जुबिली न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री मोहन यादव के रतलाम दौरे के दौरान गुरुवार रात एक गंभीर लापरवाही सामने आई। उनके काफिले में शामिल करीब 8 से 10 गाड़ियां रास्ते में अचानक बंद हो गईं, जिससे अफरा-तफरी मच गई। पहले ये घटना तकनीकी खराबी की लगी, लेकिन जब डीजल टैंकों की जांच हुई, तो खुलासा हुआ कि वाहनों में 50% पानी और 50% डीजल भरा हुआ था।
डोसीगांव पेट्रोल पंप से भरवाया गया था डीजल
जानकारी के मुताबिक, सभी गाड़ियों में डोसीगांव स्थित एक पेट्रोल पंप से डीजल डलवाया गया था। जैसे ही यह खुलासा हुआ, प्रशासन ने पेट्रोल पंप को तुरंत सील कर दिया और ईंधन के सैंपल लैब जांच के लिए भेज दिए गए हैं।
अधिकारियों ने मौके पर खोले डीजल टैंक
जैसे ही सूचना मिली, नायब तहसीलदार आशीष उपाध्याय और खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी आनंद गोरे मौके पर पहुंचे। उन्होंने वाहनों के डीजल टैंक खुलवाए, और पाया कि:”टैंक में आधा डीजल और आधा पानी था, सभी गाड़ियों की यही स्थिति थी।”
बारिश बनी वजह या सिस्टम की चूक?
पेट्रोल पंप मैनेजर का कहना है कि बारिश के पानी के रिसाव से डीजल टैंक में मिलावट हो सकती है। लेकिन सवाल यह भी उठ रहा है कि:
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क्या पंप पर ईंधन गुणवत्ता की नियमित जांच होती है?
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क्या आम जनता को भी मिलावटी डीजल दिया जा रहा है?
इंदौर से मंगाई गईं नई गाड़ियां
जब काफिला रास्ते में फंसा, तो तत्काल इंदौर से दूसरी गाड़ियां भेजी गईं, जिसके बाद मुख्यमंत्री को रतलाम के लिए रवाना किया गया।
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जांच जारी, रिपोर्ट के बाद कार्रवाई तय
कलेक्टर और प्रशासनिक टीमें पूरे मामले की जांच में जुट गई हैं। रिपोर्ट के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री की सुरक्षा और राज्य की छवि से जुड़ा मामला होने के कारण इस पर सरकार बेहद गंभीर है।