तुम्हारा हंसना मादक है,
मैंने बुरा नही माना,
लेकिन मेरे आंसू का प्रिय
तुमने भेद नही जाना।
अपनेपन के हृदय मुकुर मे,
परिचित मेरी तेरी छाया,
सुख दुख के स्वप्नो की सरिता,
पलकों का मन लगे पराया।
नयनो के सावन का बादल,
बनकर तुमको पहचाना।लेकिन ..
स्मित अधरों की रेखा सी,
तेरी कटि का उठना गिरना,
मेरी आंखें झपती खुलतीं,
वसुधा का अंबर से मिलना।
पांवों मे पायल झनक झनक,
मधुरितु तेरा है आना।लेकिन…
अभिनय करते क्वांरे सपने,
तन्द्रा हूं मै सूनेपन का,
तुमको निर्मम नेहिल कहकर,
अर्थ बताते हैं जीवन का।
उपवन मे मधुपों का गुंजन,
तुमको भी आता गाना।
लेकिन मेरे आंसू का प्रिय
तुमने भेद नहीं जाना।