जुबिली न्यूज डेस्क
ओडिशा | पुरी स्थित विश्वप्रसिद्ध श्रीजगन्नाथ मंदिर से भगवान को चढ़ाए जाने वाले पवित्र प्रसाद मोदक के गायब होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। 21-22 जून की रात मंदिर के दशमूल अनुष्ठान के दौरान 313 अमुनिया मोदक तैयार किए गए थे, लेकिन उनमें से 70 मोदक गायब पाए गए। इस घटना ने श्रद्धालुओं और सेवायतों के बीच चिंता और आक्रोश दोनों को जन्म दिया है।
गरदा घर से गायब हुए मोदक, सेवायतों ने उठाए सवाल
गायब हुए मोदक मंदिर के गरदा घर में रखे गए थे, जो पूरी तरह से संरक्षित और नियंत्रण क्षेत्र होता है। इस पर मंदिर के वरिष्ठ सेवायत हलधर दासमहापात्र ने मंदिर प्रशासन को लिखित शिकायत सौंपी और पूछा –“जब सुरक्षा के इतने पुख्ता इंतजाम हैं, तो आखिर ये पवित्र मोदक कैसे गायब हो गए?”
मंदिर प्रशासन की सफाई
मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने बयान जारी करते हुए कहा,“हमारे किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने मोदकों को नहीं छुआ है। यह जिम्मेदारी केवल अधिकृत सेवायतों की होती है। हमारे पास लिखित रिकॉर्ड है कि 313 मोदक गरदा घर में आए और बिना त्रुटि के बाहर भी गए।”उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच की जा रही है और सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा भी की जाएगी। चूंकि यह मामला मंदिर की गुप्त नीति से जुड़ा है, इसलिए ज्यादा सार्वजनिक चर्चा नहीं की जा सकती।
श्रद्धालुओं में रोष, पारदर्शी जांच की मांग
मंदिर प्रशासन की सफाई के बावजूद श्रद्धालु और सेवायत इस घटना से आहत हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि यह सिर्फ एक प्रसाद का मामला नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास से जुड़ा विषय है। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि दोषियों की पहचान कैसे की जाएगी और क्या कार्रवाई होगी।
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पुरी श्रीजगन्नाथ मंदिर में मोदकों के गायब होने की घटना एक साधारण चोरी से कहीं अधिक गंभीर मामला बन गई है, क्योंकि यह सीधे भगवान के लिए अर्पित प्रसाद से जुड़ा है। मंदिर प्रशासन ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है, लेकिन जब तक जांच के परिणाम सामने नहीं आते, तब तक श्रद्धालुओं का आक्रोश शांत होता नहीं दिख रहा।