जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | भारत में 15 साल बाद एक बार फिर से जनगणना का आयोजन होने जा रहा है। सरकार ने घोषणा की है कि 1 मार्च 2027 से देशभर में जनगणना की प्रक्रिया शुरू होगी, जो दो चरणों में पूरी की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, पहाड़ी और दुर्गम इलाकों जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में यह प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2026 से शुरू की जाएगी, ताकि मौसम की अनुकूलता के चलते आंकड़ों को सही समय पर एकत्र किया जा सके।
जनगणना 2026 की खास बातें
दो चरणों में जनगणना का आयोजन होगा
पहली बार जातिगत जनगणना (Caste Census) भी की जाएगी
पिछली जनगणना 2011 में हुई थी
2021 की जनगणना कोरोना के कारण टल गई थी
2026 की जनगणना 15 साल के लंबे अंतराल के बाद हो रही है
किन जानकारियों को शामिल किया जाएगा?
जनगणना के दौरान जनसंख्या से जुड़ी विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक, जनसांख्यिकीय और आर्थिक जानकारी जुटाई जाएगी। इसमें शामिल होंगे:
परिवार का आकार और संरचना
शिक्षा स्तर और साक्षरता दर
रोज़गार और आय का स्रोत
आवास की स्थिति और सुविधाएं
जातिगत और सामाजिक समूह की जानकारी
नीति निर्माण में क्यों ज़रूरी है जनगणना डेटा?
जनगणना का डेटा भारत सरकार को विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं और नीतियां बनाने में मदद करता है। जैसे:
शिक्षा और स्वास्थ्य बजट का निर्धारण
रोजगार योजनाओं की योजना
पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण और अन्य विशेष योजनाएं
ग्रामीण और शहरी विकास प्रोजेक्ट