अभिषेक श्रीवास्तव आज दशहरा है। बचपन से घुट्टी पिलायी गयी है कि आज के दिन असत्य पर सत्य की जीत हुई थी। परंपरा है, तो न मानने की कोई वजह भी नहीं। इसलिए आज असत्य पर सत्य की जीत को मनाने का सही मौका है। हमारे यहां एक और परंपरा …
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उलटबांसी : हिन्दुस्तान में रहना है तो फादर फादर कहना है
अभिषेक श्रीवास्तव यूरेका यूरेका… गाय को माता मानने वाली करोड़ों की आबादी ने समवेत स्वर में यह नारा लगाया जब ह्यूस्टन से सियारों की हाउडी हाउडी में अनायास ही उसके बाप का पता चल गया। धन्य है यह धरा जिसे सात दशक बाद अपने पुरखों का पता मिला। नोटबंदी से …
Read More »उलटबांसी : क्या आप बच्चा चोरी से परेशान हैं?
अभिषेक श्रीवास्तव बूढ़ा पिट गया। बूढ़ी पिट गयी। जवान पिट गया। गर्भवती पिट गयी। पुलिस पिट गयी। पत्रकार पिट गया। यहां तक कि मूक, बधिर और विकलांग भी पिट गया। चौतरफा सब पिट रहे हैं जबकि किसी को नहीं पता कि बच्चा किसका चोरी हुआ और किसने चुराया। एक दृष्टान्त …
Read More »उलटबांसी : हिंदू राष्ट्र के लिए कुत्ते का अनुमोदन
अभिषेक श्रीवास्तव इस भंगुर जगत में हर प्राणी खुद को अहिंसक मानता है। इसीलिए अपने बिरादर से कोई, कभी डरता नहीं। आदमी, आदमी से नहीं डरता। कुत्ता, कुत्ते से नहीं डरता। हां, आदमी कुत्ते से डर सकता है। कुत्ता भी आदमी से डर सकता है। आदमी के भीतर ही देखिए।हिंदू, …
Read More »उलटबांसी : आर्थिक मंदी महाकाल का प्रसाद है
अभिषेक श्रीवास्तव बरसों बाद वामपंथियों के खुश होने का मुहूर्त आया है । किसी से भी बात करिये, पता नहीं क्यों सब मन ही मन खुश लग रहे हैं । चेहरे पर भले 370 बजा है, लेकिन दिल में अचानक एक उम्मीद जगी है । यह उम्मीद गहराती आर्थिक मंदी …
Read More »उलटबांसी : जंगल, मंगल और खरमंडल
अभिषेक श्रीवास्तव आज रात नौ बजे कुछ बड़ा होने वाला है। जैसे पिछले सोमवार कुछ बड़ा होने वाला था। पूरा सावन बड़े-बड़े के चक्कर में कट गया। पिछला पांच साल बड़े के चक्कर में कट गया। हर बड़े के बाद अगला नया बड़ा। अंग्रेज़ी में क्या कहते हैं- द नेक्ट्स …
Read More »उलटबांसी : सावन के आखिरी सोमवार का इंतज़ार
अभिषेक श्रीवास्तव दस दिन बाहर रह के लौटा तो पहले चौराहा चक्रमण में ही पंडीजी दिख गए। दाढ़ी बेतरतीब बढ़ी हुई। आंखों के नीचे काले गड्ढे। कोटरों में पुतलियां कुछ धंसी हुई सी। चेहरे पर सन्नाटा। क्या हालचाल महराज? जय श्रीराम भइया- हमेशा की तरह सधा हुआ सीधा जवाब आया। …
Read More »उलटबांसी : अंत में त्रिवेदी भी नहीं बचेगा
अभिषेक श्रीवास्तव आजकल मुझे अल्लाामा इक़बाल बहुत याद आ रहे हैं। अब माहौल ही कुछ ऐसा है कि मुसलमानी नाम लेते हुए थोड़ा डर लगता है। पता चला उधर से कोई बल्लम उठाकर पूछ दिया- सुधाकर पांडे क्यों नहीं याद आ रहे? अब इससे क्या फ़र्क पड़ता है कि सुधाकर …
Read More »उलटबांसी : चंद्रयान मने कवियों का आपातकाल
अभिषेक श्रीवास्तव चंद्रयान गया। पिंड छूटा। कुछ इस तर्ज पर इसरो के वैज्ञानिकों के चेहरे से खुशी छलक रही थी। दुखी तो मीडिया वाले थे। वे कैमरा ताने हुए थे। बीच में बादल आ गया। छुप गया यान। सारी तैयारी बेकार। हो सकता है चौधरी जी मोटरसाइकिल लेकर पीछे निकल …
Read More »उलटबांसी- ढक्कन खोलने और बचाने की जंग
अभिषेक श्रीवास्तव बनारस में मुड़कट्टा बाबा का मंदिर है। मंदिर में उनका धड़ विराजमान है। मूड़ी कटी हुई है। चूंकि वे बाबा हैं, तो उनकी लैंगिक पहचान तय है। वरना बाबा स्त्रीलिंग भी होते हैं। हरियाणा के भिवानी में तोशाम की पहाडि़यां हैं। वहां के लोग तोशाम बाबा की पूजा …
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