Sunday - 7 January 2024 - 3:00 AM

Lok Sabha Election: जानें फिरोजाबाद लोकसभा सीट का इतिहास

फिरोजाबाद कांच की चूडिय़ों के निर्माण और कारोबार के लिए प्रसिद्ध है। यह उत्तर प्रदेश का शहर और जिला मुख्यालय है। यह आगरा से 40 किलोमीटर और राजधानी दिल्ली से 250 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व की तरफ स्थित है। फिरोजाबाद जिले के अंदर दो कस्बे टूंडला और शिकोहाबाद आते हैं।

प्रदेश की राजधानी लखनऊ से फिरोजाबाद की दूरी 301.5 किलोमीटर और दिल्ली से इसकी दूरी 255 किलोमीटर है। यहां के प्रमुख पर्यटन स्थनों में माता टीला मंदिर, श्री हनुमान मंदिर, कोटला किला और सूफी साहब की मजार शामिल है।

फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र प्राचीन काल में चंदावर नगर कहलाता था। इस शहर के दक्षिण सीमा से सट के यमुना नदी बहती है। इस शहर की सीमा एताह, मैनपुरी और इतावाह जिले को छूती हैं। यहां की सबसे बड़ी समस्या बाल श्रम है।  इसके अलावा प्रदूषण और कम साक्षरता दर है।

आबादी/ शिक्षा

2011 में हुई जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 2,496,761 है, जिसमें से 52 प्रतिशत पुरुष और 48 प्रतिशत महिलाएं हैं। यह शहर 2,362 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। 2001 से 2011 तक यहां की जनसंख्या में 21.62 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यहां की जनसंख्या घनत्व 1,044 प्रति वर्ग किलोमीटर है। फिरोजाबाद में प्रति 1000 पुरुषों में 875 महिलाएं हैं और यहां की साक्षरता दर 71.92 प्रतिशत है जिसमें पुरुष साक्षरता दर 80.82 प्रतिशत है

वहीं, महिला साक्षरता दर केवल 61.75 प्रतिशत है। वर्तमान में यहां मतदाताओं की कुल संख्या 1,636,738 है, जिसमें महिला मतदाता 734,206 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 902,532 है।

राजनीतिक घटनाक्रम

फिरोजाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधान सभा क्षेत्र आता है जिसमें टूंडला(अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित), जसराना, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद और सिरसागंज शामिल है। फिरोजाबाद में पहली बार 1957 में लोकसभा के आम चुनाव हुए जिसमें निर्दलीय नेता ब्रज राज सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चौधरी रघुबीर सिंह को हरा कर यहां के सांसद बने। 1962 में यहां चुनाव नहीं हुआ, इसलिए ब्रज राज सिंह का कार्यकाल बढ़ गया।

1967 में लोकसभा चुनाव हुआ जिसमें संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के शिव चरण लाल ने जीत दर्ज की। 1971 में हुए चुनाव में यहां कांग्रेस ने अपना खाता  खोला और कांग्रेस नेता छत्रपति अम्बेश सांसद चुने गए। अगले ही चुनाव में फिर कांग्रेस के हाथ से यह सीट चली गयी और निर्दलीय नेता राजेश कुमार सिंह ने इस सीट पर कब्जा जमाया। 1984 में कांग्रेस ने फिर वापसी की। फिरोजाबाद का राजनीतिक समीकरण बहुत उथल-पुथल वाला रहा है इसीलिए कोई भी दल यहां लगातार 7 सालों से ज्यादा नहीं टिक पाया।

1989 में यह सीट जनता दल की झोली में आ गई लेकिन 2 साल बाद ही हुए अगले चुनाव में यह सीट उसके हाथ से निकल कर भाजपा की झोली में आ गई। 1991 में भारतीय जनता पार्टी ने इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित किया और भाजपा नेता प्रभु दयाल कठेरिया फिरोजाबाद के सांसद बने। कठेरिया ने लगातार 3 लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की और 7 सालों तक यहां के सांसद रहे।

1999 में यहां सपा ने अपना खाता खोला और लगातार तीन चुनाव में जीत हासिल की। 2009 में समाजवादी पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष अखिलेश यादव यहां से चुनाव जीते और उसी वर्ष इस्तीफा देकर कन्नौज से चुनाव लड़े।  2009 में फिरोजाबाद में हुए उपचुनाव में कांग्रेस नेता और अभिनेता राज बब्बर ने यहां पर जीत हासिल की लेकिन 2014 में हुए चुनाव में अखिलेश यादव के चचेरे भाई अक्षय यादव सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की।

 

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com