Tuesday - 9 January 2024 - 9:56 PM

लालू के इस कदम से बिहार में बढ़ी सियासी सरगर्मी

जुबिली न्यूज डेस्क

बिहार का सियासी पारा पिछले कई दिनों से बढ़ा हुआ है। अभी तक चिराग पासवान और उनके चाचा के बीच चल रहे सियासी जंग पर सबकी नजरें टिकी हुईं थी, लेकिन अब राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सियासी पारा बढ़ा दिया है।

बिहार की राजनीति को लेकर बिहार की नहीं बल्कि दिल्ली में भी हलचल है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद भले ही बिहार ना आए हों, लेकिन वह दिल्ली से ही हर राजनैतिक गतिविधि पर अपनी नजरें बनाए हुए हैं।

दरअसल रविवार को राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यसभा सांसद मनोज झा लालू प्रसाद से मिले। इस मुलाकात को इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि शनिवार को रजक चिराग पासवान से मिले थे।

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चिराग से काफी देर तक बिहार के राजनैतिक घटनाक्रम पर बातचीत करने के साथ ही उन्होंने उन्हें महागठबंधन में आने की पेशकश भी की थी।

इतना ही नहीं श्याम रजक कांग्रेस नेत्री मीरा कुमार और बिहार प्रभारी भक्त चरण दास से भी मिले थे।

मालूम हो लोजपा में दो फाड़ होने के बाद से राजद की नजर चिराग पासवान पर है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी कह चुके हैं कि इस संबंध में फैसला चिराग पासवान को लेना है।

बताते चलें कि शनिवार को चिराग पासवान से मुलाकात से ठीक पहले शुक्रवार को रजक ने लालू यादव से मुलाकात की थी। ्रमौजूदा समय में इन मुलाकातों को राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

दरअसल राजद के राष्ट्रीय महासचिव रजक के लालू से मुलाकात के ठीक बाद चिराग पासवान से मिलने की घटना को सियासी चश्मे से देखा जा रहा है।

सियासी गलियारों में सवाल उठ रहा है कि क्या लालू यादव अथवा तेजस्वी यादव का कोई खास संदेश था, जिसे श्याम रजक लेकर पहुंचे थे, क्या बिहार में राजद कोई नया समीकरण गढऩे की कोशिश में है? या फिर कुछ और ही सियासी खिचड़ी पक रही है?

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फिलहाल इन सवालों का जवाब तो आने वाला समय ही देगा, लेकिन जिस तरह से चिराग को चाचा पशुपति कुमार पारस ने झटका दिया है, उसके बाद अगर राजद चिराग पर डोरे डालने में कामयाब होती है, तो यह अचंभित करने वाला नहीं होगा।

लालू के दूत बने रजक

वहीं चिराग से मुलाकात पर राजद के राष्ट्रीय महासचिव रजक ने कहा कि चिराग से उनकी व्यक्तिगत मुलाकात थी। उनसे कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है। इसे राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।

हालांकि, रजक ने एक अहम बात जरूर कही कि एक-एक ईंट जोड़कर घर बनता है। महागठबंधन की सभी पार्टियां चाहती हैं कि महागठबंधन और अधिक मजबूत हो। ऐसे में अगर चिराग पासवान महागठबंधन में आते हैं तो स्वागत हैं, लेकिन हमारी इस दिशा में उनसे कोई बात नहीं हुई है।

सिद्दीकी के जरिए मुस्लिमों को साध रहे लालू

बिहार में राजद नेताओं का ताबड़तोड़ मुलाकात कर रहे हैं। आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी शहाबुद्दीन के परिवार से भी मुलाकात किया।

इतना ही नहीं शहाबुद्दीन की बेटी के इंगेजमेंट कार्यक्रम में अब्दुल बारी सिद्दीकी मोतिहारी भी पहुंचे थे। सिद्दीकी आरजेडी के मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं और लालू यादव के करीबी नेताओं में गिना जाता है। शहाबुद्दीन के परिवार से उनके मुलाकात के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं, क्योंकि पिछले दिनों शहाबुद्दीन परिवार की नाराजगी बात भी सामने आई थी।

ऐसे में साफ जाहिर है कि आरजेडी यादव के साथ-साथ दलित और मुस्लिम वोटबैंक को साथ बनाए रखना की कवायद में है।

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