Wednesday - 10 January 2024 - 7:08 AM

आखिर योगी ही भारी पड़े

सुरेंद्र दुबे

आखिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल बता दिया बल्कि दिखा दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार तथा भाजपा में उनकी मर्जी ही चलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने लाख कोशिश की पर वह अपने दुलारे अधिकारी अरविंद शर्मा को मंत्री नहीं बनवा पाए। योगी जी इस बात पर अड़े रहे कि वह जासूसी करने या फिर कहें तो उन पर नजर रखने के लिए किसी को मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं कर सकते। योगी जी मौका तलाशते रहे कि कब चौका मारे।

पश्चिम बंगाल में मोदी का जादू नहीं चला। योगी ने साफ कर दिया कि उन्हें उनकी शर्तों पर चुनाव लडऩे और सरकार चलाने दिया जाए। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी मोदी की बढ़ती ताकत से बहुत खुश नहीं है इसलिए उसने योगी की पीठ थपथपाई और उन्हें मोदी के ठीक सामने खड़ा कर दिया।

मोदी का करिश्मा काफी कमजोर पड़ा है इसलिए उन्हें योगी के सामने झुकना पड़ा। इस कदर झुकना पड़ा कि अरविंद शर्मा को उत्तर प्रदेश भाजपा में उपाध्यक्ष का पद देकर भविष्य में भी मंत्री बनने की संभावनाएं समाप्त कर दी। ठीक इसके एक दिन पहले स्वतंत्र देव सिंह ने कह दिया था कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा योगी ही होंगे। साफ है कि पूरी पटकथा नागपुर में लिखी जा चुकी थी। मोदी और उनके चाणक्य अमित शाह को मुंह की खानी पड़ी।

बड़ी चर्चा थी कि नाराज ब्राह्मणों को खुश करने के लिए सरकार और पार्टी बड़ा कदम उठाएगी पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। भाजपा संगठन के फेरबदल में ब्राह्मणों को झुनझुना थमा दिया गया। ठाकुर बहुत खुश हैं। मुख्यमंत्री भी उनका और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी उनका। जितिन प्रसाद फुटबॉल बने घूम रहे है। योगी के दरबार में हाजरी लगा रहें हैं। मंत्री बनना चाहते है। पार्टी में योगी की मर्जी से नहीं बल्कि विरोधियों की मर्जी से आए हैं सो बाबा नहीं पसीज रहे।

ये भी पढ़े:  इतने अच्छे दिनों की उम्मीद न थी

ये भी पढ़े:  क्या मोदी के सितारे गर्दिश में है?

मंत्रिमंडल का विस्तार होने की संभावनाएं लगभग नहीं हैं इसलिए जितिन प्रसाद का मंत्री बनने का सपना अधूरा रह सकता है। योगी जिन्हें भी कुर्सी देना चाहते हैं उन्हें विभन्न संस्थाओं में कुर्सी देकर उपकृत करने की कवायद चल रही है।

अगर योगी को मंत्रिपरिषद का विस्तार करना होता तो वह अरविंद शर्मा को भाजपा संगठन में डंप नहीं करते। वहां उन्हें एक सीमा रेखा में रहकर काम करना होगा और स्वतंत्र देव सिंह को रिपोर्ट करना होगा। बहुत हो गया मोदी मोदी अब करो योगी योगी। बेचारे तिलमिला के रह गए हैं। भाजपा के मतदाता समझे जाने वाले ब्राह्मण नाराज तो बहुत हैं पर जाएं कहां।

सपा भी पिछड़ों के समीकरण बनाने में जुटी है। कांग्रेस में सिर्फ नेता बचे है। प्रियंका के सहारे कितने वोट बटोरे जा सकते हैं। भाजपा को अभी भी लगता है कि भगवान राम उनको छोड़ कहां जायेंगे। हिंदू बाहुल्य इस प्रदेश में कभी भी कोई मुद्दा हाथ लग सकता है। हालांकि पश्चिम बंगाल का अनुभव बहुत खराब है पर राजनीति में दाव तो लगाना ही पड़ता ही है। फिलहाल तो योगी स्वयं दांव पर है। जीते तो पौ बारह नहीं तो होइहै वही जो होवन हारा।

(लेखक वरिष्‍ठ पत्रकार हैं, लेख उनके निजी विचार हैं)

ये भी पढ़े: रस्‍सी जल गई पर ऐठन नहीं गई

ये भी पढ़े: नेहरू के नाम पर कब तक कश्‍मीरियों को भरमाएंगे

ये भी पढ़े: ये तकिया बड़े काम की चीज है 

ये भी पढ़े: अब चीन की भी मध्यस्थ बनने के लिए लार टपकी

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com