तुम बदले हम नहीं बदले,
न बदला ये संसार,
वचन निभाना मुझको आता,
वचन दिया उपहार।
आंधी अंधड़ अक्सर आते,
उड़ जाते पत्ते,
नीरद नभ मे पावस से,
जोड़ रहा रिश्ते।
पवन के झोंकों का पागलपन,
न रोके बौछार।
रजत किरन मे मेरी छाया,
तू बनकर आती,
लेकिन घोर अंधेरा पाकर,
साथ छोड़ जाती।
एकांत हृदय मे यह तेरा,
निर्मम सा व्यवहार।
तुम बदले हम नही बदले…. ।