Sunday - 7 January 2024 - 1:12 PM

लोकसभा की इन 15 सीटों पर उम्मीदवार क्यों उतारना चाहती है सपा?

जुबिली न्यूज डेस्क

मिशन-24 में जुटी समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 15 सीटों पर नवरात्रि तक उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इसके संकेत में भी दिए हैं. एक सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि हमने बीजेपी के बड़े नेताओं को हराने का प्लान बना लिया है. नवरात्रि आते ही वीआईपी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार देंगे.

समाजवादी पार्टी ने यूपी में लोकसभा की 50 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. कोलकाता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सपा ने बकायदा इसकी घोषणा भी की थी. सपा को 2004 में यूपी की सबसे ज्यादा 35 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी. उस वक्त उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में पार्टी की सरकार थी. अखिलेश के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी को 2019 में सिर्फ 5 सीटों पर जीत मिली थी. सपा इस बार इंडिया गठबंधन में शामिल है और पार्टी को पिछले चुनाव की तुलना में इस बार बेहतरी की उम्मीद है.

 20 के लिए छंटनी जारी

सपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी हाईकमान ने लोकसभा की 10 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर लिए हैं, जबकि 20 सीटों पर नामों को लेकर माथापच्ची जारी है. इन 20 सीटों के लिए 2-2 उम्मीदवारों की एक लिस्ट तैयार की है.

जिन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए गए हैं, उनमें कुछ सीटें ऐसी भी है, जहां पर सपा पिछले 3 चुनाव से लगातार हार रही है. सपा इस बार लोकसभा सीट जीतने के लिए कुछ विधायकों को भी मैदान में उतारने की तैयारी में है.सूत्रों के हवाले से बताया कि शिवपाल यादव और आजम खान को लेकर पार्टी हाईकमान ने कोई भी फैसला नहीं किया है. 2024 में शिवपाल चुनाव लड़ेंगे या उनका बेटा, यह फैसला शिवपाल को ही लेना है.

वहीं आजम खान चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर कानूनी जानकारों से पार्टी राय ले रही है. अखबार के मुताबिक रामपुर और उसके आसपास की एक सीट पर आजम खान की सिफारिश को सपा तरजीह देगी.

वीआईपी सीटों को किसे देगी सपा

सपा ने यूपी की वीआईपी सीटों को 2 कैटेगरी में बांटा है. पहले कैटेगरी में उन सीटों को रखा है, जहां उसका दबदबा ठीक-ठाक है. वहीं दूसरे कैटेगरी में ऐसे सीटों को रखा है, जहां उसकी स्थिति स्थापना के बाद से ही ठीक नहीं है. रिपोर्ट्स के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने इस बार 19 ऐसी सीटों का चयन किया है, जहां स्थापना के बाद से ही पार्टी कभी जीत नहीं पाई.

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इनमें बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, हाथरस, बरेली, कानपुर, पीलीभीत, धौरहरा, गोंडा, बस्ती, वाराणसी, सुल्तानपुर और लखनऊ प्रमुख रूप से शामिल हैं. सपा सूत्रों का कहना है कि दूसरे कैटेगरी की सीटों पर सपा दावा नहीं करेगी. सपा वाराणसी, कानपुर और नोएडा कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है, जबकि बागपत, मथुरा, गाजियाबाद  जयंत चौधरी के हिस्से में देने की तैयारी है.

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