Friday - 12 January 2024 - 2:34 AM

थोक महंगाई दर ने बिगाड़ा किचन का बजट

जुबिली स्पेशल डेस्क

इन दिनों आम जनतों एलपीजी सिलेंडर के लगातार बढ़ रहे दामों को लेकर परेशान हैं। इस मुद्दे पर सरकार चौतरफा घिरी हुई है। विपक्ष जमकर सरकार के इस फैसले का विरोध कर रह है।

देश में महंगाई की मार से आम आदमी बेहाल है। आम-आदमी सबसे ज्यादा परेशान पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से है। पेट्रोल की आसमान छूती कीमतों ने नया रिकॉर्ड बना चुकी जबकि गैस के दामों में बढ़ोत्तरी लगातार देखने को मिल रही है।

इसके अलावा पिछले छह महीनों में खाद्य तेलों की कीमत भी दोगुनी हो गई है। इसके अलावा दूध, एलपीजी सिलेंडर, दालों की बढ़ी क़ीमतों ने भी आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है।

RBI का अनुमान है कि आने वाले तीन महीनों में अभी महंगाई की मार और पड़ेगी यानी अभी मुसीबत बाकी है। पिछले दो साल में कोरोना के कारण लॉकडाउन से मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन पर असर पड़ा है , जिस वजह से ये हालात हो गए है।

जानकारी के मताबिक महंगाई लगातार आठवें महीने बढ़ी है और यह 10 प्रतिशत से ऊपर जा पहुंची है। जरूरी बात ये है कि ‘पिछले साल के नवंबर में महंगाई दर सिर्फ 4.91 फीसदी पर अटकी थी लेकिन अब इसमे काफी अंतर देखने को मिल और आलम तो ये है कि अब ये 14.23 फीसदी पर पहुंच गई है ।

बढ़ती महंगाई पर राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया है कि ‘नए भारत’ में महंगाई का नया नाम –‘टैक्स वसूली’! इसके साथ ही राहुल गांधी ने हैशटैग के साथ #PriceRise #Extortion को भी अपने ट्वीट में शामिल करते हुए एक समाचार वेबसाइट की खबर का हवाला भी दिया है।

महंगाई का चढ़ता ग्राफ

  • अप्रैल- 10.74%
  • मई- 13.11%
  • जून- 12.07%
  • जुलाई- 11.16%
  • अगस्त- 11.66%
  • सितंबर- 10.66%
  • अक्टूबर- 12.54%
  • नवंबर -14.23%

वही सरकार का इसपर अलग दावा है कि उसके मुताबिक खाद्य महंगाई दर, रसायन के अलावा खनिज तेलों, धातुओं, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों से आया उछाल है। इस वजह से इसमें उछाल आया है।

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