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पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न प्रणब मुखर्जी ने जीडीपी वृद्धि दर कम होने पर चिंता जताई है। साथ ही वस्तु एवं सेवा कर (GST) के बारे में मुखर्जी ने कहा, जीएसटी लागू होने से कई कर खत्म हो गए। लेकिन इसमें सरकार की तरफ से अधिक स्पष्टता होनी चाहिए ताकि अनुपालन बेहतर हो सके।
उन्होंने कहा कि बढ़ती कॉरपोरेट धोखाधड़ी पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इस तरह के घोटाले काफी बढ़ गए हैं। सरकार को इन पर विराम लगाना चाहिए। मुखर्जी ने कहा कि जीएसटी में ज्यादा स्पष्टता की जरूरत है और पिछले वर्ष से अर्थव्यवस्था में मंदी के कुछ संकेत नजर आने लगे थे, जिससे जीडीपी वृद्धि दर कम हो गई।

एसोसिएशन ऑफ कॉर्पोरेट अडवाईजर्स ऐंड एग्जिक्युटिव्स (CIA) के आयोजित सत्र में उन्होंने कहा, अगर वित्त व्यवस्था का सही तरीके से और दूरदृष्टि के साथ प्रबंधन किया जाए तो 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। निवेश के बगैर अर्थव्यवस्था में वृद्धि नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि 2024-25 तक 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को दूरदर्शी आर्थिक प्रबंधन के माध्यम से हासिल किया जा सकता है।
बताते चले कि पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के सामने ये लक्ष्य रखा है कि वर्ष 2024-25 तक भारत की इकॉनमी को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। अगर भारत यह लक्ष्य हासिल कर लेता है तो वह जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
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