जुबिली न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल के राजनीतिक हलचल देखी जा रही है। इन घटनाओं को 16 दिसंबर को अमित शाह और ममता बनर्जी के बीच हुई बैठक और विपक्षी नेताओं पर केंद्रीय एजेंसी की छापेमारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराने से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का इनकार के रूप में देखा जा रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि आने वाले सप्ताह में वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ कोलकाता में होने जा रहे एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली हैं। इसके बाद अटकलों का दौर चल रहा है कि ममता बनर्जी मोदी-शाह पर अपने रुख को राज्य सरकार की वित्तीय तंगी और केंद्र से किसी भी वित्तीय मदद की कमी के कारण मजबूर होकर नरम कर रही हैं।
मुख्यमंत्री के कक्ष में 15 मिनट की बैठक
ममता बनर्जी और गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक के बाद 16 दिसंबर को बंगाल के राज्य सचिवालय नबन्ना की 14वीं मंजिल पर मुख्यमंत्री के कक्ष में 15 मिनट की बैठक की। उस समय राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे पास केंद्र से बकाया है। केंद्र सरकार ने पिछले जनवरी से मनरेगा में एक भी पैसा का भुगतान नहीं किया है। बकाया राशि 6,000 करोड़ रुपये से अधिक है। ममता बनर्जी बनर्जी ने शनिवार को इस मामले पर गृह मंत्री को एक पत्र दिया था और हम उम्मीद करते हैं कि मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान गृह मंत्री के साथ इस बिंदु को उठाया होगा।
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दीदी के ममता की क्या है वजह
तृणमूल कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक धन वितरण को रोकने के केंद्र के फैसले ने राज्य प्रशासन को प्रभावित किया है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी सरकार पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए पीएम और केंद्रीय गृह मंत्री की मदद लेने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इस साल की शुरुआत में कथित स्कूल नौकरी घोटाला सामने आने के बाद से बनर्जी बैकफुट पर हैं और भाजपा के साथ राजनीतिक समझ बनाने की कोशिश कर रही हैं ताकि केंद्रीय एजेंसियां पीछे हट जाएं। बनर्जी के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी सहित पार्टी के कई नेता जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं।
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