Wednesday - 10 January 2024 - 6:49 AM

Diwali Puja Muhurat 2023 का क्या है शुभ मुहूर्त?

जुबिली स्पेशल डेस्क

दिवाली का त्यौहार कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस साल दिवाली 12 नवंबर यानी आज है।

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी अपने भक्तो पर कृपा बरसाती है।

यही नहीं लोग अपने घरों के आंगन में और मुख्य दरवाजे पर रंगोली बनाई जाती है। दिवाली की रात सर्वार्थ सिद्धि की रात मानी जाता है।

अगर आप भी दिवाली पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि दीपावली के दिन किस शुभ मुहूर्त और किस विधि से आप उनकी पूजा करें जिससे प्रसंन होकर मां लक्ष्मी आप पर कृपा बरसाए।

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लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

  • दोपहर का समय :- दोपहर 01:32 से दोपहर 02:52 तक
  • अभिजित मुहूर्त :- प्रात: 11:48 से दोपहर 12:34 तक
  • सर्वश्रेष्ठ पूजन का समय :- सायं 06:01 से सायं 06:16 (इसमें प्रदोषकाल, स्थिर वृषलग्न तथा कुम्भ का नवांश भी रहेगा।)
  • प्रदोष काल :- सायं 05:35 से रात्रि 08:14 तक
  • वृषलग्न :- सायं 05:51 से रात्रि 07:48 तक
  • सिंह लग्न :- मध्यरात्रि 12:21 से अंतरात्रि 02:37 तक
  • शुभ-अमृत- चर का चौघड़िया :- सायं 05:35 से रात्रि 10:33 तक
  • लाभ का चौघड़िया :- मध्यरात्रि 01:51 से अंतरात्रि 03:31 तक
  • शुभ का चौघड़िया :- अंतरात्रि 05:09 से अंतरात्रि 06:47 तक

पूजन करते समय इन मंत्रों का करें ध्यान

1 गणेश मंत्र

गजाननम्भूतगभू गणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्।
म् उमासुतं सु शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्।

2 लक्ष्मी मंत्र

ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:॥

3 कुबेर मंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥

ये सामग्री करें उपयोग

पूजा करने के लिए मां लक्ष्मी की प्रतिमा (कमल के पुष्प पर बैठी हुईं), गणेश जी की तस्वीर या प्रतिमा (गणपति जी की सूंड बांयी ओर होनी चाहिए), कमल का फूल, गुलाब का फूल, पान के पत्ते, रोली, सिंदूर, केसर, अक्षत (साबुत चावल), पूजा की सुपारी, फल, फूल मिष्ठान, दूध, दही, शहद, इत्र, गंगाजल, कलावा, धान का लावा(खील) बताशे, लक्ष्मी जी के समक्ष जलाने के लिए पीतल का दीपक,।

इसके अलावा मिट्टी के दीपक, तेल, शुद्ध घी और रुई की बत्तियां तांबे या पीतल का कलश, एक पानी वाला नारियल, चांदी के लक्ष्मी गणेश स्वरुप के सिक्के, साफ आटा, लाल या पीले रंग का कपड़ा आसन के लिए, चौकी और पूजा के लिए थाली।

इस तरह से करें पूजा

दिवाली की पूजा करने के लिए सबसे पहले पूजा का संकल्प लें। श्रीगणेश, लक्ष्मी, सरस्वती जी के साथ कुबेर जी के सामने एक-एक करके सामग्री अर्पित करें। इसके बाद देवी-देवताओं के सामने घी के दीए प्रवज्जलित करें। ऊं श्रीं श्रीं हूं नम: का 11 बार या एक माला का जाप करें। एकाक्षी नारियल या 11 कमलगट्टे पूजा स्थल पर रखें। श्री यंत्र की पूजा करें और उत्तर दिशा में प्रतिष्ठापित करें।

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