Sunday - 21 January 2024 - 6:13 PM

कोरोना से बचने की चुकानी होगी भारी कीमत

न्यूज डेस्क

कोरोना संक्रमण के खतरे के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लॉकडाउन में 19 दिन का विस्तार दिया है। अब 3 मई तक पूरा देश लॉकडाउन रहेगा। 19 दिन के इस लॉकडाउन को लेकर कहा जा रहा है कि इसकी भारी कीमत अर्थव्यवस्था को चुकानी होगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था को 234.4 अरब डॉलर यानी 17 लाख 87 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है।

यह अनुमान ब्रिटिश ब्रोकरेज एजेंसी ने जताया है। इससे पहले 25 मार्च से 14 अप्रैल तक के लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था को 8 लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान इस एजेंसी ने लगाया गया था। इतना ही नहीं कोरोना महामारी के चलते कैलेंडर ईयर 2020 में भारत की जीडीपी ग्रोथ शून्य पर ठहर जाने की आशंका है।

बार्कलेज के अनुमान के अनुसार भारत की 2020 में ग्रोथ रेट जीरो रहेगी तो वहीं 2021 में 0.8 फीसदी की बेहद मामूली तेजी देखने को मिल सकती है। इससे पहले 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान भारत की ग्रोथ रेट 2020 में 2.5 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था, जो अब जीरो हो गया है। इसके अलावा 2021 के लिए जताए गए 3.5 फीसदी के ग्रोथ के अनुमान को एजेंसी ने महज 0.8 फीसदी कर दिया है।

यह भी पढ़ें :  भारत के लिए अगले कुछ सप्ताह कितने अहम

यह भी पढ़ें :   तो क्या कोरोना के जाने के बाद चीन बनेगा दुनिया का ‘बॉस’!

बार्कलेज ने अनुमान जताते हुए कहा, ‘कोरोना से जंग में भारत अब क्योंकि 3 मई तक के लॉकडाउन में चला गया है। ऐसे में अब अर्थव्यवस्था पर बेहद विपरीत असर पडऩे का अनुमान है।’

यह भी पढ़ें : कुछ देशों के लिए चुनौती बन रहे मुक्त बाजार अर्थव्यस्था के दूसरे नियम

बार्कलेज ने अनुमान जताया है कि लॉकडाउन के चलते माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग, एग्रिकल्चर और यूटिलिटी सेक्टर में उम्मीद से ज्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है। इस संकट में किसानों के सामने अपनी फसलों को बेचने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है और इसके चलते ग्रामीण स्तर पर भी कैश की कमी पैदा हो गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगल सुबह 10 बजे देशवासियों को संबोधित करते हुए लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया। उन्होंने कोरोना से ज्यादा प्रभावित इलाकों में 20 अप्रैल तक सख्ती को और अधिक बढ़ाने की भी बात कही है। हालांकि कोरोना से कम प्रभावित इलाकों में 20 अप्रैल के बाद कुछ रियायतें देने की बात भी कही है।

यह भी पढ़ें :   वंचितों के बाद अब मध्यवर्ग पर मंडरा रहा है खतरा

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com