस्‍तेमाल करते हुए प्‍लॉट को पुनर्आवंटन की आड़ में नए सिरे से AJL को आवंटित किया। इसकी कीमत वही रखी गई। यह आदेश 28 अगस्त 2005 को दिया गया। ED ने CBI की FIR के आधार पर 2016 में PMLA शिकायत दर्ज की थी।

मोतीलाल वोरा AJL के मैनेजिंग डायरेक्‍टर हैं। इस कंपनी पर गांधी परिवार का दखल है। AJL ही नेशनल हेराल्‍ड अखबार को चलाता है। इस अखबार को साल 1939 में जवाहरलाल नेहरू ने शुरू किया था। 1956 में AJL एक कंपनी बनी। साल 2008 में इसके सारे पब्लिकेशंस बंद कर दिए गए। तब कंपनी पर 90 करोड़ रुपये का कर्ज था। कांग्रेस ने ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ नाम से कंपनी बनाई। इसके डायरेक्‍टर्स में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, सैम पित्रोदा, ऑस्‍कर फर्नांडीज और सुमन दुबे के नाम शामिल थे। इसमें सोनिया-राहुल के पास 76 प्रतिशत शेयर थे।

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टैक्‍स डिपार्टमेंट ने राहुल गांधी के साल 2011-12 के इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल को फिर से खोलने का फैसला किया। उन्होंने उसमें यह जानकारी नहीं दी कि वह 2010 से कंपनी ‘यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक थे। IT के मुताबिक इससे हुई आय नहीं दिखाई गई। मामले में सभी सातों आरोपियों राहुल और सोनिया, मोती लाला वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे , सैम पित्रोदा और यंग इंडियन ने आरोपों को खारिज किया है।

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